ओडिशा में गैरकानूनी बांग्लादेशी नागरिकों का बहिष्कार, CAA और NRC लागू करने की उठी मांग
उड़ीसा के कई जिलों में गैरकानूनी बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में राज्य में सीएए और एनआरसी लागू की जाने की मांग उठी है। साथ ही कहा जा रहा है कि, बांग्लादेशियों की पहचान कर उन्हें जल्द से जल्द प्रदेश से बाहर निकाला जाए। बता दे, यह बैठक जनसंख्या समाधान फाउंडेशन और 34 संगठन जिला के जिला अध्यक्ष और प्रभारियों को लेकर हुई।
इस दौरान संगठन के अध्यक्ष बिपिन बिहारी दास की मौजूदगी में कहा गया कि, इसी साल सितंबर महीने के आखिर तक सारे जिलों में संगठन की बैठक की जाएगी और उड़ीसा के कई जिलों में गैरकानूनी तरीकों से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को निकाला जाए। इसके अलावा बैठक में उड़ीसा राज्य में सशक्त परिवार नियंत्रण नियम को लागू करने की भी मांग की गई है।
बैठक में बताया गया कि जल्द ही राज्य के सभी 147 विधायक और 21 सांसदों इस मामले में जल्द से जल्द लिखित मांग दे दी जाएगी। बैठक में कहा गया कि, आने वाले महीने यानी अक्टूबर में इस संगठन के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारिणी सदस्य डॉ इंद्रेश कुमार आने वाले हैं। ऐसे में यह कार्यक्रम सफल बनाने के लिए भी इस बैठक में निर्णय किया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस बैठक में जनसंख्या समाधान फाउंडेशन से जुड़े कई पदाधिकारी और भारी संख्या में सदस्य शामिल थे।
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज (इंटेक) बालेश्वर शाखा के द्वारा भी एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पुराने सामानों और कला साहित्य से जुड़े सामानों को सुरक्षित रखने के लिए लोगों से आह्वान किया गया। खबरों की माने तो इंटर की ओर से आयोजित की गई इस बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में फकीर मोहन विश्वविद्यालय के कुलपति संतोष कुमार त्रिपाठी शामिल हुए थे। कुलपति संतोष कुमार ने ही इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने कला साहित्य और पुराने धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए लोगों से अपील की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि, पुराने धरोहर की वजह से ही हमको अपना इतिहास समझ में आता है। ऐसे में हम सभी का पहला कर्तव्य होना चाहिए कि हम अपनी पुरानी धरोहर को बचाए रखें। पुरातन सामानों से ही हमें एक समाज के इतिहास का पता चलता है। कुलपति संतोष कुमार ने आगामी पीढ़ी को इस धरोहर के बारे में बताने के लिए भी लोगों से मांग की है। खबरों की मानें तो इस बैठक के दौरान एक पुस्तक भी लांच की गई जिसका नाम ‘परंपरा’ रखा गया।
कहा जा रहा है कि, इस बैठक में युवा उद्योगपति संग्राम दास, सुश्री अर्चना नंदी और उदय रंजन दास समेत इस संगठन से जुड़े कई सदस्य मौजूद रहे। गौरतलब है कि, इनटेक बालेश्वर शाखा की ओर से राज्य के पुरानी धरोहर, बिल्डिंग साथ ही पुराने सामानों को सुरक्षित रखने की मुहिम चलाई जाती है।