ये कैसी लाचारी? जिंदा बीवी को कंधे पर लेकर चला बुजुर्ग, कुछ देर बाद शव को कंधे पर वापस लाना पड़ा
पति और पत्नी का रिश्ता सबसे प्यारा होता है। ये रिश्ता यदि सच्चा हो तो मरते दम तक साथ चलता है। एक असली जीवनसाथी वही होता है जो अपने पार्टनर के हर सुख दुख में उसका साथ देता है। लेकिन यदि इस बीच अचानक उसका जीवनसाथी भगवान पास चले जाए तो उसकी जिंदगी में एक खालीपन सा आ जाता है। हर पार्टनर की पूरी कोशिश यही होती है कि वह अपने जीवनसाथी को हमेशा सुखी और सेहतमंद रखें। ऐसी ही कोशिश एक बुजुर्ग ने भी की, लेकिन फिर जो हुआ वह बहुत दर्दनाक था।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र के कई जिलों में ताबड़तोड़ बारिश हो रही है। बारिश का कहर इस कदर बरस रहा है कि कई जगहों पर भूस्खलन तक हो गया है। भूस्खलन और बाढ़ के चलते कई रास्ते बंद हो गए हैं। लोगों का आना जाना बंद हो गया है। कोई वाहन न तो आ रहा है और न जा रहा है। ऐसे में यदि किसी को अचानक मेडिकल हेल्प की जरूरत पड़ जाए तो बड़ी मुश्किल आ जाती है।
अब नंदुरबार जिले की इस मार्मिक घटना को ही ले लीजिए। यहां चांदसैली इलाके में भारी बारिश के चलते गांव से बाहर जाने के सभी रास्ते बंद हो गए। इस बीच एक शख्स की पत्नी सिदलीबाई की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उसे जल्द से जलद जिला अस्पताल ले जाना था। लेकिन रास्ते बंद होने के चलते कोई वाहन भी बाहर नहीं जा पा रहा था। ऐसे में बुजुर्ग शख्स के पास कोई रास्ता नहीं बचा और वह अपनी बीमार पत्नी को कंधे पर लादकर जिला अस्पताल की ओर चल पड़ा।
बारिश की वजह से सभी रास्ते बंद थे, बस एक पगडंडी (कच्चा रास्ता) बचा हुआ था। बुजुर्ग पत्नी को इसी रास्ते से कंधे पर उठाकर ले गया। हालांकि बीच रास्ते में ही उसकी बीवी ने दम तोड़ दिया। उसके इलाज में देरी हो जाने की वजह से उसकी मौत हो गई। पत्नी की मौत के बाद बुजुर्ग कई देर तक रोड पर ही रोता बिलखता रहा। कभी उसने सरकार को दोष दिया तो कभी अपनी किस्मत को कोसा।
बीवी के मरने के बाद बुजुर्ग उसके शव को फिर से कंधे पर लादकर अपने गांव लाया। यहां उसने उसका अंतिम संस्कार किया। जिसने भी यह मार्मिक तस्वीरें देखी उसका दिल पसीज गया। उन्हें एहसास हुआ कि गांव में रह रहे लोग किन किन कठिनाइयों से गुजर रहे हैं। उधर सोशल मीडिया पर जब ये तस्वीर वायरल हुई तो लोग सरकार को दोष देने लगे। बोलने लगे कि गांवों में भी अच्छे मार्गों का विकास होना चाहिए। आज यदि वहाँ के रास्ते अच्छे होते तो बुजुर्ग की पत्नी जिंदा होती।
बताते चलें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब हमे इस तरह के नजारे देखने को मिले। इसके पहले भी कई लोग अपने प्रियजनों के शव को कंधे, साइकिल या मोटरसाइकिल पर ले जाते दिखे हैं। वहीं बारिश की वजह से हर साल कई लोगों की जान भी जाती है। वैसे इस पूरे मामले को आप किस तरह से देखते हैं हमे कमेन्ट कर जरूर बताएं।