यह तो हम सभी को पता है कि तालिबान ने बीते 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर अपना कब्ज़ा जमा लिया था और क़रीब एक महीने के भीतर ही तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी अंतरिम सरकार का ऐलान भी कर दिया है। जी हां तमाम ऊहापोह के बीच अफगानिस्तान की नई सरकार में मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है और शेख मौलवी नूरल्लाह मुनीर देश के नए शिक्षामंत्री हैं।
बता दें कि अफगानिस्तान में नई सरकार बनने के बाद कई अहम बदलाव किए गए हैं। इनमें सबसे बड़ा बदलाव शिक्षा के क्षेत्र में हुआ है। जी हाँ यहां की स्कूलों में अब कक्षाओं के अंदर लड़के और लड़कियां अलग-अलग बैठते हैं। बीच में पर्दे के जरिए कक्षा को बांट दिया गया है और लड़कियों के स्कूलों में सिर्फ महिला शिक्षक या बुजुर्ग शिक्षकों को ही पढ़ाने की अनुमति दी गई है।
This is the Minister of Higher Education of the Taliban — says No Phd degree, master’s degree is valuable today. You see that the Mullahs & Taliban that are in the power, have no Phd, MA or even a high school degree, but are the greatest of all. pic.twitter.com/gr3UqOCX1b
— Said Sulaiman Ashna (@sashna111) September 7, 2021
वहीं बता दें कि इसी बीच देश के शिक्षामंत्री शेख मौलवी नूरल्लाह मुनीर ने कहा है कि आज के वक्त में पीएचडी (PHD) या किसी दूसरी मास्टर डिग्री की वैल्यू नहीं है। उन्होंने कहा कि, “आज मुल्ला और तालिबान सरकार में है, किसी के पास कोई डिग्री नहीं है लेकिन फिर भी महान हैं। ऐसे में आज के वक्त में किसी तरह की पीएचडी या मास्टर डिग्री की ज़रूरत नहीं है।
” वैसे एक विशेष बात जबसे तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा किया है। तभी से अफगानियों की स्थिति बद्दतर बताई जा रही है। ख़ासकर महिलाओं पर ज़ुल्म तालिबानियों के आने के बाद ज़्यादा बढ़ गया है और अगर एक देश का शिक्षामंत्री ऐसे बयान देगा तो आप समझ सकते हैं कि उस देश की हालत कैसी होगी?
अफगानिस्तान में शरिया कानून के तहत होगी शिक्षा…
बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने के बाद कहा है कि देश में इस्लामिक और शरिया कानून के तहत शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही आधुनिक शिक्षा पर भी जोर दिया जाएगा। देश के स्कॉलर्स को घबराने की जरूरत नहीं है।
कैसी है नई तालिबानी सरकार…
गौरतलब हो कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के अफगानिस्तान से भागने के बाद तालिबान ने 15 अगस्त के दिन अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिका का कब्जा था और 31 अगस्त तक अमेरिका सहित सभी देशों ने अफगानिस्तान से अपने लोगों को बाहर निकाला।
31 अगस्त को अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान ने पूरी तरह से अफगानिस्तान की सत्ता अपने हाथ में ली और अगले कुछ दिनों में पंजशीर में भी कब्जा करने का दावा किया है। अब यहां नई सरकार का ऐलान भी हो चुका है।अफगानिस्तान की नई सरकार में मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद नए प्रधानमंत्री हैं, जबकि मुल्ला अब्दुल गनी, मौलवी अब्दुल सलाम हनफी उप-प्रधानमंत्री बने हैं।
सरकार है या आतंकियों की भरमार…
बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान की नई सरकार में मौलवी मोहम्मद याकूब को रक्षा मंत्री, मुल्ला सिराज उद दीन हक्कानी को आंतरिक मामलों का मंत्री, मौलवी अमीर खान मुतक्की को विदेश मंत्री का पद दिया है। इस सरकार में बड़े पदों पर बैठे कई लोगों को संयुक्त राष्ट्र आतंकी घोषित कर चुका है और कई लोगों पर अमेरिका जैसे देशों ने ईनाम भी रखा है। ऐसे में समझ नहीं आता यह सरकार है या फ़िर आतंकियों की शरण स्थली।