चंदौली का सूरज अफगानिस्तान में फंसा। माँ और पत्नी का रो-रोकर हुआ बुरा हाल…
चंदौली का सूरज अफगानिस्तान में फंसा। घर वाले टकटकी लगाकर देख रहें कि आख़िर कब आएगा उनका सूरज? जानिए पूरी कहानी...
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्ज़ा किए जाने के बाद से ही वहां की स्थिति बद से बद्दतर होती जा रही है। लोग अफगानिस्तान से किसी तरह जान बचाकर भागना चाहते हैं। इसके लिए वो एयरोप्लेन के आगे दौड़ लगाते हुए वायरल वीडियो में देखें जा सकते हैं। इतना ही नहीं जिस किसी के परिवार का कोई व्यक्ति अफगानिस्तान में फंसा हुआ है। वह उनके लिए सलामति की दुआ मांग रहा है। बता दें कि भारत के कई लोग अभी अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं। जो भारत आना चाहते हैं। इतना ही नहीं भारत सरकार भी पूरी तन्मयता के साथ लोगों को एयरलिफ्ट करने में लगी हुई है।
बता दें कि अफगानिस्तान की एक फैक्ट्री में करीब 18 भारतीय मजदूर फंसे हुए हैं। उन्होंने सरकार से बाहर निकालने की गुहार लगाई है। इन मजदूरों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के रहने वाले लोग हैं। इन्हीं में एक युवक चंदौली का रहने वाला सूरज भी शामिल है। जिसके परिवार का बुरा हाल है, उनकी आंखों से आंसू नहीं थम रहे हैं। दरअसल, सूरज चंदौली जिले के अमोघपुर गांव का रहने वाला है। वह वेल्डिंग का काम करता है। लेकिन यहां वह ठीक से अपने परिवार की रोजी रोटी नहीं चला पा रहा था। इसलिए वो इसी साल जनवरी माह में अफगानिस्तान चला गया। सूरज अपने साथियों के साथ काबुल की एक फैक्ट्री में वेल्डिंग का काम करता है।
बेटे के काबुल में फंसे होने के बाद परिवार का बुरा हाल है। तालिबान के कब्जा करने के बाद सूरज के परिवार की चिंता बढ़ गई है। पूरा परिवार बस टकटकी लगाए हुए टीवी के सामने बैठा हुआ है कि कब वह अपने घर लौटकर आ जाए। वह जिला कलेक्टर से लेकर विधायक तक अपने बेटे की वापसी के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं। वहीं सूरज की मां और पत्नी मंदिर जाकर उसके सही सलामत लौटने की दुआ मांग रही हैं।
बता दें कि सूरज के अफगान में फंसे होने से सबसे ज्यादा दुखी उसकी मां और पत्नी हैं। उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पत्नी रेखा गांव के मंदिर जाकर पति की सलामति की दुआ मांग रही है। सूरज का एक मासूम बेटा भी है।
वहीं गौरतलब हो कि सूरज के पिता बुद्धिराम चौहान और भाई ओंकार ने मीडिया को बताया कि उनका बेटा अफगान की जिस फैक्ट्री में काम करता है, उसका मालिक सभी मजदूरों का पासपोर्ट लेकर फरार हो गया है। भारत आने के लिए पासपोर्ट जरूरी है। सूरज को यह समझ नहीं आ रहा है कि वह आखिर ऐसी हालत में क्या करे। उसने अपनी सारी परेशानी अपने परिवार को बताई है। सूरज ने बताया कि यहां हमारी पीड़ा कोई नहीं सुन रहा है। अगर जल्द यहां से नहीं निकाले गए तो हम सभी मारे जाएंगे।
आख़िर में जानकारी के लिए बता दें कि काबुल की जिस स्टील फैक्ट्री में उत्तर प्रदेश के 18 मजदूर फंसे हुए हैं। उनमें ज्यादातर चंदौली, गाजियाबाद, गाजीपुर और मुबारकपुर के रहने वाले हैं। सभी मजदूर अपने परिवार के संपर्क में हैं और भारत सरकार से जल्द निकालने की गुहार लगा रहे हैं। दूसरी तरफ जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सूरज चौहान के परिजनों को भरोसा दिया कि सूरज चौहान की सकुशल वापसी के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा। सूरज चौहान के परिजनों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को सूरज की सकुशल वापसी के लिए एक प्रार्थना पत्र भी सौंपा है। जिसे जिलाधिकारी के माध्यम से गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।