जलियांवाला बाग का बदला गया रंग रूप, अंदर बनाया गया आलीशान थिएटर- देखें तस्वीरें
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जलियांवाला बाग में निर्मित संग्रहालय का उद्घाटन किया था। शनिवार शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मोदी द्वारा ये उद्घाटन किया गया था। दरअसल जलियांवाला बाग को पहले से ओर बेहतर बनाया गया है। ताकि अधिक से अधिक लोग इसे देखने के लिए आए। लंबे समय से बेकार पड़ी और कम उपयोग वाली इमारतों की मरम्मत भी की गई है। आइए तस्वीरों में देखते हैं जलियांवाला बाग को।
इस बाग का केंद्रीय स्थल माने जाने वाले ‘‘ज्वाला स्मारक’’ की मरम्मत करवाई गई है। इसका पुनर्निर्माण किया गया है और वहां स्थित तालाब को एक ‘‘लिली तालाब’’ के रूप में फिर से विकसित किया गया है। आपको बता दें कि पंजाब की स्थानीय स्थापत्य शैली के अनुरूप धरोहर संबंधी विस्तृत पुनर्निर्माण कार्य किए गए हैं।
लोगों को आने-जाने में सुविधा के लिए यहां स्थित मार्गों को चौड़ा किया गया है।
जलियांवाला बाग में हुई घटनाओं को दिखाने के लिए श्रव्य-दृश्य प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रस्तुति की जाएगी। जिसमें मैपिंग और 3डी चित्रण के साथ-साथ कला एवं मूर्तिकला शामिल हैं।
पूरे बगीचे में ऑडियो नोड्स लगाए गए हैं। इसके अलावा मोक्ष स्थल, अमर ज्योत और ध्वज मस्तूल का भी अच्छे से विकास किया गया है और शहीदी कुएं की मरम्मत की गई है। इसके अलावा बाग के एंट्री प्वाइंट पर शहीदों की प्रतिमाएं बनाई गई हैं जो कि देश की गाथाएं सुनाती हैं और बताती हैं कि किस तरह से भारत को आजाद करवाने के लिए लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।
जालियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को घटित विभिन्न घटनाओं को दर्शाने के लिए एक साउंड एंड लाइट शो की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा जलियांवाला बाग में एक थिएटर का भी निर्माण किया गया है। इसमें एक साथ 80 लोगों बैठ सकते हैं। इस थिएटर में लोगों को जलियांवाला बाग नरसंहार पर डिजिटल डाक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी।
पहले दिन रविवार को जलियांवाला बाग देखने के लिए पर्यटकों का सैलाब उमड़ पड़ा था और रविवार को करीब 50 हजार पर्यटक यहां पहुंचे थे। वहीं सोमवार को भी काफी संख्या में लोग यहां पर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जालियांवाला बाग के पुनर्निर्मित परिसर का शनिवार शाम वीडियो कांफ्रेंस के ज़रिए उद्घाटन किया था। इस मौके पर मोदी जी ने कहा था कि हमें हर काम में देश को सर्वोपरि रखना चाहिए। इतिहास को संजोना हर देश का दायित्व है। इतिहास आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। देश का विभाजन भी एक बड़ी त्रासदी थी। पंजाब के परिवार विभाजन से काफी पीड़ित रहे।
जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से भी बयान जारी किया गया था और कहा गया था कि लंबे समय से बेकार पड़ी और कम उपयोग वाली इमारतों का दोबारा अनुकूल इस्तेमाल सुनिश्चित करते हुए चार संग्रहालय दीर्घाएं निर्मित की गई हैं।