UK ने अपने व अफगान नागरिकों की जगह दी जानवरों को प्राथमिकता, विमान से देश लाए 200 कुत्ते बिल्ली
अफगानिस्तान में बिगड़ते हालातों को देखते हुए ब्रिटेन के पूर्व रॉयल मरीन को करीब 200 कुत्तों और बिल्लियों के साथ यहां से निकाल गया है। दुख की बात ये है कि उनकी संस्था के अफगानिस्तान के कर्मियों को काबुल में ही छोड़ दिया गया और उनकी जरा सी भी परवाह नहीं की गई। कई लोगों द्वारा इस फैसले की आलोचना की जा रही है और कहा जा रहा है कि इनकी जगह 1100 अफगान ब्रिटेन आने के हकदार थे। लेकिन उनकी मदद नहीं की गई।
दरअसल ब्रिटिश सैनिक के तौर पर अफगानिस्तान में 15 साल पहले तैनात रहे फारथिंग ने नाउजाड नाम की परोपकारी संस्था शुरू की थी। तालिबान के काबुल में कब्जा करने के बाद ये यहां से निकलना चाहते थे। फारथिंग और उनके अफगान कर्मचारी ब्रिटिश सेना के विमान से वहां से निकलने के पात्र थे। लेकिन उन्होंने बिना पशुओं के देश छोड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने अपने पशुओं के साथ देश छोड़ने के लिए एक अभियान चलाया और लोगों तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।
फारथिंग ने अपने जानवरों के साथ अफगानिस्तान से निकलने के लिए प्रेस को साक्षात्कार भी दिए थे। यहां तक की उनके समर्थकों ने ब्रिटिश सरकार से मदद के लिए एक अभियान भी चलाया। जिसे ऑपेशन आर्क का नाम दिया गया।
वहीं ब्रिटिश सरकार की ओर से इनके लिए शनिवार को एक चार्टर्ड विमान भेजा गया। इस विमान ने पॉल पेन फारथिंग और उनके जानवरों के साथ शनिवार देर शाम काबुल से उड़ान भरी। रविवार को ये विमान लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरा। इस विमान में केवल जानवर ही थे। वहीं अब इन जानवरों को क्वॉरंटीन में रखा गया है। पशु चिकित्सक इयान मैकगिल ने कहा कि जानवर स्वस्थ प्रतीत हो रहे हैं और उन्हें क्वॉरंटीन में रखा गया है।
की गई आलोचना
ब्रिटेन के सासंदों ने इसकी आलोचना की और कहा कि पशुओं के बजाय इंसानों को बचाने पर जोर दिया जाना चाहिए। हालांकि ब्रिटेन सरकार का कहना है कि उन्होंने 15 हजार से अधिक ब्रिटिश नागरिकों और अफगानों को दो हफ्ते में वहां से निकाला है और ये अभियान शनिवार को समाप्त हुआ है। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि 1100 अफगान ब्रिटेन आने के हकदार थे और उन्हें वही छोड़ दिया गया। ब्रिटेन के कुछ सांसदों का मानना है कि ये संख्या अधिक हो सकती है।
ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों ने इसे लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। रक्षा मंत्री बेन वालेस ने कहा कि सेना को पशुओं के बजाए लोगों को प्राथमिकता देनी चाहिए और शिकायत की कि फारथिंग के समर्थकों ने वरिष्ठ कमांडरों का अधिक समय लिया और सैन्य कर्मियों को अपशब्द कहे।
वहीं इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए अफगानिस्तान में ब्रिटेन की सेना के साथ काम कर चुके कंजरवेटिव सांसद टॉम टुगेनधात ने कहा कि ‘आप क्या कहेंगे अगर मैं आपकी मां को बचाने के बजाए अपने कुत्ते को बचाने के लिए एंबुलेंस भेज दूं? उन्होंने रेडियो स्टेशन एलबीसी से शनिवार को कहा, ‘हमने 200 कुत्तों को लाने के लिए काफी सैनिकों का प्रयोग किया है। बहरहाल, मेरे दुभाषिए का परिवार वहां मारा जा सकता है।’
वहीं फारथिंग और उनके समर्थकों की भी प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने कहा है कि ‘ऑपेशन आर्क’ ने विमान में कोई सीट नहीं ली है।