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पूरा पर्दाफाश !! किस तरह मीडिया ने की आतंकी बुरहान को “हीरो” बनाने की कोशिश

4. हिंदुस्तान टाइम्स

कांग्रेस पार्टी का करीबी माने जाने वाला यह अखबार बुरहान केस में शुरू से ही एक खास
लाइन लेकर चल रहा है। उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर में हिंसा की आशंका जताकर पहले ही आग में
घी डालने का काम किया था। इस अखबार ने ट्विटर पर बाकायदा पोल करवाया कि “क्या
बुरहान की मौत से कश्मीर में माहौल खराब होगा?” सवाल यह है कि क्या किसी आतंकवादी
को सिर्फ इसलिए न मारा जाए, क्योंकि उससे माहौल खराब हो जाएगा?

5. राहुल कंवल

इन्होंने एक बचकाना सा ट्वीट किया कि बेरोजगारी की वजह से कश्मीर में बुरहान जैसे लोग
आतंकवादी बन जाते हैं। अगर बेरोजगारी की बात करें तो देश में कई दूसरे राज्यों के हालात
कश्मीर से भी बुरे हैं। क्या उन जगहों के नौजवान हथियार उठा लेते हैं? इस सवाल का जवाब
शायद राहुल कंवल को नहीं सूझा और उन्होंने चुप रहना ही बेहतर समझा। खैर इस बेवकूफी भरी
राय के लिए सोशल मीडिया पर राहुल कंवल हंसी का पात्र बने रहे।

 

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