विदेशों में रहने के बाद भी माधुरी अपने बच्चों की परवरिश भारत में करना चाहती है, वजह है दिलचस्प
कहीं न कहीं यह हर मां की इच्छा होती है कि वह अपने बच्चे की अच्छी परवरिश करें। इतना ही नहीं बच्चों की हर सुख-सुविधाओं का ख़्याल भी हर मां रखती है और वह यही सोचती है, कि मेरा बच्चा आगे चलकर कुछ ऐसा करे जिससे सभी का नाम रोशन कर दे। यह एक मां के हाथ में होता है कि उसका बच्चा किस हिसाब से चले। ऐसे में आज हम आपको बॉलीवुड की एक मॉम के बारे में बता रहे हैं, जो अपने बच्चों के साथ काफी इंजॉय करती हैं। बता दें कि यह है मशहूर अभिनेत्री माधुरी दीक्षित।
जी हां बॉलीवुड की सुपर मॉम्स में से एक हैं माधुरी दीक्षित, जो इतनी बिजी रहने के बावजूद भी अपने बच्चों के लिए समय निकालती है और उनकी परवरिश में भी किसी तरह की कमी नहीं होने देती। बता दें कि यहां खास बात यह है, कि इतनी बड़ी अदाकारा होने के बाद भी माधुरी दीक्षित अपने बच्चों के साथ पूरा समय बिताती हैं। माधुरी ने अपने बच्चों के लिए कुछ नियम भी बनाए हैं। अगर आप भी एक मां है, तो यह नियम आपके लिए काफी लाभकारी हो सकते हैं।
आप सभी को जानकारी के लिए बता दें कि माधुरी दीक्षित के दो बेटे हैं आरिन और रायन। माधुरी दीक्षित की शादी होने के बाद वह 12 साल तक डेनवर में ही रही। इनके दोनों बच्चे डेनवर में ही जन्मे थे। बच्चे होने के बाद माधुरी दीक्षित ने बॉलीवुड में वापसी की और अपनी मां और काम के प्रति बखूबी जिम्मेदारी निभाई।
पश्चिमी संस्कृति से माधुरी को था डर…
बता दें कि माधुरी दीक्षित ने 12 साल डेनवर में बिताए। उन्होंने वहां अपने पति और बच्चों के साथ बहुत अच्छे से समय बिताया और इंजॉय किया। डेनवर में रहते समय माधुरी दीक्षित मीडिया से काफी दूर थी। माधुरी अपने बच्चों के साथ पार्क में खेला करती थी और खुलकर सांस लिया करती थी।
इतना ही नहीं, माधुरी दीक्षित से एक इंटरव्यू में पूछा गया था कि अगर उन्हें डेनवर में और समय बिताना होता तो? बता दें कि माधुरी दीक्षित ने इस सवाल का बहुत अच्छे से जवाब दिया कि अगर वह यूएसए में और समय बिताती तो उनके बच्चे वहां की संस्कृति अपना लेते और भारतीय संस्कृति से दूर हो जाते। जिस कारण उन्हें देश बदलने में काफी दिक्कत होती।
बच्चों को जड़ों से जोड़ कर रखना चाहती थी माधुरी…
गौरतलब हो कि डेनवर में रहने के बावजूद भी माधुरी दीक्षित ने अपने अंदर की भारतीय संस्कृति को कभी मरने नहीं दिया। माधुरी दीक्षित बताती हैं कि, जब उन्होंने इंडिया आने का फैसला लिया था तब उनके बच्चे काफी चौंक गए थे। वह आगे यह भी बताती हैं, कि अगर आपको यूएसए में खेलना हो तो आपको वहां पर प्ले डेट्स लेनी पड़ती है। लेकिन इंडिया में ऐसा नहीं है इंडिया में आप अपने पड़ोस के बच्चों के साथ कभी भी खेल सकते हैं। ऐसा चेंज बच्चों के लिए काफी जरूरी था। इसलिए उन्होंने इंडिया आना सूटेबल समझा।
वहीं आप सभी को माधुरी से जुड़े एक राज की बात बताएं तो माधुरी दीक्षित को ‘स्ट्रिकट मदर’ के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने अपने बच्चों को बचपन से ही अच्छी आदत डालने की कोशिश की है। उनका मानना है, कि अगर बच्चों को छोटी उम्र में ही आप अच्छी आदतें डालना शुरू कर दोगे तो वह आगे चलकर डिसिप्लिन में रहेंगे और किसी से भी बुरा बर्ताव नहीं करेंगे।
मालूम हो जहां एक तरफ माधुरी दीक्षित को स्ट्रिक्ट मॉम कहा जाता है तो वही दूसरी तरफ माधुरी दीक्षित को कूल मॉम के नाम से भी जाना जाता है। उनका यह भी मानना है कि, बच्चों के साथ समय बिताना व खेलना बहुत जरूरी है। कहीं ऐसा न हो कि वह कम उम्र में एक मेच्योर आदमी की तरह बर्ताव करने लगे। माधुरी दीक्षित अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देना चाहती हैं जिससे वे आगे चलकर सही निर्णय ले सके।