कश्मीर में शुरु हुई नई जंग! सेना की पहुंच से दूर बेडरूम से ‘जिहाद’ करेंगे आतंकी!
जम्मू-कश्मीर – आतंकियों से जम्मू-कश्मीर में आये दिन लोहा ले रही सुरक्षा एजेंसियों को अब आतंकियों के नए हथियार ‘बेडरूम जिहादी’ से भी निपटना होगा। यह कितना खतरनाक है यह बताने से पहले आपको बता दें कि ‘बेडरूम जिहादी’ शब्द का मतलब उन असमाजिक तत्वों से है जो अफवाहें फैलाने और युवाओं को प्रभावित करने के लिए अपने घरों में बैठ कर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, यह नया युद्ध क्षेत्र है और नई लड़ाई है। जिसे पारंपरिक हथियारों से युद्ध क्षेत्रों में नहीं बल्कि कंप्यूटर और स्मार्टफोन के जरिए लड़ा जाएगा। Bedroom jihadist a new battle ground.
आतंकियों के बाद अब ‘बेडरूम जिहादी’ से खतरा –
गोलियां, पत्थरबाजी और सशस्त्र आतंकियों से लड़ने के कई सालों बाद अब जम्मू और कश्मीर में सैनिकों को नए दुश्मन, ‘बेडरूम जेहादियों’ से मुकाबला करना पड़ेगा। ‘बेडरूम जेहादी’ अपने घरों में ही बैठकर कंप्यूटर और स्मार्टफोन के जरिए हज़ारों लाखों लोगों की जान ले सकते हैं और युवाओं के आतंक की ओर प्रभावित करने का काम करते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक यह लड़ाई का नया मैदान है।
पारंपरिक हथियारों और परंपरागत युद्ध क्षेत्रों का युग बित चुका है। नए युग के जेहादी अब कंप्यूटर और स्मार्टफोन्स का उपयोग कर कश्मीर में या कहीं भी कहीं से भी दंगे या अफवाह के जरिए भगदड़ कराकर लाखों, हज़ारों लोगों की जान ले सकते हैं। ‘बेडरूम जेहादी’ देश की सुरक्षा एंजेसियों और सेना के जवानों के लिए एक नई चुनौती हैं।
अमरनाथ यात्रा से पहले दंगा भड़कने का खतरा –
देश की सुरक्षा एंजेसियों ने 29 जून से शुरू होने वाली और 40 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा पर ‘बेडरूम जेहादियों’ से खतरा बताया है। सुरक्षा एंजेसियों को इस बात की आशंका है कि अमरनाथ यात्रा से पहले या उसके दौरान वॉट्सऐप, फेसबुक और ट्विटर के जरिये ये जिहादी घाटी में साम्प्रदायिक दंगे भड़का सकते हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है कि, “ये एक नया युद्ध क्षेत्र है, जहां शब्दों हथियार का काम करते हैं जिनके जरिए युद्ध लड़ा जाता है। यह नए युग के नौजवानों के दिमाग पर असर डालता है। कोई भी शख्स इसके जरिए हजारों चैट ग्रुप्स में कोई ऐसी खबर डाल सकता है जिससे पूरी घाटी साम्प्रदायिक दंगों की चपेट में आ सकती है।