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कभी सड़कों पर पेन बेचे, कभी खाई जेल की हवा, एक ही साल में रिलीज हुई थी जॉनी लीवर की 25 फ़िल्में

80 और 90 के दशक में हिंदी सिनेमा में जॉनी लीवर ने कॉमेडी की परिभाषा ही बदल कर रख दी थी. जॉनी लीवर हिंदी सिनेमा का एक बहुत बड़ा नाम है. जिनकी अदाकारी और बेहतरीन कॉमेडी को हर किसी ने ख़ूब सराहा है और जॉनी आज कॉमेडी का प्रतीक माने जाते हैं. 14 अगस्त 1957 को जॉनी लीवर का जन्म आंध्र प्रदेश के कनिगिरी में हुआ था. आइए आज आपको जॉनी लीवर के जन्मदिन के अवसर पर उनसे जुड़ी कुछ ख़ास बातों के बारे में बताते हैं.

johnny lever

जॉनी लीवर का जन्म बेहद गरीब परिवार में हुआ था. घर की आर्थिक स्थित को सुधारने का जिम्मा छोटी उम्र में ही जॉनी लीवर ने भी अपने कंधों पर ले लिया था और इस वजह से वे पढ़ाई छोड़कर सड़कों पर पेन बेचने का काम करने लगे. रोचक और ख़ास बात यह है कि वे डांस करके पेन बेचने का काम करते थे. जिससे कि उन्हें अपने इस काम में अच्छा खासा मुनाफ़ा होता था.

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गौरतलब है कि, जॉनी लीवर को भारत का पहला स्टैंड अप कॉमेडियन भी कहा जाता है. जॉनी लीवर का असली नाम जॉन प्रकाश राव जनुमाला है. 350 से अधिक फ़िल्मो में नज़र आ चुके जॉनी हिंदी सिनेमा में काम करने से पहले हिंदुस्तान लीवर कंपनी में काम किया करते थे. यहां उनका काम शारीरिक रूप से मेहनत का था. इस दौरान जॉनी 100 किलो से भी ज्यादा वजन के ड्रम को बड़ी ही आसानी से उठाकर एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचा देते थे.

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जॉनी लीवर को शुरू से ही कॉमेडी और अभिनय का शौक था और काम करने के दौरान अक्सर वे अपने साथियों का अपनी एक्टिंग और कॉमेडी से खूब मनोरंजन करते थे. बता दें कि, हिन्दुस्तान लीवर में काम करने के दौरान ही उनका नाम जॉनी लीवर पड़ गया था. फिर आगे जाकर पुरी दुनिया में वे इसी नाम से मशहूर हो गए.

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हिंदी सिनेमा में जॉनी के कद और काम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, वे अब तक 13 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं. कई लोगों का यह भी मानना है कि जॉनी लीवर जैसा कॉमेडियन हिंदी सिनमा के इतिहास में कभी नहीं हुआ. वहीं कई लोग कहते हैं कि कम से कम जॉनी के दौर में तो उनकी टक्कर का कोई हास्य अभिनेता कभी देखने को नहीं मिला.

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न केवल जॉनी लीवर कॉमेडी करने में माहिर है, बल्कि वे एक मिमिक्री आर्टिस्ट भी है. बॉलीवुड में करियर की शुरुआत से पहले वे कई स्टेज शो कर चुके थे और इसी बीच एक स्टेज शो के दौरान उन्होंने हिंदी सिनेमा के दिग्गज़ और दिवंगत अभिनेता सुनील दत्त को भी काफी प्रभावित कर दिया. दरअसल, जॉनी का एक स्टेज शो देखने के लिए सुनील दत्त भी पहुंचे थे. जॉनी का शो देखकर सुनील दत्त को उनका काम पसंद आ गया और सुनील दत्त साहब ने बिना देर किए जॉनी को अपनी फिल्म ‘दर्द का रिश्ता’ ऑफर कर दी. इस तरह से जॉनी के फ़िल्मी करियर की शुरुआत हो गई.

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जॉनी ने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वे लगातार सफ़लता के शिखर को छूते गए. आज भी दर्शक जॉनी को खूब पसंद करते हैं और हिंदी सिनेमा में जब भी हास्य कलाकारों की बात होती है तो जॉनीलीवर का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है. 80 और 90 के दशक में जॉनी कई बेहतरीन और यादगार फिल्मों का हिस्सा रहे. उनका यह जलवा आज भी कायम है.

एक ही साल में रिलीज हुई 25 फ़िल्में…

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जॉनी अपने दौर के बेहद व्यस्त कलाकारों में गिने जाते हैं. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, साल 2000 में उनकी कुक 25 फ़िल्में रिलीज हुई थी. जहां बड़े से बड़े सुपरस्टार्स की एक साल में अधिक से अधिक 3 से 4 फ़िल्में रिलीज होती है, वहीं जॉनी की एक ही साल में कुल 25 फ़िल्में आई थी.

जेल की हवा भी खा चुके हैं जॉनी लीवर…

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यह बात बहुत कम ही लोगों को पता है कि जनी लीवर जेल की हवा भी खा चुके हैं. आप हैरत में भी पड़ गए होंगे कि हंसते-मुस्कुराते और हमेशा फ़िल्मी पर्दे पर दर्शकों को गुदगुदाने वाले इस महान कलाकार ने ऐसा क्या किया होगा कि उन्हें जेल जाना पड़ा होगा तो आपको बता दें कि, उन पर तिरंगे के अपमान का आरोप लगा था. हालांकि बाद में उन पर लगा यह आरोप हट गया था. इस मामले में जॉनी को 7 दिनों के लिए जेल की हवा खानी पड़ी थी.

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