अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद से काबुल (Kabul) में बेचैनी का माहौल है। काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर अफरातफरी का माहौल देखने को मिल रहा है। बस हर कोई जल्द से जल्द अफगानिस्तान छोड़कर दूसरे देशों में सुरक्षित पनाह लेना चाहता है। ऐसे में लोग कोई भी मुसीबत उठाने को तैयार दिख रहे।
वहीं बता दें कि अफगानिस्तान में फंसे 500 भारतीयों को एयरलिफ्ट (Airlift) करने के लिए सरकार ने भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के विमान सी-17 ग्लोबमास्टर (C-17 Globemaster) को भेजा था। जो समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) के मुताबिक करीब 150 लोगों को लेकर सोमवार को भारत पहुंचा।
वहीं इसी मामले में सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार अपने लोगों को निकालने के लिए दूसरे देशों के साथ भी संपर्क में है। भारत सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि वह अफगानिस्तान में अपने नागरिकों की रक्षा की हरसंभव कोशिश करेगी। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने अपने तमाम मिशनों में काम करने वाले कर्मचारियों और वहां के अल्पंसख्यकों को निकालने की योजना तैयार कर ली है। वहीं विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी के चलते निकासी अभियान प्रभावित हुआ है।
This is, perhaps, one of the saddest images I’ve seen from #Afghanistan. A people who are desperate and abandoned. No aid agencies, no UN, no government. Nothing. pic.twitter.com/LCeDEOR3lR
— Nicola Careem (@NicolaCareem) August 16, 2021
नागरिकों के संपर्क में है भारत…
बता दें कि काबुल जाने वाली सामान्य उड़ानें रद कर दी गई हैं। काबुल एयरपोर्ट से कोई भी कामर्शियल फ्लाइट नहीं उड़ी है। अमेरिका, ब्रिटेन, चीन समेत कई देशों की तरफ से इन उड़ानों को सामान्य करने के लिए कोशिश हो रही हैं। यही नहीं भारत सरकार अफगानिस्तान के हिंदू और सिख समुदाय के लोगों के साथ भी संपर्क में है। गौरतलब हो कि सूत्रों का कहना है कि अगले 24 घंटे बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।
अपने लोगों को निकालने के लिए भारत ईरान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ भी संपर्क में है। इस बीच समाचार एजेंसी एपी (AP) की रिपोर्ट के मुताबिक काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए अमेरिकी सेना एक हजार सैनिकों की अतिरिक्त बटालियन भेज रही है। पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि अतिरिक्त सैनिक भेजे जा रहे हैं। इनका लक्ष्य सुरक्षित तरीके से लोगों को बाहर निकालना है।
अमेरिका की मदद से निकाले गए भारतीय…
अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए वायुसेना के दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों को काबुल रवाना किया गया था। सूत्रों की मानें तो काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ को देखते हुए वहां विमानों की लैंडिंग नहीं हो सकी थी। इसके बाद ताजिकिस्तान के एक एयरपोर्ट पर विमानों को उतारा गया। फिर अमेरिकी बेड़े की मदद से विमान काबुल पहुंचे। वहां से एक विमान ईरानी वायुक्षेत्र का इस्तेमाल करके करीब 150 लोगों को लेकर सोमवार को हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर उतरा। इनमें ज्यादातर आइटीबीपी के जवान और बाकी भारतीय दूतावास के अधिकारी शामिल हैं।
आइटीबीपी कर रही दूतावास कर्मियों की सुरक्षा…
वहीं अधिकारियों ने बताया कि काबुल स्थित भारतीय दूतावास में राजनयिक कर्मचारियों की सुरक्षा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) का सशस्त्र दस्ता कर रहा है। जब तक जरूरत होगी, वे वहां तैनात रहेंगे। हालांकि उन्होंने वहां तैनात कर्मियों की संख्या नहीं बताई।
एयर इंडिया ने रद्द की काबुल की यात्राएं…
काबुल एयरपोर्ट के अनियंत्रित घोषित होने के बाद एयर इंडिया ने सोमवार को काबुल के लिए संचालित होने वाली अपनी उ़़डान रद्द कर दी। इसके अलावा विभिन्न एयरलाइनों ने अफगानी वायुक्षेत्र से बचने के लिए भारत और पश्चिमी देशों के बीच अपनी उड़ानों का मार्ग बदल दिया। इन सबके अलावा विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार वहां के हिंदू और सिख समुदाय के लोगों के साथ संपर्क में है, जो भी अफगानिस्तान छोड़कर भारत आना चाहता है, हम उन्हें सुविधा मुहैया कराएंगे।
कई अफगान साझीदार भी हैं जो लगातार हमारे साथ काम करते रहे हैं। ये लोग हमारे शिक्षा और दूसरे द्विपक्षीय विकास कार्यक्रमों में सहयोग करते रहे हैं, हम उनके साथ हैं।
हवाई पट्टी पर इधर-उधर भाग रहे लोग…
वहीं काबुल में लोग हवाई पट्टी पर इधर से उधर दौड़ रहे हैं और विमानों में सवार होने के लिए धक्का मुक्की हो रही है। राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से बाहर चले जाने के बाद रविवार को तालिबान के लड़ाके काबुल में घुस गये। इसके साथ ही दो दशक लंबे उस अभियान का आश्चर्यजनक अंत हो गया, जिसमें अमेरिका और उसके सहयोगियों ने देश में बदलाव लाने की कोशिश की थी।