किसानों की कर्जमाफी की कीमत कौन चुकायेगा? ये जान लेंगे तो मोदी सरकार को कोसना छोड़ देंगे!
नई दिल्ली – किसान हमारे अन्नदाता थे, हैं और रहेंगे। इस बात से न तो हम इंकार कर सकते हैं और न आप। लेकिन, देश के अन्नदाता पिछले कुछ समय से आक्रोश में हैं और कई जगहों पर उनका प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है। इसी उग्र आंदोलन को देखकर महाराष्ट्र सरकार को कर्ज माफी के मजबूर होना पड़ा। मध्यप्रदेश सरकार ने तो पहले से बिना ब्याज का कर्ज दे रखा था और अब 5 कथित किसानों के मारे जाने के बाद मूल राशि भी माफ करने को मजबूर होती दिख रही है। उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही किसानों के कर्जमाफ कर चुकी है। Farm loan waivers effect.
सभी को यूं भारी पड़ेगी किसानों की कर्ज माफी :
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है मौजूदा कृषि व्यवस्था में किसानों को उनकी खून-पसीने की मेहनत का पूरा फल नहीं मिल पा रहा है, लेकिन जो लोग ये सोचते हैं कि कर्ज माफी से इसका इलाज हो सकता है, वो गलत हैं। इस बात को हम इस तरह से समझ सकते हैं कि सरकार का अपना कोई खजाना नहीं होता वो तो हमारा ही पैसा होता है जो सरकार हमें कई रूपों में देती है और जब सरकार किसी प्रकार के कर्ज को माफ करती है तो उसे अन्य रूप में अन्य लोगों से वसूलती भी है।
किसानों की कर्जमाफी की कीमत नौकरीपेशा लोग चुकायेंगे :
अगर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाए तो इसका पहला असर देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा, जिसकी भरपाई आम आदमी से करने के लिए सरकार मजबूर हो जाएगी और नौकरीपेशा लोगों को इसका बोझ उठाना पड़ेगा। दूसरी बात यह है कि इस तरह किसानों का कर्ज माफ करने से विजय माल्या जैसे डिफॉल्टरों को बढ़ावा मिलेगा। कर्जमाफी से मोदी सरकार ने हाल ही में अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए जो कड़े फैसले लिए हैं, वो राज्य सरकारों के इस तरह के कर्ज माफ करने से बेअसर हो जाएंगी। कर्जमाफी का असर आम आदमी पर होगा और महंगाई बेकाबू हो जाएगी।
जान-बूझकर किसान नहीं चुकाते बैंकों का कर्ज :
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज बैंकरों के साथ बैठक की है। जहां कई सरकारी बैंकों के अधिकारियों ने कहा है कि किसान सरकार द्वारा कर्ज माफी की उम्मीद में जानबूझकर बैंक द्वारा लिया गया लोन नहीं चुकाते हैं। किसान बैंको से कर्ज तो ले रहे हैं लेकिन उन्हें लगने लगा है कि आंदोलन करने और बवाल करने से उनका कर्ज माफ हो जाएगा इस वजह से वो इसे चुकाने से कतरा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त पूरे देश के किसानों पर करीब 10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। अगर, वास्तविकता की बात करें तो किसान शायद अपनी जगह सही हैं, लेकिन सरकार भी गलत नही है।
***