‘मारना है या मर जाना है’, काबुलमें शहीद हुए अमेरिकी सैनिक का अंतिम पोस्ट पढ़कर हो जाएंगे भावुक
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एयरपोर्ट पर गुरुवार को देर शाम एक के बाद एक तीन धमाके हुए। इस बम धमाके में करीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जबकि 146 से ज्यादा लोग घायल हो गए। तालिबान का कब्जा होते ही इन्होंने आतंक फैलाना शुरू कर दिया है। कई देश अपने लोगों को यहां से निकालने की कोशिश में लगे हुए हैं लेकिन इसी बीच काबुल एयरपोर्ट पर सीरियल ब्लास्ट में कई लोगों ने अपनी जान गवां दी। इसके साथ ही 13 अमेरिकी सैनिक भी शहीद हो गए। इन्हीं में से एक सैनिक मैक्सटन विलियम सोविएक थे जिनका एक पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
दरअसल, नौ सेना के जवान मैक्सटन ने मरने से पहले इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान का वर्तमान हाल बयां किया था और बताया था कि वहां की स्थिति कैसी है। खबरों की माने तो अमेरिकी नेवी के मैक्सटन विलियम सोविएक ने 10 जून को यह पोस्ट किया था जिसमें लिखा था कि, “मारना है या मर जाना है। दोनों ही हालत में मौत तो निश्चित है।” इस पोस्ट को शेयर करने के दौरान सोविएक ने अपने साथियों की भी कुछ तस्वीरें शेयर की थी।
मिली जानकारी के अनुसार, मैक्सटन विलियम सोविएक अक्सर मरीन के साथ काम करते हैं जिनके पास खुद के मैडिक्स नहीं होते। सोविएक 6 हजार अमेरिकी सैनिकों में से थे जो अब काबुल से अमेरिकी और अफगान शरणार्थियों की मदद करने का काम कर रहे थे। सोविएक की बहन मार्लिन ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर कहा कि, “मेरा भाई वहां पर लोगों की मदद करने के लिए गया था लेकिन अब मेरा परिवार खत्म हो गया है। अब हम कभी भी पहले जैसे नहीं रहेंगे वहां सिर्फ एक बच्चा था और हम वहां बच्चों को मरने के लिए भेज रहे हैं।” काबुल में हुए हमले में सोविएक के साथ 4 नौसैनिकों के नाम राइली मैककोलम, डेविड ली एस्पिनोजा, करीम निकोई और जेरेड शमित्ज हैं।
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बता दें, काबुल एयरपोर्ट पर ISIS-K के आत्मघाती हमले के बाद अमेरिका ने भी करारा जवाब दिया है। खबर है कि, अमेरिका सेना ने कई ISIS-K के आतंकियों पर ड्रोन के जरिए हमला किया है। कहा जा रहा है कि, अमेरिका ने कल देर रात 12:00 बजे नंगहार के एक घर में विस्फोटक वाले ड्रोन से हमला किया था जिसके बाद वह घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और आसपास खड़े वाहन भी जलकर खाक हो गए।
काबुल ब्लास्ट के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी आतंकियों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि, “आतंकियों को इस मौत की कीमत चुकानी पड़ेगी। हम इसे कभी नहीं भूलेंगे और ना ही हम उन्हें कभी माफ करेंगे। धमाके में शामिल लोगों से चुन-चुन कर बदला लिया जाएगा। हम अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी नागरिकों को भी बचाएंगे साथ ही अपने सहयोगियों को भी निकालेंगे और हमारा मिशन भी जारी रहेगा। अगर जरूरत पड़ी तो हम अमेरिकी फौज को फिर से अफगानिस्तान भेजेंगे।”