सोमवती अमावस्या पर चंद्र ग्रहण, इस उपाय से एक साथ कईं संकटों से मिलेगी मुक्ति
चंद्रमा, सोमवार का दिन और अमावस्या होने के कारण बन रहा त्रिकाल योग
हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत महत्व हैं लेकिन सोमवती अमावस्या को अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन कईं लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए व्रत रखते हैं। अगर किसी की जन्म कुंडली में चंद्रमा अशुभ, कमजोर या नीच राशि का है तो ऐसे लोगों के साथ कईं समस्याएं हो सकती हैं। क्यों कि सोमवार चंंद्रमा का दिन माना जाता है इसलिए सोमवती अमावस्या अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। आइए जानते हैं क्या है सोमवती आमावस्या की कहानी और क्या विशेष उपाय करने से आपकी समस्याओं का निवारण हो सकता है।
ये जरुर करें
सोमवती अमावस्या के दिन नदियों में स्नान करने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि अमावस्या के दिन नदी में स्नान करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है। अगर नदी में डुबकी नहीं लगा पा रहें हो तो घर पर ही सभी नदियों और तीर्थों का ध्यान करते हुए भी नहा सकते हैं। पानी में गंगाजल मिलाकर नहाने से भी घर पर ही तीर्थ स्नान के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। स्नान-ध्यान के बाद गौशाला या किसी जरुरतमंद को दान भी देना चाहिए।
सोमवती अमावस्या पर व्रत का महत्व
ऐसे दंपत्ति जिन्हें संतान प्राप्ति में मुश्किल आ रही है वो इस दिन व्रत रख सकते हैं। इसके अलावा जो लोग अन्य अमावस्या पर व्रत नहीें रख पाते वो भी इस दिन व्रत रख सकते हैं। मान्यता है कि कि जो महिला इस दिन व्रत करतीं है उनकी सेहत और उनके पति के जीवन में समृद्धि हासिल होती है।
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इसीलिए जो कन्या सोमवती अमावस्या का व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करती है उसे योग्य वर की प्राप्ति होती है। रोग निदान और ऊपरी भूत बाधा निदान के लिए भी इस दिन का विशेष महत्व है।
कुंडली पर होने वाले प्रभावों से मुक्ति
यदि किसी की कुंडली में चंद्रमा पर केतु की दृष्टि हो, कुंडली के चतुर्थ भाव में केतु की स्थिति हो या फिर केतु के पक्के घर यानि जन्म कुंडली के छठे भाव में चंद्रमा की स्थिति हो, सिर्फ ऐसी ही ग्रह स्थिति को चंद्रमा का ग्रहण योग कहा जाता है। इन सभी का उपाय सोमवती आमवस्या पर किया जाता है। तो अगर आपकी कुंडली में भी चंद्र केतु का ग्रहण योग है तो आपको भी इसका उपाय कर सोमवती अमावस्या का लाभ उठाना चाहिए।
माना जाता है सबसे शक्तिशाली दिन
अमावस्या के दिन को वर्ष के सबसे शक्तिशाली दिनों में से एक माना जाता है। इसीलिए आज के दिन कईं अनुष्ठान भी किए जाते हैं। द्रिकपंचांग के अनुसार, अमावस्या का दिन काल सर्प दोष वाले लोगों के लिए एक आदर्श दिन है। इस श्राप से प्रभावित लोग उपवास रखते हैं और दोष से छुटकारा पाने के लिए कईं उपाय भी किए जाते हैं। इसीलिए सोमवती अमावस्या के दिन नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है।
अगर आप भी इनमें से किसी भी समस्या से जुझ रहे हैं तो आपको भी ये उपाय करने चाहिए।