खास से आम इंसान बनें अफगानिस्तान के पूर्व मंत्री, जर्मनी में कर रहे हैं अब डिलिवरी बॉय का काम
अफगानिस्तान की हुकूमत तालिबान के हाथों आते ही यहां के लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। अफगानिस्तान के कई सारे नेता भी अपने देश से भाग गए हैं। देश से भागने के बाद ये नेता अब आम आदमी बन गए हैं और गुजारा करने के लिए नौकरी कर रहे हैं। अफगानिस्तान के पूर्व संचार मंत्री तो इन दिनों पिज्जा बेचने पर मजबूर हैं और पिज्जा डिलिवरी का काम कर रहे हैं।
وزير الاتصالات والتكنولوجيا الأفغاني السابق سيد أحمد سادات يلجأ لمهنة توصيل طلبات الطعام على متن دراجة هوائية في مدينة لايبزيغ الألمانية التي وصلها نهاية عام 2020، بعد تخليه عن منصبه pic.twitter.com/zfFERbqCmD
— قناة الجزيرة (@AJArabic) August 24, 2021
अल जजीरा अरबी ने अपने ट्विटर हैंडल से अफगानिस्तान के पूर्व आईटी मंत्री सैयद अहमद शाह सादत की एक तस्वीर ट्वीट की है। जिसमें ये पिज्जा बेचते हुए नजर आ रहे हैं। इन्होंने इस समय जर्मनी में शरण ली है और गुजारा करने के लिए ये काम कर रहे हैं।
अल जजीरा अरबी की ओर से ट्वीट करते हुए लिखा गया है कि अफगानिस्तान के पूर्व आईटी मंत्री सैयद अहमद शाह सादत अब जर्मनी में फूड डिलिवरी का काम कर रहे हैं। सादत की ये तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और लोगों की कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। वहीं जर्मन मीडिया की खबरों के मुताबिक, सादत अब जर्मनी के ‘लीफरांदो नेटवर्क’ के लिए काम कर रहे हैं और वो जर्मनी के लिपजिग शहर में साइकल से लोगों को पिज्जा पहुंचाते हैं।
आपको बता दें कि सादत ने बीते साल ही अफगान कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। वो साल 2018 से कैबिनेट मंत्री थे लेकिन अफगानिस्तान की गनी सरकार से अनबन होने के बाद इन्होंने साल 2020 में मजबूरन इस्तीफा दिया था। इससे पहले उन्होंने साल 2005 से 2013 तक अफगानिस्तान में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के मुख्य तकनीकी सलाहकार सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया था। सादत 2016 से 2017 तक लंदन में ‘एरियाना टेलीकॉम’ के सीईओ पद पर भी रह चुके हैं। वहीं अब ये जर्मनी में रह रहे हैं।
एक जर्मन पत्रकार ने अफगानिस्तान के पूर्व संचार मंत्री से बातचीत भी की। जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान के हाल और अपने बारे में बताया। सैयद अहमद शाह आदत ने कहा कि वो पिछले साल के आखिरी में अपने पद से इस्तीफा देकर जर्मनी चले आए थे। मुल्क छोड़ने के बाद उन्होंने कुछ समय अच्छे से बिताया। लेकिन जब पैसे खत्म होने लगे तो उन्हें जीवनयापन के लिए ये काम शुरू कर दिया।
सैयद ने अपने देश छोड़ने की वजह बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति अशरफ गनी की टीम और उनकी मांगों से वो सहमत नहीं थे। इसलिए सबकुछ छोड़कर जर्मनी चले आए। इन्होंने आगे कहा कि अशरफ गनी सरकार के इतनी जल्दी गिरने की उम्मीद इन्हें नहीं थी।
फिर से करेंगे अपना करियर शुरू
पूर्व अफगान मंत्री ने बताया कि उनके पास ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से संचार और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में दो मास्टर डिग्री हैं। इसके अलावा उन्होंने 13 देशों की 20 से अधिक कंपनियों के साथ कम्युनिकेशन की फील्ड में काम किया है।अपने फ्यूचर प्लान के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वो जर्मन भाषा सीखकर वापस Telecommunications Sector में काम करेंगे। इनके पास Telecommunications Sector में 23 साल का अनुभव है।