Birthday Special: सुरों की मल्लिका ने 16 साल की उम्र में ऐसे रचाई थी शादी। जानिए…
आशा ताई और लता मंगेशकर के रिश्तों में एक समय आई थी खटास। जानिए क्या था वह किस्सा...
हिंदी सिनेमा की बेहतरीन आवाज, सुरों की मल्लिका आशा भोसले आज अपना 86 वां जन्मदिन मना कर रही हैं। जी हां आशा भोसले का जन्म 8 सितंबर 1933 को हुआ था। ‘गोल्डन आशा’ के नाम से मशहूर आशा भोंसले अब तक करीब 12 हजार से भी ज्यादा गाने गा चुकी हैं और लोग उन्हें प्यार से ‘आशा ताई’ के नाम से भी पुकारते हैं और वे करीब 20 भाषाओं में गानें गा चुकी हैं।
जी हां जिन्हें लोग ‘सुरों की मल्लिका’ भी कहते हैं, उनका जन्म 8 सितंबर 1933 को महाराष्ट्र में हुआ था। वह मशहूर गायिका लता मंगेशकर की छोटी बहन हैं। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर मराठी थे और मां शेवंती गुजराती थीं। बता दें कि आशा को बचपन से ही गाने का शौक था। इस दौरान उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से इस मुकाम को हासिल किया है।
गौरतलब हो कि आशा भोसले के पिता क्लासिकल सिंगर थे, जब वह 9 साल की थीं, तब उनके पिता का निधन हो गया था। तब उन्होंने अपनी बड़ी बहन लता मंगेशकर के साथ फिल्मों में गाना और एक्टिंग शुरू की थी और उसी समय से लगातार आशा मेहनत करती गईं और मुकाम हासिल कर लीं। बता दें कि वे 10 साल की उम्र से गाना गा रही हैं।
मराठी फिल्म में गाया था पहला गाना…
बता दें कि आशा भोसले (Asha Boshle) ने पहली बार साल 1943 में आई मराठी फिल्म ‘मझा बाल’ का सॉन्ग ‘चला चला नव बाला’ गाया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 1948 में आई फिल्म ‘चुनारिया’ का सॉन्ग ‘सावन आया’ उनका हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में पहला डेब्यू गाना था। इस दौरान उन्होंने पहला सोलो हिंदी सॉन्ग फिल्म ‘रात की रानी’ (1949) में गाया। इसके बाद से उन्होंने एक से बढ़ कर एक गाना गा कर लोगों के दिलों पर राज किया है। आशा आज भी कइयों की पहली पसंद हैं और उनके गाने लोगों की जुबान पर होते हैं।
16 साल में शादी के बंधन में बंध गई थी आशा ताई…
गौरतलब हो कि आशा भोसले ने जहां 10 साल की उम्र से गाना शुरू कर दिया था। वहीं 16 साल की उम्र में शादी भी हो गई थी। इस दौरान उनकी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव भी आए, जिसमें आशा ने हर परिस्थितियों का सामना किया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आशा ने 31 साल के गणपतराव भोसले के साथ पारिवारिक इच्छा के खिलाफ जाकर शादी की थी। गणपत राव लता मंगेशकर के निजी सचिव थे। गणपतराव का परिवार उन्हें स्वीकार नहीं कर पाया। इसके बाद कई पारिवारिक समस्याएं भी आई। बाद में वह मायके में रहने लगीं और साल 1980 में उन्होंने ‘पंचम दा’ यानी आरडी बर्मन से शादी कर ली।
बता दें कि इस दौरान आशा भोसले आरडी बर्मन के कंपोजिशन में ‘आजा आजा’, ‘ओ हसीना जुल्फों वाली’ और ‘ओ मेरे सोना रे’ लोगों को झूमाने वाले गाने गाए। इसमें उनके साथ मोहम्मद रफी थे। इसके बाद उन्होंने रेखा स्टारर फिल्म ‘उमराव जान’ की सभी गजलें गाईं। इसके लिए उन्हें नेशनल फिल्म अवार्ड मिला। इसके कुछ साल बाद उन्हें ‘मेरा कुछ सामान’ गाने के लिए भी नेशनल फिल्म अवार्ड मिला।
ओ.पी. नैय्यर ने दिलाया था बड़ा ब्रेक…
16 साल की उम्र में उन्होंने फिल्म ‘रात की रानी’ में ‘हैं मौज में अपने बेगाने’ गीत गाया था और 1948 से लेकर 1957 तक उन्होंने ढेर सारे गीत गाए, लेकिन उन्हें याद नहीं रखा जा सका क्योंकि वे छोटी फिल्मों में गाए हुए गाने थे, जिनमें कोई बड़ा चेहरा नहीं था। उसके बाद 1957 में ओ.पी. नैय्यर ने उन्हें बड़ा ब्रेक दिया। इसके बाद उन्हें कई बड़ी फिल्मों में गाना गाने का मौका मिला और फिर आशा ताई बुलंदियों की ऊंचाइयों पर चढ़ती चली गईं।
इस वज़ह से बहनों में आई दूरियां…
बता दें कि आशा भोसले को अपनी ही बड़ी बहन लता मंगेशकर के सेक्रेटरी गणपतराव भोंसले से प्यार हो गया था। उस समय आशा ताई की उम्र सिर्फ़ 16 साल थी और गणपतराव 31 साल के थे। लता मंगेशकर ने आशा और गणपत के इस रिश्ते को मंजूरी नहीं दी, जिसके बाद आशा ताई और गणपतराव ने भागकर शादी कर ली थी और इसके बाद लता और आशा के बीच काफी दूरियां आ गई थी और दोनों ने काफी समय तक एक दूसरे से कोई बात नहीं की।