केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कसा तंज, कहा सीएम इसलिए दुःखी की कुर्सी कब जाएं पता नहीं…
विधायक, मंत्री और सीएम सभी दुःखी, कोई नहीं है ख़ुश। जानिए नितिन गडकरी ने क्यों कही यह बात...
भाजपा के कद्दावर नेता एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (nitin gadkari) और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ( congress ghulam nabi azad) दोनों ने सोमवार को जयपुर विधानसभा (jaipur vidhansabha) परिसर में ‘संसदीय प्रणाली और जन अपेक्षाएं’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में शिरकत की। इस दौरान दोनों वरिष्ठ नेताओं ने लोगों को संबोधित भी किया और इस दौरान दोनों ही नेताओं ने संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने पर काफी तवज्जो दी, लेकिन वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी इस बीच राजस्थान सरकार पर निशाना साधना नहीं भूले। जी हां सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस दौरान राजस्थान में चल रहे सियासी नाटक पर जमकर चुटकी ली।
वहीं बता दें कि दोनों नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि अगर संसदीय लोकतंत्र मजबूत होगा। तभी देश भी मजबूत होगा। मालूम हो इस कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा द्वारा किया था। इस दौरान गडकरी ने विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री पर तंज भी कसे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इसलिए दुखी हैं कि पता नहीं कब तक पद पर रहेंगे। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि यदि गरीब को राहत देने के लिए कानून तोड़ना पड़े, वह भी करूंगा।
सीएम पर गडकरी ने कसा तंज…
बता दें कि इस दौरान मंत्री नितिन गडकरी ने राजस्थान सरकार, मंत्री और मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इसलिए दुखी हैं कि पता नहीं कब तक पद पर रहेंगे। वहीं गडकरी ने कहा कि लोगों की भावनाओं को जीतकर आगे आना ही लीडरशिप कहलाता है। साइकिल, रिक्शा में लोगों को बैठे हुए जब एक व्यक्ति खींचता था तो यह देखकर मुझे दुख होता था, इसलिए ही ई रिक्शा शुरू करवाए। लेकिन अधिकारियों ने इसे गलत बताया। यह मामला कोर्ट तक गया, लेकिन मैंने कहा कि गरीब के लिए कानून तोड़ना पड़ेगा तो वह भी तोड़ूंगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ली चुटकी :
“MLA मंत्री न बनने पर दुखी, मंत्री CM न बन पाने से दुखी; मुख्यमंत्री इसलिए दुखी कि पता नहीं कब तक रहेंगे” : @nitin_gadkari#Jaipur #Rajasthan pic.twitter.com/c2xmTpGGbZ
— News24 (@news24tvchannel) September 14, 2021
बीजेपी में शामिल होने के कयास पर ग़ुलाम नबी की ना…
इसके अलावा जब पत्रकारों ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद से बीजेपी में शामिल होने की अटकलों की सच्चाई पूछी, तो उन्होंने कहा कि मुझ पर आरोप लगता है कि मैं बीजेपी में शामिल हो रहा हूं, लेकिन मैं कही नहीं जा रहा हूं। आजाद ने कहा कि आज के समय में विधानमंडल लाचार होने के साथ बड़ी कठिनाइयों से गुजर रहा है। इतना ही नहीं कार्यशाला के उद्धाटन सत्र में आजाद ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत से अपने संबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि पीएम से विपक्ष के नेता के संबंध बेहतर होने चाहिए। राजनीति में कटुता के लिए जगह नहीं होनी चाहिए। वाजपेयी जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने स्वर्गीय मदनलाल खुराना को मेरे पास भेजते हुए कहा कि इन्हें समझाना सदन कैसे चलता है।
हर कोई दुखी, ऐसे में दुःख का अंत नहीं…
वहीं कार्यशाला के समापन सत्र में गडकरी ने कहा कि मुश्किलें सब के साथ हैं। हर कोई दुखी है। विधायक मंत्री नहीं बनने के कारण दुखी हैं। मंत्री बन गए तो अच्छा विभाग नहीं मिलने से दुखी हैं और अच्छे विभाग के मंत्री बन गए तो मुख्यमंत्री नहीं बनने के कारण दुखी हैं। गड़करी ने कहा कि मुख्यमंत्री इसलिए दुखी हैं कि पता नहीं कब तक पद पर रहेंगे। गौरतलब हो कि ऐसा कहते हुए कार्यशाला के दौरान गडकरी ने किसी का नाम नही लिया लेकिन इस बयान का अपने अपने हिसाब से लोग मतलब निकाल रहें हैं,
कोई इसे राजस्थान सरकार और अशोक गहलोत से जोड़कर देख रहा तो वहीं कुछ इसे गडकरी का अपनी ही पार्टी पर तंज मान रहें हैं। जी हां रविवार को ही भाजपा ने गुजरात में मुख्यमंत्री बदला है। उन्होंनें कहा कि जाने-माने व्यंग्यकार शरद जोशी ने लिखा था कि जो राज्यों में काम के नहीं हैं, उन्हें दिल्ली भेज दिया जाता है। दिल्ली में जो काम के नहीं हैं, उन्हें राज्यपाल बना दिया जाता है। गडकरी ने कहा कि कांग्रेस नेता डा. श्रीकांत मेरे अच्छे मित्र थे। उन्होंने एक बार मुझे कांग्रेस में शामिल होने की सलाह दी थी, लेकिन मैंने कहा था कि उतार-चढ़ाव चलते रहते हैं, अपनी विचारधारा के प्रति निष्ठावान होना चाहिए।