भारत और चीन की आलोचना करने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को करारा जवाब दिया पीएम मोदी ने!
आज से कुछ दिनों पहले जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हो रहे थे तो उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प भारत के बड़े हितैषी बन रहे थे। भारत और भारतीय लोगों के लिए बड़े-बड़े वादे कर रहे थे कि राष्ट्रपति बनने के बाद करेंगे। अब उनकी हरकतें देखकर ऐसा लगता है कि उनके सारे वादे झूठे थे। उनकी जीत के लिए भारत में यज्ञ किये जाते थे, और आज ट्रम्प भारत को ही आँखें दिखा रहे हैं।
अमरीका ने खुद को समझौते से कर लिया अलग:
सही कहा गया है कि गैरों का कभी यकीन नहीं करना चाहिए। भारत को यह उम्मीद थी कि ट्रम्प के राष्ट्रपति बनते ही भारत और अमेरिका की दोस्ती नए स्तर पर जाएगी। लेकिन ट्रम्प की करतूतों को देखते हुए ऐसा नहीं लग रहा है। अभी हाल ही में पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका ने खुद को अलग कर लिया। इसके बाद क्या था उसने भारत और चीन की आलोचना कर दी।
अपने प्रधानमंत्री मोदी भी कहा चुप रहने वाले थे। उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की आलोचना का करारा जवाब भी दे दिया। जी हाँ जहाँ एक तरफ पीएम मोदी ने सेंट पीटर्सबर्ग इकनोमिक फोरम में निवेशकों को आमंत्रित किया तो दूसरी तरफ भारत को पर्यावरण का हितैषी बताते हुए कहा कि भारत अपनी जिम्मेदारी पर्यवरण के प्रति प्राचीनकाल से निभाता आ रहा है।
प्रकृति का शोषण करना है अपराध:
इस बात को सिद्ध करने के लिए पीएम मोदी ने भारतीय वेदों का उदहारण दिया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की संस्कृति विरासत रही है। हमारे यहाँ 5 हजार साल पुराने शास्त्र हैं, जिन्हें हम वेद के नाम से जानते हैं। हम हमेशा से यही मानते हैं कि प्रकृति का शोषण अपराध है। मोदी ने पेरिस समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में आज पारम्परिक से ज्यादा रिन्यूअल एनर्जी के क्षेत्र में काम हो रहा है।
मैं पिछले कई सालों तक गुजरात का मुख्यमंत्री था। गुजरात सरकार पूरी दुनिया की चौथी ऐसी सरकार थी, जिसनें अलग से क्लाइमेट डिपार्टमेंट बनाया था। आपको बता दें पेरिस क्लाइमेट डील से बाहर होते ही अमेरिका ने भारत के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया। ट्रम्प ने एक बयान में यह कहा कि पेरिस समझौते से भारत और चीन को खूब फायदा होने वाला है। ट्रम्प ने अपने बयान में कहा कि भारत इस समझौते के तहत विकसित देशों में अरबों रूपये ले रहा है।