नसीरुद्दीन शाह का भारतीय मुसलमानों से सवाल, पूछा अपने मजहब में सुधार चाहिए या वहशीपन
तालिबान की जीत पर जश्न मनाने वाले मुसलमानों को नसीरुद्दीन शाह ने लताड़ा
अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत की वापसी के बाद नागरिकों के साथ बर्बरता की घटनाओं की दुनियाभर में आलोचनाएं की जा रही है। भारत में भी सभी धर्मों के लोग तालिबानी धर्मांधता की आलोचना कर रहे हैं। लेकिन देश के भीतर ही मुट्ठीभर लोग ऐसे भी हैं जो तालिबानी वहशीपन को जायज ठहराते हुए आतंकियों के हुकूमत में वापसी का जश्न मना रहे हैं। जी हां देश के भीतर तालिबानी सोच से ताल्लुक रखने वाले ऐसे ही लोगों को अब बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरूद्दीन शाह ने जमकर लताड़ लगाई है।
बता दें कि पिछले महीने तालिबान ने जबसे काबुल पर कब्जा किया है। तभी से वहां के हालात ठीक नहीं है। दूसरी तरफ़ भारत में बैठे कुछ तथाकथित और मुस्लिम समाज के लोग तालिबानी शासन का समर्थन कर रहे हैं। जिन्हें निशाना बनाते हुए शाह ने ट्विटर पर एक वीडियो डाला है जो अब काफ़ी वायरल हो रहा है। गौरतलब हो कि नसीरुद्दीन शाह ने एक वीडियो जारी कर भारतीय मुसलमानों से पूछा है कि उन्हें आधुनिकता चाहिए या सदियों पुराने रीति- रिवाज।
गौरतलब हो कि शाह इस वीडियो में यह कहते हुए देखे जा सकते हैं कि, “हालांकि, अफगानिस्तान में तालिबान का दुबारा हुकूमत पा लेना दुनियाभर के लिए फिक्र का विषय है, लेकिन इससे कम खतरनाक नहीं है हिंदुस्तानी मुसलमानों के कुछ तबकों का उन वहशीयों की वापसी पर जश्न मनाना। आज हर हिंदुस्तानी मुसलमान को अपने आप से यह सवाल पूछना चाहिए कि उसे अपने मजहब में इस्लाह (सुधार) और जिद्दत (आधुनिकता) चाहिए या पिछली सदियों के वहशीपन का इकदार (रीति रिवाज)।”
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इतना ही नहीं वीडियो में नसीरुद्दीन शाह आगे कहते हैं कि, “मैं हिंदुस्तानी मुसलमान हूं और जैसा कि मिर्ज़ा ग़ालिब एक अरसा पहले फरमा गए हैं, मेरा रिश्ता अल्लाह मियां से बेहद बेतकल्लुफ है। मुझे सियासी मजहब की कोई जरूरत नहीं है। हिंदुस्तानी इस्लाम हमेशा दुनियाभर के इस्लाम से अलग रहा है और खुदा वो वक़्त न लाए की वो इतना बदल जाए कि हम उसे पहचान भी न सकें।” बता दें कि शाह का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग उनके विचारों की खूब तारीफें भी कर रहे हैं।