अफगानिस्तान के गर्ल्स स्कूल की फाउंडर ने जलाए बच्चियों के रिकॉर्ड, पूछने पर बताई वजह
अफगानिस्तान के गर्ल्स बोर्डिंग स्कूल की को-फाउंडर शबाना बसीज-रसीख ने बच्चियों के सारे रिकॉर्ड जला दिए हैं। ये देश का एक मात्र लड़कियों का बोर्डिंग स्कूल था। जिसमें कई सारी लड़कियां पढ़ा करती थी। जानकारी के अनुसार इन्होंने तालिबान से बच्चियों को बचाने के लिए ये कदम उठाया है।
स्कूल की को-फाउंडर शबाना बसीज-रसीख ने एक ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी और कहा कि 20 साल पहले जब अफगानिस्तान तालिबान के चंगुल से आजाद हुआ था। तक लड़कियों को स्कूल जाने की इजाजत मिली थी। आज एक बार फिर इनका राज आया है। ऐसे में लड़कियों और उनके परिवार की रक्षा करने के लिए ये रिकॉर्ड जलाये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मेरे छात्र, सहकर्मी, और मैं दुनिया के विभिन्न देशों की कृतज्ञता के कारण सुरक्षित हैं। मेरी कृतज्ञता को उचित रूप से व्यक्त करने का समय आ जायेगा। लेकिन अभी कई ऐसे हैं जो सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, मैं उनको लेकर चिंतित हूं। मैं यह बयान उन छात्राओं और उनके परिवार वालों को आश्वस्त करने के लिए दे रही हूं, जिनका रिकॉर्ड हमने जलाया है।
Nearly 20 years later, as the founder of the only all-girls boarding school in Afghanistan, I’m burning my students’ records not to erase them, but to protect them and their families.
2/6 pic.twitter.com/JErbZCSPuC— Shabana Basij-Rasikh (@sbasijrasikh) August 20, 2021
इसके अलावा एक अन्य ट्वीट पर इन्होंने लिखा कि मार्च 2002, तालिबान के पतन के बाद, हजारों अफगान लड़कियों को प्लेसमेंट परीक्षा में भाग लेने के लिए निकटतम पब्लिक स्कूल में जाने के लिए आमंत्रित किया गया था क्योंकि तालिबान ने उनके अस्तित्व को मिटाने के लिए सभी महिला छात्रों के रिकॉर्ड जला दिए थे। मैं उन लड़कियों में से एक थी।
गौरतलब है कि तालिबान केवन सरिया कानून मानता है और अफगान पर कब्जा करते हुए तालिबान ने यहां की लड़कियों के लिए कई सारे कानून बनाएं हैं। तालिबान के लड़ाके 15 साल तक की लड़कियों को निशाना बना रहे हैं। जून के आखिर में तालिबान के एक वरिष्ठ नेता ने घोषणा की थी कि रुस्तक जिले में 15 साल से अधिक उम्र की लड़कियों और 40 साल से कम उम्र की विधवाओं को समूह के लड़ाकों के साथ शादी कर लेनी चाहिए।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार तालिबान लड़ाकों ने कथित तौर पर फिर से कब्जा किए गए शहरों से 12 साल की लड़कियों को अगवा करना शुरू कर दिया है और इन लड़कियों को ‘सेक्स गुलाम’ बनाया जा रहा है। इन लड़कियों को घरों से उठाया जा रहा है। इसके अलावा महिलाओं को जबरन नौकरी से निकाला जा रहा है।
एंकर को दी धमकी
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान की ओर से प्रेस वार्ता की गई थी। इस प्रेस वार्ता में आई एक महिला रिपोर्टर को तालिबान ने घर जाने के लिए बोल दिया था। इसके अलावा तालिबान ने टीवी एंकर शबनम खान दावरान को घर में रहने की धमकी दी थी। इन्होंने कहा था कि मैं काम करना चाहती हूं, लेकिन वे मुझे काम नहीं करने दे रहे हैं। तालिबान ने शबनम से कहा कि अब व्यवस्था बदल गयी है। आप काम पर नहीं जा सकती।
गौरतलब है कि 15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद से अफगानिस्तान के लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट पर भी भारी संख्या में लोग जमा हो रहे हैं और अफगानिस्तान से बाहर निकलने का रास्ता तलाश रहे हैं।