घर की चौखट पर पहुंचते ही ओलंपिक खिलाड़ी धनलक्ष्मी को मिली ये बुरी खबर, लगी फूट-फूटकर कर रोने
टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने गई भारतीय खिलाड़ी धनलक्ष्मी शेखर के साथ जो हुआ वो बेहद ही दुखदायी है। ओलंपिक खत्म होने के बाद जब धनलक्ष्मी शेखर अपने घर पहुंची तो उनपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। धनलक्ष्मी शेखर ने स्वेदश वापसी कर सोच की घर में खुशियों का माहौल होगा और परिवार के लोग अपनी बेटी का अच्छे से स्वागत करेंगे। हालांकि घर पहुंचते ही धनलक्ष्मी शेखर को ऐसी खबर मिली की उनके होश उड़ गए।
धनलक्ष्मी शेखर जब टोक्यो से वापस तमिलनाडु के त्रिचि स्थित अपने घर पहुंची तो उनकी खुशी एकदम गम में बदल गई।त्रिचि में लोगों ने इनका जबरदस्त स्वागत किया। लोगों के स्वागत से खुश धनलक्ष्मी ने शक्रिया अदा किया और प्रशंसकों से बात करते हुए वो भावुक हो गईं। इसी बीच किसी ने धनलक्ष्मी को बहन की मौत की खबर दे दी।
बहन की मौत की खबर मिलते ही, लोगों से बात कर रही धनलक्ष्मी फूट-फूटकर रोने लगीं। धनलक्ष्मी को जब ये पता चला कि उनकी बहन की मृत्यु हो गई है तो वह खुद पर काबू नहीं रख सकीं। आंखों से आंसू आने लगे। दरअसल धनलक्ष्मी जब टोक्यो में थीं उसी समय इनकी बहन की मृत्यु हो गई थी। लेकिन धनलक्ष्मी की मां ने ये बात उनसे छुपाई।
धनलक्ष्मी की मां को लगा कि अगर बेटी को ये बात पता चली तो वो अच्छे से खेल नहीं पाएगी। ऐसे में मां ने फैसला लिया कि वो बेटी को इस बात की जानकारी नहीं देंगी। वह चाहती थीं कि धनलक्ष्मी का ध्यान पूरी तरह से खेल में रहे। परिवार के सदस्यों ने किसी तरह से धनलक्ष्मी को संभाला और सांत्वना दी। लेकिन धनलक्ष्मी अपने आपको संभाल नहीं सकी और तेज-तेज रोने लगी।
मुकाबला था कठिन
ओलंपिक में हार के बाद मीडिया से बात करते हुए धनलक्ष्मी ने कहा था कि मुकाबला काफी कठिन था। लेकिन अगली बार मैं और कड़ी मेहनत करके जाऊंगी। टोक्यो ओलंपिक के अपने अनुभव के बारे धनलक्ष्मी ने कहा था कि मैं देश के लिए मेडल जीतूंगी। वहीं ओलंपिक में हिस्सा लेने के चलते धनलक्ष्मी को तमिलनाडु सरकार ने सरकारी नौकरी दी है। नौकरी मिलने के बाद धनलक्ष्मी ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का शुक्रिया अदा किया है। हालांकि इस दौरान धनलक्ष्मी को ये नहीं पता था कि उनकी बहन की मौत हो चुकी है।
आपको बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में धनलक्ष्मी को आरक्षित सदस्य के रूप में भेजा गया था। लक्ष्मी ने राष्ट्रीय खेल संस्थान में पी.टी. उषा का रिकॉर्ड और 100 मीटर में दुती चंद के खिलाफ गोल्ड भी जीता था।