उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता कल्याण सिंह (Kalyan Singh) का 89 वर्ष की उम्र में लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI-MS) में शनिवार को निधन हो गया। उनका पूरा राजनीतिक करियर कई उतार-चढ़ाव का साक्षी रहा। वे बीते डेढ़ महीने से इसी अस्पताल में भर्ती थे। बता दें कि कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के दो बार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। कल्याण सिंह का नाम हमेशा पढ़ाई-लिखाई को लेकर सख्त और अनुशासित मुख्यमंत्री के तौर पर याद रखा जाएगा।
एक समय उत्तर प्रदेश को एक नकलची प्रदेश की संज्ञा दी जाने लगी थी, क्योंकि स्कूली परीक्षाओं में नकल धड़ल्ले से करवाया और किया जाता था, लेकिन कभी कल्याण सिंह खुद टीचर थे। इस वजह से वे पारदर्शी परीक्षा प्रणाली पर यकीन रखते थे, इसी कारण वो यूपी में मुख्यमंत्री रहते हुए नकल अध्यादेश लेकर आए। उनके इस अध्यादेश के दौरान एग्जाम में सख्ती का अलग ही आलम था। गौरतलब हो कि ये नकल के इतने सख़्त विरोधी थे कि नकल करने वालों को सीधे जेल होती थी जिससे आम छात्र भी कांप जाते थे। आइए जानें 89 साल के जीवन में कल्याण सिंह के नाम कितनी उपलब्धियां और कितने विवाद आए और कैसा रहा उनका सफ़र…
जानकारी के लिए बता दें कि कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को उत्तरप्रदेश के अतरौली में हुआ था। उनके पिता का नाम तेजपाल सिंह लोधी और मां का नाम सीता देवी था। धर्म समाज महाविद्यालय अलीगढ़ से उन्होंने बीए एलएलबी की पढ़ाई की। इसके अलावा उन्हें कबड्डी देखने और संगीत सुनने का बहुत शौक था।
इनके दो बच्चे बेटा राजवीर सिंह उर्फ राजू भइया और बेटी प्रभा देवी हैं। उनका बेटा भी राजनीति में है और वो एटा से बीजेपी सांसद है। कल्याण सिंह के शुरुआती जीवन के बारे में बात करे तो राजनीति में आने से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्णकालिक स्वयंसेवक थे। फिर उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद, कल्याण सिंह ने टीचिंग का करियर शुरू किया था।
साल 1975 में जब देश में आपातकाल लगा तो उन्हें गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद उन्होंने 21 महीने जेल में बिताए। जेल से वापस लौटने के बाद वो राजनीति में सक्रिय हो गए। फिर राजनीति में उनका नाम कुछ ऐसा चमका कि वो यूपी के मुख्यमंत्री तक बने लेकिन एक ऐसा दौर भी आया जब उन्हें प्रदेश के हालातों की जिम्मेदारी खुद लेनी पड़ी।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में बाबरी मस्जिद विध्वंश के दौर में वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इस घटना के बाद प्रदेश के बिगड़े हालातों में न सिर्फ उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया। साथ ही इस दुखद घटना की नैतिक जिम्मेदारी भी खुद ली थी। कहा जाता है कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने पुलिस अधिकारियों को अयोध्या पहुंचे कारसेवकों पर किसी भी हाल में गोली चलाने की इजाजत नहीं दी थी।
वर्तमान में कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया भारतीय जनता पार्टी के एटा से सांसद हैं। बता दें कि कल्याण सिंह को राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी भी मिली थी। उन्होंने चार सितम्बर 2014 को राजस्थान के राज्यपाल पद की शपथ ली फिर जनवरी 2015 में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया।
1991 में कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बने थे। बाबरी विध्वंश के अलावा वो एक और वजह से याद किए जाते हैं, वो था नकल अध्यादेश। उस दौरान कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे और राजनाथ सिंह शिक्षा मंत्री। बोर्ड परीक्षा में नकल करते हुए पकड़े जाने वालों को जेल भेजने के इस कानून ने कल्याण को बोल्ड एडमिनिस्ट्रेटर बना दिया। यूपी में किताब रख के चीटिंग करने वालों के लिए ये काल बन गया था। लेकिन साथ ही वो बच्चे भी थर्राते थे जिन्हें लगता था कि कहीं से गलती से उन पर ही कोई नकल की पुर्ची न फेंक दे और उन्हें जेल जाना पड़ जाए।
इतना ही नहीं, कल्याण सिंह जीवनभर एक योद्धा की तरह रहे लेकिन जीवन के अंतिम दिनों में उन्हें गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया। एक महीने पहले उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के बाद ऑक्सीजन सपोर्ट पर लखनऊ स्थित एसपीजीआई हॉस्पिटल में रखा गया। जिसके बाद लगातार उनकी हालत बिगड़ती चली गई। वे बीते डेढ़ महीने से जीवन और मृत्यु के बीच जूझ रहे थे। उनकी बीमारी के वक्त मुलाकात करने रक्षामंत्री राजनाथ, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह जैसे दिग्गज नेता जा चुके थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा उनके स्वास्थ्य का जायजा लेने अस्पताल जाते थे। सीएम योगी ने भी एक दिन पहले उनका हाल अस्पताल जाकर लिया था। प्रधानमंत्री समेत देश के कई दिग्गज नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
I am saddened beyond words. Kalyan Singh Ji…statesman, veteran administrator, grassroots level leader and great human. He leaves behind an indelible contribution towards the development of Uttar Pradesh. Spoke to his son Shri Rajveer Singh and expressed condolences. Om Shanti. pic.twitter.com/ANOU2AJIpS
— Narendra Modi (@narendramodi) August 21, 2021
कल्याण सिंह जी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी कर्तव्यनिष्ठा व राजनीतिक कौशल से सुशासन की संकल्पना को साकार कर जनता को भय व अपराध से मुक्त एक जनकल्याणकारी शासन दिया और शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार कर आने वाली सरकारों के लिए उत्कृष्ट आदर्श भी स्थापित किए। pic.twitter.com/PyslNND4Lc
— Amit Shah (@AmitShah) August 21, 2021
कल्याण सिंह जी का निधन भारतीय राजनीति के एक युग का अंत है। लाखों कार्यकर्ताओं को पार्टी की सेवा के लिए तैयार करने वाले “बाबू जी” की छवि सदैव हमारे मन-मस्तिष्क में विराजमान रहेगी। कल्याण सिंह जी ने देश की राजनीति को नयी दिशा दिखाई।
प्रभु श्री राम उन्हें अपने चरणों में स्थान दें।
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) August 21, 2021
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान के पूर्व राज्यपाल श्री कल्याण सिंह जी का निधन हृदय विदारक!
दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोक संतप्त परिवार को दुख सहने की शक्ति दे भगवान।
विनम्र श्रद्धांजलि!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 21, 2021