भाविना पटेल ने पैरालिंपिक में जीता सिल्वर, गुजरात सरकार देगी 3 करोड़, पिता बोले- वो दिव्यांग नहीं, दिव्य है
जुलाई के अंतिम सप्ताह में और अगस्त के पहले सप्ताह में दुनियाभर में जापान में आयोजित हुए टोक्यो ओलंपिक 2020 की धूम थी. दुनियाभर के खिलाड़ियों ने इस ओलंपिक में हिस्सा लिया और एक ही मंच पर एक साथ दर्शकों को सैकड़ों खेल एक साथ देखने को मिले. इस ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने भी शानदार प्रदर्शन किया और एक गोल्ड सहित भारत को कुल 6 पदक मिले. 23 जुलाई को टोक्यो ओलंपिक 2020 की शुरुआत हुई थी, वहीं इसका समापन 8 अगस्त को हो गया. इसके बाद अब टोक्यो पैरालिंपिक खेलों की शुरुआत हो गई है. इसमें भी भारत का जलवा देखने को मिल रहा है.
गौरतलब है कि 24 जुलाई को भारत की वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. वहीं अब टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में भारत की एक और बेटी ने रजत पदक पर कब्जा किया है. पैरालिंपिक खेलों में भाविना पटेल ने सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है और एक बार फिर से भारत का नाम दुनियाभर में रौशन हुआ है. उन्होंने यह ऐतिहासिक उपलब्धि टेबल टेनिस क्लास 4 में दर्ज की है.
गुजरात के वडनगर की रहने वाली भाविना पटेल की हर ओर चर्चा हो रही हैं. ख़ास बात यह है कि भावना पैरालिंपिक खेलों में मेडल जीतने वाली भारत की महज दूसरी महिला खिलाड़ी हैं. जबकि टेबल टेनिस के इतिहास में अब तक भारत के लिए यह कारनामा कोई नहीं कर पाया था.
भाविना पटेल गुजरात के एक साधारण से परिवार से संबंध रखती हैं. उनके पिता हंसमुखभाई पटेल गुजरात के मैहसाणा जिले में एक छोटी परचून की दुकान चलाते हैं. हालांकि भाविना ने ऐसा काम कर दिखाया है कि उनके घर-परिवार के साथ ही उन पर पूरे देश को गर्व हो रहा है और उन्हें ख़ूब बधाईयां मिल रही है. पीएम मोदी से लेकर देश की कई बड़ी हस्तियों ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी है. वहीं गुजरात सरकार भी भाविना की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर गदगद नज़र आई और गुजरात सरकार ने भाविनी को करोड़ों रूपये की इनामी राशि देने का ऐलान किया है.
गुजरात सरकार देगी 3 करोड़ रूपये का इनाम..
गुजरात सरकार ने अपने राज्य की इस बेटी को बड़ा इनाम देने का ऐलान किया है. बता दें कि, गुजरात सरकार भाविना पटेल को पुरष्कार स्वरुप तीन करोड़ रूपये देंगी. इतना ही नहीं सरकार ने भावना को सरकारी नौकरी देने का फ़ैसला भी किया है. एक समय था जब भावना ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया जबकि अब उनके दिन बदलने वाले हैं और इसकी शुरुआत उनकी टोक्यो पैरालिंपिक में हुई जीत से हो गई है.
भाविना के पिता हंसमुखलाल उनकी जीत से काफी खुश है और उनका कहना है कि, ‘वह भले ही दिव्यांग हो लेकिन हमने उसे कभी इस तरह नहीं देखा. हमारे लिए वह ‘दिव्य’ है. हमें बेहद खुशी है कि उसने देश के लिए रजत पदक जीता.
’वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने भाविना को सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई दी थी उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि, ‘भाविना बेन को टोक्यो 2020 पैरालिंपिक गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने के लिए बधाई. गुजरात सरकार की ओर से भाविना बेन को तीन करोड़ रुपये दिए जाएंगे.’