साइकिल से 20 मिनट में 9km दूर खाना लेकर पहुंचा Zomato ब्वॉय, भावुक शख्स ने दिला दी बाइक
ऑनलाइन फूड डिलीवरी का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। हर कोई घर बैठे अपना मनपसंद खाना मंगवाते हैं और बड़े चाव से खाते हैं। लेकिन घर बैठे-बैठे ही हम जिस स्वादिष्ट भोजन का आनंद उठाते हैं उसके पीछे कितनी मेहनत होती है। यह हम इतनी आसानी से नहीं समझ सकते। पहला वह किसान जो दिन रात खेतों में मेहनत करके अन्न उगाता है और दूसरा वह इंसान जो हम तक इस खाने को मेहनत करके सुरक्षित पहुंचाता है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं एक डिलीवरी ब्वॉय के बारे में जिसने 9 किलोमीटर साइकिल चलाकर ऑर्डर की डिलीवरी की, जिसके बाद हर किसी के मन में इस डिलीवरी बॉय के प्रति सम्मान बढ़ गया है।
बता दें, यह मामला हैदराबाद के किंग कोटी इलाके का है जहां ‘जोमैटो’ के एक डिलीवरी ब्वॉय ने सिर्फ 20 मिनट के अंदर ऑर्डर डिलीवर कर दिया। किंग कोटी इलाके में रहने वाले रोबिन मुकेश ने 14 जून की रात को 10:30 बजे जोमैटो पर अपने खाने का एक ऑर्डर किया था। इस ऑर्डर को मोहम्मद अकील अहमद नाम के एग्जीक्यूटिव ने साइकिल से महज 20 मिनट में ही रोबिन की लोकेशन पर पहुंचा दिया।
अकील की इस कड़ी मेहनत से रोबिन काफी प्रभावित हुए और उन्होंने अकील के साथ एक तस्वीर खींचकर फेसबुक पर शेयर कर दी जिसके बाद यह मामला वायरल हो गया। इस फेसबुक पोस्ट में मुकेश ने अकील की पूरी कहानी बताई जिसे पढ़ने के बाद कई लोगों ने डिलीवरी बॉय के हौसले को सलामी दी। साथ ही कई लोगों ने सुझाव दिया कि उन्हें अकील के लिए कुछ करना चाहिए।
लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के बाद रोबिन ने 15 जून को अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर एक अभियान चलाया और इस अभियान का अच्छा असर हुआ। देखते ही देखते 10 घंटे के भीतर ही इन्होंने 73 हजार से भी ज्यादा रकम जुटा ली। इसके बाद इस रकम से एक बाइक खरीदी गई और बाकी बचे पैसे को रोबिन ने अकील की कॉलेज में फीस जमा कर दी।
जब यह मिशन पूरा हो गया तो बीते शुक्रवार को रोबिन ने फेसबुक पोस्ट में बताया कि, “अकील को एक चमचमाती बाइक मिल चुकी है। जैसा कि हमने वादा किया था पूरा हो चुका है। हमने अकील को रेनकोट, हेलमेट, मास्क पैकेट और सैनिटाइजर के साथ ‘टीवीएस एक्सएल’ बाइक की चाबी सौंप दी है और बचे हुए पैसे भी अकील को दे दिए हैं।”
बता दें, अकील की उम्र 21 साल है और वह थर्ड ईयर इंजीनियरिंग स्टूडेंट है। अकील ने कहा कि, उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, इसलिए वह अपना और अपने परिवार का गुजारा करने के लिए साइकिल से ही ऑर्डर डिलीवर करता था। उसे साइकिल की आदत हो गई थी। उसके पास गाड़ी नहीं थी इसलिए वह आर्थिक स्थिति के कारण अपनी दिक्कतों की परवाह किए बिना काम करते रहना पड़ता था। वह लोगों की उदारता के लिए आभारी है। हालांकि, बाइक मिलने के बाद अकील बहुत खुश है और इसके लिए उन्होंने मुकेश व उनके दोस्तों और अन्य लोगों का शुक्रियाअदा किया।