आज नाग पंचमी के दिन भूलकर भी न करें ये काम, पुण्य की जगह चढ़ेगा पाप
हर साल सावन महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी आती है। इस दिन नागों की पूजा की जाती है और शिवलिंग पर दूध अर्पित किया जाता है। इस साल नाग पंचमी शुक्रवार, 13 अगस्त को है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से कई लाभ मिलते हैं और कुंडली में मौजूद कई सारे दोष भी दूर हो जाते हैं।
कई लोग नाग देवता का व्रत भी रखते हैं। जिन लोगों की कुंडली में काल सर्प दोष होता है। उन्हें इस दिन व्रत जरूर रखना चाहिए। ये व्रत रखने से राहु व केतु संबंधी दोष भी दूर हो जाते हैं। हालांकि इस दिन कुछ कार्य ऐसे होते हैं। जिन्हें करना वर्जित माना जाता है। इसलिए आप नाग पंचमी के दिन भूलकर भी इन कार्यों को न करें।
नाग पंचमी पर कभी भी न करें यह काम
1.इस दिन जीवित नाग को कष्ट पहुंचाने से पाप लगता है। इसलिए नाग को कष्ट न पहुंचाए।
2.कई लोग जबरदस्ती इस दिन नाग को दूध पिलाने की कोशिश करते हैं। जो कि गलत माना गया है। ऐसे करने से नाग देवता गुस्सा हो जाते हैं और कुंडली में काल सर्प दोष भी बन जाता है। इसलिए भूलकर भी नाग पंचमी के दिन किसी नाग को जबरदस्ती दूध पिलाने की गलती न करें।
3.नाग पंचमी पर कभी भी जीवित सांप की पूजा न करें। इस दिन नाग देवता की मूर्ति या फोटो की पूजा करना उत्तम माना जाता है। अगर आप मंदिर नहीं जा सकते हैं। तो घर में एक चौकी स्थापित करके उसपर नाग देवता की मूर्ति रखकर पूजा कर सकते हैं।
-4.जीवित सांप को नाग पंचमी के दिन कभी भी दूध न पिलाएं। मान्यता है कि इस दिन दूध जहर के समान होता है। लिहाजा उनकी प्रतिमा पर ही दूध अर्पित करें।
इस तरह से करें नाग देवता की पूजा
सुबह स्नान करके पूजा घर की अच्छे से सफाई कर लें। फिर एक चौकी मंदिर में रख दें। इसपर लाल रंग का वस्त्र बिछा दें।
अब चौकी पर नाग देवता की मूर्ति या फोटो स्थापित कर दें। इसके बाद दूध से अभिषेक करें। इन्हें हल्दी, कुमकुम-अक्षत लगाएं। धूप-दीप जलाकर पूजा करें। मिठाई का भोग लगाएं। साथ ही उन्हें नारियल अर्पित करें और उनका आशीर्वाद दें।
इस दिन भगवान शिव की पूजा भी जरूर करें। भगवान शिव की पूजा करते हुए उनपर दूध अर्पित करें और चांदी के नाग अर्पित करें। ऐसे करने से सारे कष्ट खत्म हो जाते हैं।
चंदन का इत्र या सुगंध नागों को विशेष प्रिय होती है। नाग देवता को चंदन का इत्र अर्पित करने से व्यक्ति की सभी मनो कामनाएं पूरी होती हैं।
पूजा करते हुए नाग देवता के इन मंत्रों को जरूर पढ़ें –
नाग देवता को प्रसन्न करने के मंत्र, इस प्रकार हैं।
1. ऐरावतो धृतराष्ट्रः कार्कोटकधनंजयौ ॥
एतेऽभयं प्रयच्छन्ति प्राणिनां प्राणजीविनाम् ॥
2– नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथ्वीमनु।
ये अंतरिक्षे ये दिवितेभ्य: सर्पेभ्यो नम:।।
3– ये वामी रोचने दिवो ये वा सूर्यस्य रश्मिषु।
येषामपसु सदस्कृतं तेभ्य: सर्वेभ्यो: नम:।।
4.ऊँ सर्पाय नमः। ऊँ अनन्ताय नमः। ऊँ नागाय नमः। ऊँ अनन्ताय नमः। ऊँ पृथ्वीधराय नमः।