नीरज चोपड़ा का भाला हो गया था गायब! जब ढूंढा तो देखा, अरशद उन का जेवलिन लिए घूम रहा है
'भाई मेरा जेवलिन मुझे दे दे' जब फाइनल से पहले टोक्यो ओलपिंक में नीरज ने पाकिस्तान के अरशद से मांगा भाला।
टोक्यो ओलंपिक का भले ही समापन हो चुका है, लेकिन जेवलिन में भारत की तरफ़ से स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा लगातार सुर्खियों में बनें हुए हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले संपन्न हुए टोक्यो ओलंपिक में भारत के नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। उन्होंने जेवलिन थ्रो में 87.58 मीटर भाला फेंक कर भारत को पहली बार एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल जिताया था।
नीरज भारत के ओलंपिक इतिहास में ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले एथलीट हैं। वहीं आप सभी को जानकारी के लिए बता दें कि फाइनल मुकाबले में नीरज के लिए सब कुछ ठीक नहीं था। जब वह मुकाबले के लिए तैयार हुए तो उनका भाला नहीं मिल रहा था। दरअसल उस समय नीरज का जेवलिन पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम के पास था। इस बात का खुलासा खुद गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने किया है।
जी हां बता दें कि इंटरव्यू में नीरज ने कहा कि, मैं फाइनल से पहले अपने जेवलिन की खोज कर रहा था, लेकिन मुझे यह नहीं मिला। अचानक मैंने देखा कि अरशद नदीम मेरी ओर मेरा भाला लेकर आ रहे हैं, तब मैंने उनसे कहा, भाई यह भाला मुझे दे दो क्योंकि यह मेरा जेवलिन है। मुझे इसी के साथ थ्रो करना है, तब अरशद ने मुझे मेरा भाला वापस किया।
नीरज ने इंटरव्यू के दौरान आगे कहा कि इसलिए आपने देखा होगा कि मैंने अपना पहला थ्रो जल्दबाजी में किया। नीरज चोपड़ा के मुताबिक अरशद नदीम ने क्वालीफाइंग दौर के अलावा वास्तव में फाइनल में भी अच्छा प्रदर्शन किया। मुझे लगता है कि यह पाकिस्तान के लिए अच्छा संकेत है, वे जेवलिन थ्रो में और अधिक रुचि दिखाएं और भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करें।
बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में अरशद नदीम पदक के दावेदार थे। लेकिन फाइनल में 84.62 मीटर का थ्रो उनके मेडल दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं था। इससे पहले उन्होंने फाइनल के लिए 85.16 मीटर भाला फेंक कर क्वालीफाई किया था। अरशद नदीम भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा को अपना आदर्श मानते हैं। वह पहले पाकिस्तान के एथलीट हैं जिन्होंने ट्रैक और फील्ड स्पर्धा के किसी भी इवेंट में ओलंपिक में फाइनल के लिए क्वालीफाई किया।