तेजस एक्सप्रेस ट्रेन हुई लेट, IRCTC यात्रियों को देगा क़रीब साढ़े चार लाख रुपए का मुआवजा
इस कारण लेट हुई तेजस एक्सप्रेस ट्रेन, IRCTC ने यात्रियों को दिया रिफंड। जानिए क्या है मामला...
भारत जैसे देश में ट्रेन लेट होना एक आम बात है और उसमें भी दो-तीन घण्टे की देरी तो कुछ भी नहीं, लेकिन आज हम जो ख़बर आपको बताने जा रहें। उसे सुनकर आप चौंक जाएंगे। जी हां अब ट्रेन लेट होने पर आईआरसीटीसी (IRCTC) यात्रियों को 4.5 लाख से ज्यादा का मुआवजा देगा। तो आइए जानते हैं विस्तार से की आख़िर क्या है पूरा माज़रा…
बता दें कि देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस (Tejas Express) के 2,035 यात्रियों को रेलवे की कंपनी आईआरसीटीसी (IRCTC) 4.5 लाख रुपये हर्जाना देगी। जी हां दिल्ली और लखनऊ के बीच चलने वाली यह ट्रेन शनिवार और रविवार को लेट हो गई थी। शनिवार को भारी बारिश के कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सिग्नल फेल हो जाने के कारण यह ट्रेन ढाई घंटे लेट हो गई थी और रविवार को भी लखनऊ-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस करीब एक घंटे लेट हुई थी।
गौरतलब हो कि तेजस एक्सप्रेस में यात्रियों को फ्लाइट वाली सुविधाएं दी जाती हैं। इतना ही नहीं तेजस एक्सप्रेस में ट्रेन के लेट होने पर यात्रियों को हर्जाना देने का प्रावधान है। ट्रेन के 1 घंटा लेट होने पर हरेक यात्री को 100 रुपये और दो घंटे या उससे अधिक लेट होने पर 250 रुपये हर्जाना देने का प्रावधान है। इस तरह आईआरसीटीसी यात्रियों को 4,49,600 रुपये का हर्जाना देगा। मालूम हो तेजस एक्सप्रेस देश की पहली प्राइवेट और कॉर्पोरेट ट्रेन है, जिसका संचालन आईआरसीटीसी करती है।
बता दें कि आईआरसीटीसी के चीफ रीजनल मैनेजर अजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि शनिवार की यात्रा के लिए 1,574 यात्रियों को 3,93,500 रुपये रिफंड किए जाएंगे। रविवार की यात्रा के लिए 561 यात्रियों में से प्रत्येक को 100 रुपये मिलेंगे। यानी उन्हें कुल 56100 रुपये दिए जाएंगे। इस तरह 2,035 यात्रियों को कुल 4,49,600 रुपये का हर्जाना दिया जाएगा। आईआरसीटीसी के मुताबिक तेजस एक्सप्रेस शनिवार को अपने निर्धारित समय सुबह 6.10 बजे लखनऊ जंक्शन से चली थी। लेकिन सिग्नल फेल होने के कारण ट्रेनों को रोक दिया गया था। इसके कारण तेजस एक्सप्रेस दो घंटे देरी से नई दिल्ली पहुंची थी। इसी तरह लखनऊ जा रही तेजस एक्सप्रेस भी लेट हो गई।
प्लेन जैसी सुविधाएं ट्रेन में…
तेजस एक्सप्रेस देश की पहली प्राइवेट और कॉर्पोरेट ट्रेन है, जिसका संचालन आईआरसीटीसी करती है। इस ट्रेन में खाना, नाश्ता और पेय जल फ्री है। तेजस एक्सप्रेस में डायनेमिक फेयर सिस्टम है यानी यात्रियों को कोई रियायती टिकट नहीं मिलती है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों को किराए से छूट है, वहीं 5 साल और उससे अधिक आयु के बच्चों का पूरा किराया लगता है।
विदेशी पर्यटकों के लिए एग्जीक्यूटिव क्लास में छह और चेयर कार में 12 सीटें उपलब्ध रहती हैं। तेजस में पहले एसी चेयर कार के 9 डिब्बे और एक्जीक्यूटिव क्लास का एक डिब्बा था। इसे पिछले दिनों बढ़ा कर एसी चेयर कार के 12 और एक्जीक्यूटिव क्लास का दो डिब्बा कर दिया गया था। जिस तरह से डिब्बे बढ़े थे, उस हिसाब से ट्रेन में सीटों की संख्या 758 से बढ़ कर 1048 हो गईं। इनमें 936 सीटें एसी चेयर कार और 112 सीटें एक्जीक्यूटिव क्लास की।
जल्द शुरू हो सकती है पटना-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस…
वहीं जानकारी के मुताबिक 1 सितंबर से पटना से नई दिल्ली की तेजस एक्सप्रेस ट्रेन शुरू हो सकती है। हालांकि अभी इस मामले में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। तेजस एक्सप्रेस पटना राजधानी के समय पर भी शुरू हो सकती है।