कश्मीर मुद्दे पर चीन ने अपने पुराने दोस्त पाकिस्तान को दिया तगड़ा झटका..
भारत के दुश्मनों की कमी नहीं है। एक तरफ चीन उसपर बुरी नजर गड़ाए बैठा है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान कश्मीर पर कब्जा करना चाहता है। आपने एक कहावत तो सुनी ही होगी कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। भारत से इन दोनों देशों के बीच कुछ ज्यादा अच्छे रिश्ते कभी नहीं रहे हैं। अब दोनों भारत के दुश्मन ही हैं तो दोनों के बीच अच्छी दोस्ती बनी हुई है।
चीन और पाकिस्तान की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है। हालांकि ये अलग बात है कि चीन पाकिस्तान का हर समय फायदा उठाता रहता है। यह बात पाकिस्तान को भी पता है, लेकिन उसके पास कोई अन्य रास्ता भी नहीं है। विश्व के सभी देशों ने पाकिस्तान को दरकिनार कर दिया है। ऐसे में उसका इकलौता हितैषी चीन ही बना हुआ है।
कश्मीर मुद्दे के लिए नहीं करेगा SCO का इस्तेमाल:
चीन पाकिस्तान को हर कदम पर मदद का दावा करता रहा है। यहां तक की चीन ने भारत के साथ कश्मीर मुद्दे पर भी पाकिस्तान का साथ देने का वादा किया था। लेकिन अब स्थिति कुछ और ही है। अब कश्मीर मुद्दे पर चीन ने उसे करारा झटका दे दिया है। चीनी मीडिया ने अभी हाल ही में कहा कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के लिए शंघाई कारपोरेशन आर्गेनाइजेशन (SCO) का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
कश्मीर का मुद्दा है द्विपक्षीय मुद्दा:
चीन के कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह संगठन कश्मीर मुद्दे के अंतर्राष्ट्रीयकरण करने में कभी भी समर्थन नहीं करेगा। आपको बता दें कि पाकिस्तान काफी समय से कश्मीर मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उछालने की नाकाम कोशिश कर रहा है। इधर भारत का इस मुद्दे पर कहना है कि कश्मीर का मुद्दा द्विपक्षीय मुद्दा है। इसे भारत और पाकिस्तान ही मिलकर सुलझाएंगे। अभी तक पाकिस्तान को ऐसा लगता था कि कश्मीर मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उछालने में चीन उसकी मदद करेगा।
बृहस्पतिवार के 6 सदस्यों की शंघाई कारपोरेशन आर्गेनाइजेशन (SCO) समिट शुरू हो रही है। इस संगठन में भारत और पाकिस्तान को नए सदस्य के रूप में शामिल करने की औपचारिक प्रक्रिया को भी पूरा किया जायेगा। चीन के जानकारों का कहना है कि SCO भारत और पाकिस्तान के विवाद का मंच नहीं बनेगा। मीडिया ने यह भी संकेत दिया है कि चीन के प्रभुत्व वाले इस संगठन में चीन के सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना वन बेल्ट वन रोड का भी समर्थन किया जायेगा।