तुम कितने बुरहान मारोगे हर घर से बुरहान निकलेगा
बुरहान की मौत के बात घाटी में शुरू हो गया है मौतों का सिलसिला
जम्मू और कश्मीर सरकार ने राज्य के लोगों से शांति बनाए रखने की है। बुरहान जैसे उग्रवादी के मौत के बाद छह और लोगों की इन अंतहीन प्रदर्शनों के दैरान मौत हो गयी। घाटी में होने वाली मौतों की संख्या में इजाफा आ रहा है और ये 2 दिन में 21 तक पहुंच चुकी है, घाटी में कर्फ्यू अभी भी जारी है।
सड़क पे प्रदर्शन के दौरान 27 वर्षीय उपद्रबी, शब्बीर अहमद को सुरक्षाबलों द्वारा गोली मार के घायल कर दिया गया और फिर उसने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। शनिवार को सरकार विरोधी प्रदर्शन के भड़काने के बाद उत्तर कश्मीर के बहार ये पहला मामला था जहाँ किसी के आहत होने की खबर है।
यह घटना बटमालू में हुई, जिसे अलगाववादियों का अड्डा भी माना जाना है।
उत्तरी कश्मीर के पुलवामा जिले में भी सुरक्षाबलों की ताज़ा फायरिंग के दौरान फ़ैयाज़ अहमद मीर नमक आतंकी मारा गया।
पुलवामा में ही कहीं सड़क पे हो रहे प्रदर्शन का फायदा उठा कर आतंकवादियों ने 4 सीआरपीएफ जवान को हथगोला फेंक कर घायल कर दिया।
हाल ही में 4 और मौतों की सूचना मिली है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भीड़ इस तरह गुस्साई है कि उन्होंने पुलिस की बुलेट प्रूफ गाड़ी जिसमे कुछ पुलिस कर्मी और ड्राइवर बैठे थे, को धक्का दे कर लुढ़का कर सतलज नदी में धकेल दिया। यह घंटे अनन्तनाग जिले के संगम के पास हुई और जिसमें एक कांस्टेबल के डूब के मरने की खबर है और बाकि लोग वह से बच के निकल लिए।
सरकार विरोधी और स्वतंत्रता के समर्थन का नारा लगाते हुए 2 उपद्रवीयों को सूरुक्षा बलों ने सड़क पर ही गोली मार के ढ़ेर कर दिया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया, रविवार को पुलवामा में हुई फायरिंग में एक 17 वर्षीय युवक इरफ़ान अहमद मलिक भी मारा गया। ऐसा कर्फ्यू के दौरान भीड़ का सुरक्षाबलों पर पथराव करने की वजह से हुआ।
प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच बड़े पैमाने पर चल रही इस जंग में 20 प्रदर्शनकारियों और एक पुलिस कर्मी के आहत होने की खबर है।
कश्मीर घाटी में शनिवार को लोगों का क्रोध सुरक्षा बलों पर भटकने का कारण शुक्रवार को बुरहान की होने वाली मौत है। बुरहान, हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर लीडर था। वह लोगों पर किस कदर हावी था इसका अंदाज़ा उसके जनाज़े में जुटी हज़ारों की भीड़ से लगाया जा सकता है।
ज्यादातर प्रदर्शनकारी उत्तरी जिलों से थे जिनमें अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां प्रमुख थें। इनमे से ज्यादार तक जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और सुरक्षाकर्मियों के ऊपर पथराव शुरू कर दिया जिसके जवाब उन्हें आँसू-गैस के गोले और फायरिंग से देना पड़ा।
सुरक्षाकर्मियों की कम संख्या का लाभ उठाते हुए प्रदर्शनकारियों ने रविवार को उपप्रभागिय पुलिस अधिकारी के कार्यालय, दुरू के अदालत के परिसर में और कुलगाम के काजीकुंड पुलिस पोस्ट में आग लगा दी।
शनिवार को 4 पुलिस स्टेशन , 2 पुलिस पिकेट और एक तहसीलदार के कार्यालय को भी फूंक दिया गया। इनमें दो और मामले जिसमें हथियार की छीनौती और सरकारी गाड़ियों का जलना भी शामिल है।