बिग बॉस OTT की उर्फी जावेद को लोगों ने बताया जावेद अख्तर की पोती, शबाना आजमी ने बताई सच्चाई
क्या सच में उर्फी को जावेद अख्तर की पोती है?
इस बार बिग बॉस OTT पर भी नज़र आ रहा है जिसे दर्शक खूब पसंद कर रहे हैं। इसी बिग बॉस की कंटेस्टेंट हैं उर्फी जावेद जिन्हें जावेद अख्तर की पोती बताते हुए पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लोग इस वीडियो के साथ जावेद अख्तर के तालिबान के समर्थन में दिए बयान को जोड़ कर अब उन्हें ट्रोल कर रहे हैं, लेकिन वायरल वीडियो की हकीकत कुछ और ही निकली। जैसे ही ये बात शबाना आज़मी को पता चली तो उन्होने तुरंत सच्चाई सामने लाते हुए नेटीजन्स के साथ जावेद अख्तर और अपनी दोनों पोतियों की तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की।
दरअसल उर्फी की ये तस्वीर मुंबई एयरपोर्ट की है। उन की इस पोस्ट को ट्वीट करते हुए एक यूज़र ने लिखा कि “यह जावेद अख्तर की पोती उर्फी जावेद है मुंबई एयरपोर्ट पर इस का पहनावा देखिए तालिबानी चाहक लोग बतावे इसको सरिया कानून के अनुसार क्या सजा बनती है”। तालिबान किस तरह से महिलाओं पर जुल्म कर रहा है ये सभी को मालूम है उसके बावजूद जावेद अख्तर ने तालिबान का समर्थन किया था इसी के चलते देशभर में उनका विरोध हो रहा था।
यह जावेद अख्तर की पोती उर्फी जावेद है मुंबई एयरपोर्ट पर इस का पहनावा देखिए
तालिबानी चाहक लोग बतावे इसको सरिया कानून के अनुसार क्या सजा बनती है pic.twitter.com/t4QRwjWMaI
— °Atul Kumar °Kushwaha (@RealAtulsay) September 6, 2021
सोशल मीडिया पर लोग भले ही बिना देखे इस वीडियो पर भरोसा कर रहे हो लेकिन इस झूठ से पर्दा उठाया जावेद अख्तर की पत्नि शबाना आज़मी ने। जैसे ही उन्हें पता चला उन्होने तुरंत अपनी दोनों पोतियों के साथ जावेद अख्तर की तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की और लिखा ‘जावेद बहुत खुश होते हैं जब वो अपनी पोतियों के साथ होते हैं’।
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इस मामले में शबाना आजमी की टीम की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया कि उर्फी और उनके परिवार में कोई रिश्ता नहीं है। ये किसी व्यक्ति की शरारत है जिसने ऐसे पोस्ट करके जावेद अख्तर के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की है। जावेद अख्तर की दो पोतियां हैं शाक्या अख्तर और अकीरा अख्तर। ये दोनों ही फिल्ममेकर और एक्टर जावेद अख्तर की बेटियां हैं.
जावेद अख्तर का विवादित बयान
जावेद अख्तर ने हाल ही तालिबान की तुलना राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से करते हुए कहा था कि आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल जैसे संगठनों का भी उद्देश्य वही है, जो तालिबान का है लेकिन भारतीय संविधान इनके लक्ष्य की राह में आड़े आ रहा है अगर मौका मिला तो ये लोग भी उस बाउंड्री को किसी दिन पार कर जाएंगे।