जब राजकुमार को फिल्म ऑफर करने डायरेक्टर पहुँच गए पुलिस स्टेशन, फिर ..
फ़िल्म इंडस्ट्री में यूं तो अपने दमदार अभिनय से कई सितारों ने दर्शकों के दिल पर राज किया लेकिन एक ऐसा भी सितारा हुआ, जिसे सिर्फ दर्शकों ने ही नहीं बल्कि पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री ने भी ‘राजकुमार’ माना और वह थे संवाद अदायगी के बेताज बादशाह कुलभूषण पंडित उर्फ राजकुमार। जी हां किसी ज़माने में मुंबई में पुलिस इंस्पेक्टर रहें राजकुमार की फ़िल्म इंडस्ट्री में आने की कहानी काफ़ी रोचक और मज़ेदार है।
बता दें कि दमदार आवाज़ और बिल्कुल अलग डायलॉग डिलीवरी से पहचान बनाने वाले दिवंगत एक्टर राजकुमार को फिल्म ऑफर करने के लिए डायरेक्टर पुलिस स्टेशन तक पहुंच गए थे। जी हां दरअसल राजकुमार की पहली पसंद कभी भी एक्टर बनने की नहीं थी और यह बात राजकुमार ने एक इंटरव्यू में खुद बताई थी कि वह तो एक्टर बनना ही नहीं चाहते थे क्योंकि उन्होंने बचपन से कोई फिल्म ही नहीं देखी थी, लेकिन समय ने ऐसा किया कि उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में आना पड़ गया।
बता दें कि राजकुमार बताते हैं कि, “मेरी पहली फिल्म रंगीली (1952) थी। उसे नज़म नक़वी ने डायरेक्ट किया था। मैं पुलिस में था और स्टेशन के सामने एक मिस्टर खान रहते थे। वो उस समय जस्टिस ऑफ पीस थे। उनका एली नाम का भाई था। वो हमेशा मुझे कहता था कि फिल्मों में आइए। मैंने उससे पूछ लिया कि भाई फिल्में होती क्या हैं? मैं फिल्में नहीं देखता था और बदनसीबी से मुझे फिल्मों से काम करने का कोई शौक भी नहीं था।”
इतना ही नहीं राजकुमार आगे बताते हैं कि, “उन्होंने मेरी मुलाकात करवाई के.बी लाल से। वो अपने ज़माने के काफी मशहूर थे। उस समय एस.यू सनी हुआ करते थे और उन्होंने मेरी तस्वीरें निकलवाईं। लाल साहब मुझे कमर पर हाथ रखकर स्टूडियो में घुमाया करते थे तो मैंने एक बार उन्हें कह दिया था कि आप हाथ हटा लेंगे और हम ज़मीन पर गिर जाएंगे, आप हाथ मत रखा करिए। इतने में नज़म नक़वी अमरोहा में मस्जिद स्कूल के लिए चंदा इकट्ठा कर रहे थे। सनी के हाथ से उन्होंने तस्वीरें देखीं तो पुलिस स्टेशन में मेरे पास आ गए। फिर वहीं से मेरे जीवन में फिल्मी लम्हा शुरू हुआ।”
वहीं राजकुमार ने एक बार बताया था कि, “मेरी एक बार फिल्म नहीं चली और मैंने अपनी फीस भी बढ़ा दी थी। प्रोड्यूसर और डायरेक्टर चिंतित हो गए। एक प्रोड्यूसर साहब मेरे पास आए और कहने लगे कि राज साहब फिल्म तो चली नहीं और आप अपनी फीस में 1 लाख रुपए बढ़ा रहे हैं। तो मैंने उन्हें कहा कि फिल्म चली या नहीं चली। इससे मुझे फर्क नहीं पड़ता, लेकिन मैं कहीं भी फेल नहीं हुआ।” तो यह किस्सा था एक मशहूर एक्टर राजकुमार का।
जिनकी शुरुआत में भले दिलचस्पी फ़िल्म में न रही हो, लेकिन एक बार वो ऐसे फ़िल्मी क्षेत्र में घुसे की फ़िर उनकी बराबरी का कोई एक्टर नहीं मिला। आज भी उनकी संवाद अदाएगी लोगों के ज़ेहन में बसती है। आख़िर में एक विशेष बात यह स्टोरी आपको कैसी लगी। हमें कमेंट कर अवश्य बताएं।