विदेशो में पढ़ाई जायेगी गीता
चौंक गए न स्वाभाविक है आपका आश्चर्यकचकित होना,पर ये सच है और ये सच सम्भव हुआ है नरेंद्र मोदी के कारण
जी हां आज से लगभग 1 साल पहले जिस तरह योग को दुनिया में ब्रांड के रूप में मोदी में स्थापित किया उसी तरह आज फिर उन्होंने अपने प्रशंसकों को चौंका दिया है
नीदरलैंड की संसद में एक प्रस्ताव पारित हुआ है जिसके अनुसार अब से नीदरलैंड के स्कूलों में पढ़ाई जायेगी गीता।
किसी भी सफल व्यक्ति के जीवन में उसके लक्ष्य चाहे जो भी हो स्कूल का बड़ा योगदान होता है। प्राथमिक शिक्षा प्रणाली में नीदरलैंड ने छात्रों को गीता और उपनिषदों से छंद और श्लोक पढ़ने का निर्णय लिया है , जो कक्षा 5 से शुरू कर दिया जायेगा।
विश्व ज्ञान को प्रोत्साहन देते हुए नीदरलैंड सरकार ने हिन्दु धर्मग्रंथों को अपनी प्राथमिक शिक्षा प्रणाली में सम्मिलित करने का निश्चय किया है, और भारत भी इससे बहुत खुश है।
नीदरलैंड में मुख्यतः जो हिन्दू है वो सुरिनाम से हैं और पाया गया है कि वह मोरक्कन और तुर्की लोगों के मुकाबले सूरीनाम लोग ज्यादा अच्छे पदों पर कार्यरत है।
वहीं इस्लामिक स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादातर विद्यार्थी या तो तुर्की है या मोरक्कन।
मोरक्को और तुर्क के ज्यादातर लोग नीदरलैंड में काम की तलाश में आये हुए लोगों में से हैं, जबकि सुरिनामी लोग पहले से सूरीनाम में रहकर पढ़ें हुए थे और उच्च शिक्षा और रोजगार की तलाश में नीदरलैंड आ गए थें। लेकिन वास्तव में हिन्दू और इस्लामिक स्कूलों में पढ़ने वालों की संख्या बहुत नगण्य है।
ज्यादातर बच्चे जो इन डच हिंदु स्कूलों में पढ़ते है, सुरिनामी परिवार से है और काफी गरीब भी है।
नीदरलैंड के ये हिन्दू स्कूल अपने विद्यार्थियों को एक बहुसांस्कृतिक समाज में आपसी सम्मान, बड़ों की इज्जत और सहिष्णुता की सीख देतें हैं। स्कूल को आने इस उद्देश्य के लिए माता-पिता और शिक्षकों दोनों का भरपूर सहयोग भी मिल रहा है।