51 की हुई मनीषा कोइराला, शराब-ड्रग्स के चक्कर में खो दिया था स्टारडम, फिर ऐसे खुद को संभाला
90 के दशक में मनीषा कोइराला (Manisha Koirala) की गिनती बॉलीवुड की टॉप की अभिनेत्रियों में हुआ करती थी। हालांकि बाद में नशे और ड्रग्स की लत ने उनका करियर तबाह कर दिया। इतना ही नहीं उन्हें कैंसर जैसी घातक बीमारी ने भी जकड़ लिया। 16 अगस्त, 1970 को नेपाल के काठमांडू में जन्मी मनीषा कोइराला आज 51 साल की हो गई हैं। ऐसे में आज हम आपको उनके निजी जीवन से जुड़ी कुछ चौंकाने वाली बाते बताने जा रहे हैं।
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मनीषा कोइराला का संबंध नेपाल की रॉयल फैमिली से है। हालांकि वे अपनी दादी के साथ वाराणसी में रहा करती थी। जब उन्होंने 10वीं की परीक्षा पास कर ली तो उन्हें एक नेपाली फिल्म में काम करने का अवसर मिल गया। ये 1989 की बात है। हालांकि मनीषा को डॉक्टर बनना था ऐसे में अपनी आगे कि स्टडीज करने वे दिल्ली चली गई।
दिल्ली आकर उन्हें मॉडलिंग के ऑफर मिलने लगे। इस दौरान उन्हें लगा कि मैं एक्टिंग में भी अपना करियर बना सकती हूं। यही सोच लेकर वह मुंबई अपना भाग्य आजमाने चली गई। उस समय डायरेक्टर सुभाष घई ‘सौदागर’ (Saudagar) फिल्म पर काम कर रहे थे। इस फिल्म के लिए उन्हें एक न्यू फेस की तलाश थी। इस फिल्म में दिलीप कुमार (Dilip Kumar) और राज कुमार (Raaj Kumar) जैसे दिग्गज कलाकार भी थे।
मनीषा को कहीं से इस फिल्म के बारे में पता लग गया। ऐसे में वह तुरंत सुभाष घई के पास पहुंच गई। इसके बाद उनका एक स्क्रीन टेस्ट हुआ जिसमें पास होने पर फिल्म उनकी झोली में आ गिरी। इस फिल्म में उनके अपोजिट विवेक मुशरान थे। बॉक्स ऑफिस पर सौदागर ने घूम मचा दी। मनीषा की पहली फिल्म ही सुपरहिट हो गई। इससे वह रातोंरात स्टार बन गई।
इस फिल्म के बाद वे फर्स्ट लव लेटर, यलगार, इंसानियत के देवता, अनमोल, मिलन जैसी फिल्मों में नजर आई। लेकिन ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही। फिर मनीषा को 1994 में ‘1942 ए लव स्टोरी’ फिल्म मिली। ये फिल्म सुपरहिट रही। इसके बाद मनीषा का करियर एक बार फिर ऊंचाइयों को छूने लगा। फिर उन्होंने क्रिमिनल, बॉम्बे, अकेले हम अकेले तुम, दुश्मन, अग्निसाक्षी, गुप्त, दिल से, कच्चे धागे, मन जैसी हिट फिल्मों में काम किया।
हालांकि मनीषा अपने इस स्टारडम को ज्यादा दिनों तक बरकरार नहीं रख पाई। उनकी कुछ फिल्में फ्लॉप हुई तो वह तनाव में रहने लगी। जल्द ही उन्हें ड्रग्स और शराब की लत लग गई। इस बुरी लत के चलते उन्हें फिल्मों के ऑफर कम मिलने लगे। शराब और ड्रग्स ने उनकी सेहत पर भी बुरा असर डाला।
देखते ही देखते मनीषा को कैंसर ने जकड़ लिया। ऐसे में वे अपना इलाज करवाने के लिए पहले काठमांडू और बाद में मुंबई गई। हालांकि जब इससे भी बात नहीं बनी तो उन्हें ओवेरियन कैंसर के इलाज के लिए अमेरिका जाना पड़ा। इस तरह मनीषा करीब चार सालों तक अपनी कैंसर की बीमारी से लड़की रही। अंत में उन्हें सफलता मिली और वह कैंसर से मुक्त हो गई।
काम की बात करें तो मनीषा को आखिरी बार नेटफ्लिक्स की ‘मस्का’ फिल्म में देखा गया था। वे इन दिनों इक्का दुक्का फिल्मों में ही नजर आती हैं।