पैरालंपिक में भारत के डिस्कस थ्रोअर विनोद कुमार से छीना गया ब्रॉन्ज मेडल, जानें पूरा मामला
title-पैरालंपिक में डिस्कस थ्रोअर विनोद कुमार से छीना गया ब्रॉन्ज मेडल, जानें क्या है पूरा मामला
टोक्यो में जारी पैरालंपिक में भारत के चक्का फेंक एथलीट विनोद कुमार ने रविवार को ब्रॉन्ज मेडल जीता था। हालांकि आज इनसे ये पदक वापस ले लिया गया है। सोमवार को टूर्नामेंट के पैनल द्वारा विकार के क्लासिफिकेशन निरीक्षण में इन्हें अयोग्य पाया गया है। ऐसे में इनसे ये पदक वापस लिया गया है।
#BREAKING
Heartbreak from Tokyo as Vinod Kumar’s bronze medal from yesterday’s Discus throw event has been taken back after evaluation of his disability classification.
Still we are proud of Vinod’s achievements as a para-athlete.#TokyoParalympics #TeamIndia #Praise4Para— Sports Updates India (@tokyo2020_in) August 30, 2021
बीएसएफ के 41 साल के जवान विनोद कुमार ने रविवार को 19.91 मीटर के थ्रो के साथ ही ये पदक जीता था। जबकि पोलैंड के पियोट्र कोसेविज (20.02 मीटर) और क्रोएशिया के वेलिमीर सैंडोर (19.98 मीटर) ने गोल्ड और सिल्वर पदक अपने नाम किए थे। लेकिन विनोद कुमार को पदक देने को लेकर अन्य देशों ने आपत्ति जताई थी। जिसके बाद रिजल्ट को होल्ड पर रख दिया गया था।
India’s para-athlete Vinod Kumar reclassifies in the T/F52 category at Tokyo@IndiaSports @Media_SAI @ParalympicIndia @tapasjournalist pic.twitter.com/U3qF637Gzn
— PIB in KERALA (@PIBTvpm) August 22, 2021
वहीं आज विनोद को आयोजकों द्वारा अयोग्य घोषित किया गया है। आयोजकों ने एक बयान में कहा, ‘ पैनल ने पाया कि एनपीसी (राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति) भारत के एथलीट विनोद कुमार को ‘स्पोर्ट क्लास आवंटित नहीं कर पाया और खिलाड़ी को ‘क्लासिफिकेशन पूरा नहीं किया (सीएनसी) चिन्हित किया गया। एथलीट इसलिए पुरूषों की एफ52 चक्का फेंक स्पर्धा के लिए अयोग्य है और स्पर्धा में उसका नतीजा अमान्य है।
Vinod Kumar – Remember the name ?
It’s a #Bronze for #IND as his best throw of 19.91m in the Men’s Discus Throw F52 final earns the nation their THIRD medal of the day.
P.S – He also set a new Asian record! ?#Tokyo2020 #Paralympics #ParaAthletics pic.twitter.com/jv92vZgBDQ
— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) August 29, 2021
आपको बता दें कि एफ52 स्पर्धा में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं। जिनकी मांसपेशियों की क्षमता कमजोर होती है और उनके मूवमेंट सीमित होते हैं। हाथों में विकार होता है या पैर की लंबाई में अंतर होता है। जिससे खिलाड़ी बैठकर प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेते हैं। क्लासिफिकेशन प्रणाली में उन खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति मिलती है। जिनका विकार एक सा होता है। आयोजकों ने 22 अगस्त को विनोद का क्लासिफिकेशन किया था। लेकिन अब इन्हें अयोग्य माना गया है।
सीमा सुरक्षा बल में करते थे काम
विनोद कुमार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में अपनी सेवाएं दी हैं। एक बार ट्रेनिंग करते हुए वो लेह में चोटी से गिर गए थे। जिससे उनके पैर में चोट लग गई थी। इसके कारण वो करीब एक दशक तक बिस्तर पर रहे थे और इसी दौरान उनके माता-पिता दोनों का देहांत हो गया था। विनोद कुमार के पिता ने 1971 भारत-पाक युद्ध लड़ा था।
भारत ने जीते कई पदक
टोक्यो पैरालंपिक में भारत के खिलाड़ी काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। भाविनाबेन पटेल ने टेबल टेनिस में सिल्वर मेडल जीता है। जबकि पैरा एथलीट निषाद कुमार ने ऊंची कूद में सिल्वर मेडल जीता है। वहीं सुमित अंतिल ने सोमवार को पुरुषों (एफ 64 वर्ग) के फाइनल मुकाबले में स्वर्ण पदक जीता है।
It’s another #Gold for ??#Athletics: Sumit Antil wins Gold Medal in the Men’s Javelin Throw F64 event with a throw of 68.55m!#TeamIndia | #Tokyo2020 | #Paralympics | #Praise4Para pic.twitter.com/Qcg4RuZhFO
— Doordarshan Sports (@ddsportschannel) August 30, 2021
अवनि लखेरा ने शूटिंग में भारत को गोल्ड दिलाया है। उन्होंने सोमवार को महिलाओं की आर-2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में पहला स्थान हासिल करके स्वर्ण पदक अपने नाम किया। योगेश ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल अपने नाम किया है। वहीं देवेंद्र झाझरिया गोल्ड से चूक गए और उनको सिल्वर से संतोष करना पड़ा। जबकि सुंदर सिंह गुर्जर ने जैवलिन थ्रो में ब्रॉन्ज मेडल जीता है।
5 सितंबर को होंगे खत्म
टोक्यो में जारी पैरालंपिक मंगलवार, 24 अगस्त 2021 से शुरू हुए हैं जो कि रविवार, 5 सितंबर को समाप्त होने वाले हैं।अभी भी कई सारे खेल बाकी हैं। जिनमें भारतीय खिलाड़ियों के पदक जीतने की उम्मीद हैं।