Women Power: देश की पहली महिला IPS जिसे मिला स्वार्ड ऑफ ऑनर, UPSC में 5 बार हुई थी फेल
देश की पहली महिला IPS जिसे मिला स्वार्ड ऑफ ऑनर, UPSC में 5बार हुई थी फेल, पढ़ें प्रेरणादायक सफर
हैदराबाद की सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA) में भारतीय पुलिस सेवा के अधकारियों की ट्रेनिंग में एक गोल्डन चैप्टर एड हो गया है। दरअसल एसवीपीएनपीए की हिस्ट्री में पहला दफा आईपीएस एसोसिएशन का स्वार्ड ऑफ ऑनर किसी महिला पुलिस अधिकारी को प्राप्त हुआ है। आईपीएस रंजीता शर्मा वह महिला है जिन्होंने इस गौरव को हासिल किया है।
रंजीता शर्मा का जन्म हरियाणा के एक छोटे से गांव में हुआ था, लेकिन फिर भी जिस तरह वह आईपीएस बनी और फिर फिर स्वार्ड ऑफ ऑनर सही सात अन्य श्रेणियों में बाजी मारी वह वाकई काबिलेतारीफ है। उनका यह सफर उन लोगों के लिए प्रेरणादायक भी है जो एक बार असफल होने पर ही हार मां लेते हैं और फिर से कोशिश भी नहीं करते हैं।
SVPNPA में पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण का 72वां दीक्षांत समारोह 2021 कुछ दिनों पहले 6 अगस्त को सम्पन्न हुआ। इस वर्ष 2017, 2018 व 2019 बैच के 144 भारतीय पुलिस सेवा एवं पड़ोसी देशों के 34 पुलिस अधिकारियों ने अपनी 2 वर्षों की ट्रेनिंग पूरी की। ऐसे में यह पासिंग आउट परेड 2021 के पश्चात अपने-अपने कैडर में जाकर ट्रेनी की जगह बतौर रेगुलर आईपीएस ज्वाइन करेंगे।
आईपीएस रंजीता शर्मा 2019 बैच की राजस्थान कैडर है। उन्हें SVPNPA में 72 आरआर की पासिंग आउट परेड 2021 में आईपीएस एसोसिएशन के स्वार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया है। ये ऑनर ट्रेनिंग लेने वाले उन सारे आईपीएस अधिकारियों में से उन्हें मिलता है जो फिजिकल एक्टिविटी के अलग-अलग लेवल पर टॉप करते हैं।
आईपीएस के इस प्रशिक्षण में मार्शल आर्ट, पीटी, फायरिंग, रूट मार्च में रायफल समेत 20 किलो वजन उठाकर 40 किमी तक दौड़ना, स्वीमिंग, हॉर्स राइडिंग जैसी चीजें शामिल होती है। इसमें ऑल ओवर अधिक नंबर लाने वाले आईपीएस को बेस्ट आउटडोर प्रोबेशनर के रूप में आईपीएस एसोसिएशन का स्वार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त होता है। SVPNPA के इतिहास को खंगाले तो अभी तक सिर्फ पुरश ही इस स्वार्ड ऑफ ऑनर को हासिल करते आए थे।
लेकिन इस वर्ष 2021 में पहली बार किसी महिला को इस सम्मान से नवाजा गया है। आईपीएस रंजीता शर्मा ही स्वार्ड ऑफ ऑनर हासिल कर परेड को कमांड भी किया।
हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव डहीना निवासी आईपीएस रंजीता शर्मा का जन्म 1 नवंबर 1986 को सतीश कुमार शर्मा व सविता शर्मा के घर हुआ था। फिलहाल इनकी फैमिली हरियाणा के फरीदाबाद में रहती है। रंजीता के दो भाई (भानु प्रताप शर्मा व वीर प्रताप शर्मा) की प्राइवेट जॉब है। दिलचस्प बात ये है कि रंजीता अपने गांव से पहली आईपीएस है। हालांकि इनके मम के बेटे आदित्य प्रकाश भारद्वाज भी एक आईआरएस अधिकारी हैं।
रंजीता शर्मा ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2018 में 130वीं रैंक हासिल की थी। इसके बाद उन्हें राजस्थान कैडर अलॉट हुआ। यहाँ से वे राजस्थान की लेकसिटी उदयपुर में एक ट्रेनी एएसपी के रूप सेवाएं देने लगी। हालांकि अब पासिंग आउट परेड के पश्चात वे फिर से उन्हें राजस्थान जाना होगा जहां वे इन्हें रेगुलर एएसपी के ज्वाइन करेंगी।
Ms. Ranjeeta Sharma, also won the 1973 Batch IPS Officers Trophy for the Best All-round Lady IPS Probationer, 1958 Batch IPS Officers’ Trophy for the Best Lady Outdoor Probationer & The BSF Trophy for Proficiency in Outdoor Subjects. @IPS_Association pic.twitter.com/6OhIRk5fja
— SVPNPA (@svpnpahyd) August 6, 2021
आईपीएस रंजीता शर्मा का यूपीएस सीक्लियर करने का सफर भी बहुत इंसपायरिंग है। उन्होंने लगातार पांच बार असफलता का स्वाद चखा। वे 2013, 2015 व 2017 में प्रारम्भिक परीक्षा भी पास नहीं कर पाई थी। इसके बाद 2014 व 2016 में प्रारम्भिक व मुख्य परीक्षा तो पास कर ली लेकिन इंटरव्यू में अटक गई। इसके बाद साल 2018 में उन्होंने छठे और आखिरी प्रयास में तीनों चरण पास कर लिए और आईपीएस बन गई।