मोहन भागवत ने लिखी विजय रुपाणी के इस्तीफे की स्क्रिप्ट, इन 4 वजहों से हटाया
गुजरात से विजय रुपाणी को हटाकर भूपेंद्र रजनीकांत पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया है
कल मोदी-शाह की जोड़ी ने भूपेंद्र रजनीकांत पटेल को गुजरात की कमान सौंप कर पूरे देश को चौंका दिया। हालांकि चोंकाया तो विजय रुपाणी के अचानक से दिए गए इस्तीफे ने भी, लेकिन उनके इस्तीफे की स्क्रिप्ट हाईकमान पहले ही लिखा चुका था और इस पर मुहर लगाई संघ प्रमुख मोहन भागवत ने। पर आखिरकार ऐसी क्या मजबूरी थी जो चुनाव से 1 साल पहले ही सीएम का चेहरा बदलना पड़ा।
भागवत की भूमिका
हाल ही में संघ प्रमुक मोहन भागवत ने गुजरात का दौरा किया था और माना जा रहा है कि ग्राउंड फीडबैक के आधार पर ये निर्णय लिया गया है। दरअसल उनके इस्तीफे की भूमिका जनवरी में हुई संघ की बैठक में ही बन चुकी थी इस बैठक में बीजेपी के नेताओं के काम की समीक्षा की गई थी, तभी रुपाणी को संदेश दे दिया गया था। लेकिन उन्हें जनवरी 2022 तक की मोहलत दी गई थी पर उससे पहले ही इस्तीफा ले लिया गया।
हाल ही में भागवत के गुजरात दौरे के दौरान उन्होंने बैठक में कहा था कि कोरोना के कारण गुजरात मॉडल को काफी क्षति पहुंची है इससे गुजरात की जनता पर गहरा असर पड़ा है जो कि आने वाले चुनाव में नुकसानदायक साबित हो सकता था।
एंटी इनकंबेंसी
पिछले कुछ समय में रुपाणी ऐसा कोई खास काम नहीं कर पाए जिससे जनता में उनकी छवि बदले। संघ नहीं चाहता कि समय के साथ जनता में रुपाणी के खिलाफ नाराजगी गहरी होती जाए। साथ ही वो नए मुख्यमंत्री के साथ नई रणनीति पर चर्चा करना चाहता है जिससे आने वाले चुनाव में दिक्कत न हो।
केंद्र का सख्त फैसला
सीएम को हटाने से गुजरात की जनता में यह संदेश जाएगा कि मोदी-शाह की जोड़ी ने ठीक काम न करने और कोरोना पर काबू न कर पाने के चलते रुपाणी को हटाया। इसे केंद्र सरकार के सख्त फैसले के रूप में देखा जाएगा।
बीजेपी की रणनीति
पिछले कुछ महीनों में बीजेपी आने वाले 4 चुनावी राज्यों के मुख्यमंत्री बदल चुकी है। पुराने चेहरों को हटाकर उनके खिलाफ खड़ी हुई एंटी-इनकंबेंसी और पुराने दागों को हटाकर नया चेहरा सामने लाना चाहती है, साथ ही नई लीडरशिप खड़ी करना चाहती है। हाल ही में बीजेपी ने कर्नाटक से येदुरप्पा, उत्तराखंड में 2 सीएम त्रिवेंद्र सिंह और तीरथ सिंह रावत ओर असम से सरबानंद सोनवाल को सीएम पद से हटाया था। खास बात ये है कि विजय रुपाणी भी ऐसे ही रिशफल के बाद सीएम बने थे जब आनंदीबेन पटेल से इस्तीफा लिया गया था।
पटेल को सीएम बना कर चौंकाया
भूपेंद्र रजनीकांत पटेल आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा इस बारे में किसी ने नहीं सोचा था। मीडिया रिपोर्ट्स में भी उनका नाम कहीं नहीं था। लो प्रोफाइल रहने वाले भूपेंद्र पहली बार विधायक बने हैं उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के कहने पर घाटलोड़िया सीट से टिकट दिया गया था। हालांकि वह अपने पहले ही चुनाव में 80 हजार के वोट मार्जिन से जीते थे। इससे पहले पटेल अहमदाबाद विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और अहमदाबाद के मेयर भी रह चुके हैं।
ओबीसी वोट बैंक साधा
गुजरात में 2022 में चुनाव है। इसमें कोई दो राय नहीं कि सीएम चुनाव के चलते ही बदला गया है। अगर गौर से देखें तो गुजरात में 40 प्रतिशत मतदाता पिछड़ा वर्ग से आते हैं ऐसे में उन सभी के वोट को साधा जा सकेगा। साथ ही भूपेंद्र नया चेहरा है तो उन पर कोई भी दाग नहीं लगा है इससे बीजेपी की छवि को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।