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12 साल बाद पाक जेल से छूटकर बाँदा पहुँचें राम, मां-बाप की पथराई आँखों से छलके ख़ुशी के आँसू…

जिस बेटे को बूढ़े मां-बाप मान चुके थे मृत, 12 साल बाद वह पाक जेल से वतन लौटा। देखें तस्वीरें...

12 साल बाद पाकिस्तान की लाहौर जेल से रिहा हुआ बांदा जिले के पचोखर गांव का रहने वाला रामबहादुर गुरुवार को जब अपने घर पहुंचा तो परिजन खुशी से झूम उठे। जी हां बता दें कि इस दौरान मां-बाप की पथराई आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। जिला प्रशासन की टीम ने रामबहादुर को उसके गांव पचोखर पहुंचाया।

वहीं इस मौके पर रामबहादुर ने बताया कि पाकिस्तान की जेल में रोज उसे मारा-पीटा जाता था। दरअसल, अतर्रा थाना क्षेत्र के पचोखर गांव निवासी 45 वर्षीय रामबहादुर पुत्र गिल्ला 12 साल पहले काम की तलाश में अपने घर से चला गया था। वह भटकते-भटकते पाकिस्तान के बॉर्डर के अंदर घुस गया था। जिसके बाद रामबहादुर को पाकिस्तान की फोर्स ने पकड़कर लाहौर जेल में बंद कर दिया था। तभी से परिवार वाले रामबहादुर के घर वापस आने की राह देख रहे थे और अब रामबहादुर के घर आते ही सभी के आँखों से ख़ुशी के आंसू छलक पड़ें।

Ram Bahadur returned from pakistan after 12 years

बता दें कि करीब 12 वर्षों के बाद रामबहादुर को पाक की लाहौर जेल से रिहा कर 14 अगस्त को वाघा बॉर्डर पर बीएसएफ को सुपुर्द किया गया था, जहां रामबहादुर की जांच-पड़ताल की गई। वहीं, बांदा जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह के निर्देश पर टीम बनाकर बबेरू नायब तहसीलदार अभिनव तिवारी, अतर्रा थाने पर तैनात उपनिरीक्षक सुशील चौरसिया को अमृतसर भेजा गया था। टीम गुरुवार की दोपहर रामबहादुर को लेकर बबेरू तहसील पहुंची।

वहीं रामबहादुर को उसके परिजनों को सुपुर्द करने के लिए नायब तहसीलदार अभिनव तिवारी टीम के साथ पचोखर गांव के लिए रवाना हो गए। गांव पहुंचते ही घर वाले खुशी से झूम उठे।

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मां-बाप ने एक समय बेटे को मान लिया था मृत…

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बता दें कि अपने जवान बेटे रामबदादुर की गुमशुदगी ने मां-बाप को बुरी तरह तोड़ दिया था। आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते बांदा के बाहर यह दंपती भाग दौड़ भी न कर सका और अपने बेटे को मृत मान कर दिल पर पत्थर रखकर बैठे गए। आज रामबहादुर के वापस आने से घर वाले बेहद प्रसन्न हैं और मां-बाप की खुशी का ठिकाना नहीं है।

जर्जर हालत में है रामबहादुर का घर…

Ram Bahadur returned from pakistan after 12 years

बात रामबहादुर के घर की करें। तो उसका टूटा-फूटा कच्चा घर बेहद जर्जर हालत में है। इसी में उसके बूढ़े मां-बाप रहते हैं। रामबहादुर 12 साल पहले साइकिल लेकर गांव से निकला था और उसके बाद उसका कोई पता नहीं चला। बीते दिनों पुलिस-प्रशासन की टीम जांच करते हुए रामबहादुर के गांव पहुंची। प्रशासन ने रामबहादुर के घर जाकर कंफर्म किया कि इनका कोई बेटा 12 साल पहले घर से गायब हुआ था। तब जाकर उसका पता चला और अब बेटे के घर आने की ख़ुशी में मां ने मिठाई ख़िलाकर उसका स्वागत किया।

Ram Bahadur returned from pakistan after 12 years

सिर्फ़ एकटक सबको देखता रहा रामबहादुर…

Ram Bahadur returned from pakistan after 12 years

12 साल पाकिस्तान की जेल में बीतने के बाद रामबहादुर ख़ाली हाथ कुर्ता-पायजामा पहनकर अपने घर आया, लेकिन सालों बाद वह माता-पिता व अन्य किसी भी परिजन को नहीं पहचान सका।

rambahadur-meet-his-parents-in-banda-after-twelve-years-he-was-in-pakistan-jail

सभी को सिर्फ़ वह एकटक देखता रहा और छोटे भाई मैकू ने उसके पैर छुए। पिता ने गले लगाया और मां कुसुमा ने तिलक लगाकर मिठाई खिलाई। तब रामबहादुर ने पिता, मां और अन्य बड़े-बुजुर्गों के पैर छुए। रामबहादुर को देखने बड़ी संख्या में ग्रामीण भी उसके घर में जुटे हुए हैं।

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