तालिबान को सबक सिखाने की तैयारी में अफगनिस्तान, पंजशीर घाटी में जमा हुए 30 हजार अफगानी
तालिबान अफ़ग़ानिस्तान पर लगातार कहर बरपा रहा है. पहले तो तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा किया और फिर अपनी सरकार भी बना ली. पूरी दुनिया में अफगानिस्तान सुर्ख़ियों में हैं. वो भी अपनी बर्बादी को लेकर. तालिबान लगातार क्रूर होते जा रहा है और अफगानियों को लगातार खदेड़ रहा है. अफगानिस्तान और उसके लोग पूरी तरह से बेबस है. उनके पास बचने का कोई रास्ता नहीं है.
अफगानिस्तान के लोगों को जहां जगह मिल रही है अपनी जान बचाने के लिए वे वहां भाग रहे हैं. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी तो पहले ही जान पर आफ़त आते देख देश छोड़कर भाग गए और UAE में शरण ले ली. ऐसे में प्रजा का हाल बहुत बुरा हो चुका है. अफगानिस्तान के पास तालिबान की किसी भी चीजे का जवाब नहीं हैं.
हालांकि उम्मीदें जताई जा रही हैं ही तालिबान को अब मुंह की खानी पड़ सकती है. तालिबान की चर्चित पंजशीर घाटी में अफगान के लोग तालिबान को उसकी औकात याद दिलाने के लिए जुटने लगे हैं.
बता दें कि, 15 अगस्त की सुबह जब हमारा हिन्दुस्तान अपनी आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहा था उसी सुबह तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था. लगभग पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान ने नियंत्रण जमा लिया है, हालांकि अब भी पंजशीर घाटी में तालिबान घुस नहीं पाया हैं. इससे पहले भी कभी तालिबान पंजशीर घाटी में अपनी कदम नहीं रख पाया है. इस क्षेत्र से अफगानिस्तान को काफी उमीदें हैं.
शुक्रवार को पंजशीर घाटी में अफगानिस्तान के कई सैनिकों के दस्ते तालिबान से जंग लड़ने के लिए पहुंचे. बताया जा रहा है कि अब तक तालिबान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पंजशीर घाटी में 30 हजार से ज्यादा अफगानी पहुंच चुके हैं. अधिकतर इनमें अफगानिस्तान के सैनिक शामिल है. इसके लिए कदम उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह और रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह खान मोहम्मदी ने बढ़ाए हैं.
वहीं तालिबान के ख़िलाफ़ इस जंग में नॉर्दर्न एलायंस के लीडर रहे और अफगानिस्तान के पूर्व रक्षा मंत्री अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. उनके नेतृत्व में अब तालिबान को करारा जवाब देने की तैयारी अफगान सेना और पंजशीर घाटी के 100 से अधिक कबीलों के लड़ाके कर रहे हैं.
तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट से 150 लोगों को किया अगवा…
वहीं इसी बीच ख़बर आई है कि तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एयरपोर्ट से शुक्रवार सुबह करीब 150 लोगों का अपहरण कर लिया है. इनमें से अधिकतर लोग भारतीय है. वहीं अन्य लोग अफगानिस्तान के नागरिक है और इनमें अफगानिस्तान में रहने वाले सिख भी शामिल हैं.