लालू यादव फिर होंगें सलाख़ों के पीछे, चारा घोटाले के जिन्न से नहीं छूट रहा पीछा। जानिए पूरी कहानी
राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़ी एक बड़ी खबर है। जी हां उन्हें एक बार फिर जेल जाना पड़ सकता है। बता दें कि अरबों रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले (Fodder Scam) में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि चारा घोटाले से जुड़े सबसे बड़े मामले में रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई चल रही है। गौरतलब हो कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से जुड़े इस मामले में सीबीआई (CBI) की ओर से बहस पूरी हो गई है। डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े आरसी 47 ए/96 के इस मामले में 27 आरोपियों की गवाही के आधार पर सोमवार यानी 9 अगस्त से बचाव पक्ष बहस करेगा।
575 गवाह और दस्तावेजों के आधार पर बहस…
बता दें कि चारा घोटाले में डोरंडा कोषागार से 1990 से 1995 के बीच 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े इस मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 575 गवाहों के बयान के आधार पर बहस पूरी की। इस मामले में अभियोजन की ओर से 15 ट्रंक में रखे दस्तावेज का उल्लेख करते हुए बहस की गई। सीबीआई की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले में अवैध निकासी फर्जी आवंटन, फर्जी आपूर्ति पत्र और विपत्र से की गई। इसमें पशु, चारा, दवा और उपकरणों की बिना आपूर्ति किए इस राशि की निकासी की गई।
वहीं गौरतलब हो कि इस बहस के दौरान कई चौंकाने वाले साक्ष्य निकलकर सामने आएं हैं। बता दें कि इस मामले में गवाहों ने बताया कि पशु ढुलाई के लिए बाइक, ऑटो और जीप का इस्तेमाल किया गया। ये बातें देशभर से आए 150 डीटीओ की गवाही में सामने आई है। घोटाले में यह बात भी सामने आई कि पशुपालन विभाग के बजट से 229 फीसदी निकासी गई थी। इस अवैध निकासी को बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री लालू प्रसाद, तत्कालीन पशुपालन मंत्री, पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय पशुपालन अधिकारी और अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के सहयोग से अंजाम दिया गया।
लालू यादव समेत 110 आरोपी फेस कर रहे हैं ट्रायल…
जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 170 आरोपी थे, जिसमें सुनवाई के दौरान कुछ की मृत्यु हो गई। अभी 110 आरोपी ट्रायल फेस रहे हैं। मामले में 5 आरोपी फरार हैं, जबकि कुछ ने अपना दोष स्वीकार कर लिया है। मामले में प्रमुख आरोपियों में लालू प्रसाद के अलावा तत्कालीन लोक लेखा समिति के सभापति जगदीश शर्मा, ध्रुव भगत और विधायक आरके राणा के अलावा वित्त और पशुपालन विभाग के कई अधिकारी और आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। वहीं गौर करने वाली बात यह है कि अगले दो माह में केस की सुनवाई पूरी हो सकती है।
रांची जिले के डोरंगा कोषागार से हुई अवैध निकासी के मामले में शनिवार को अभियोजन पक्ष की ओर से बहस पूरी कर ली गई। वहीं सीबीआई के विशेष जज एसके शशि की अदालत ने अभियुक्त पक्ष को बहस के लिए नौ अगस्त का समय दिया है। मालूम हो कि चार माह पहले ही झारखंड हाई कोर्ट ने सीबीआइ कोर्ट को छह माह में सुनवाई पूरी कर लेने के लिए कहा था। इसमें चार माह बीत चुके हैं। ऐसे में अब मात्र दो माह बचे हैं, जिसमें सुनवाई पूरी कर लेनी है।
क्या लालू फ़िर जाएंगे जेल…
ऐसे में अब देखना यह है कि लालू प्रसाद के मामले में दो माह में फैसला आता है या नहीं। हाई कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुरूप ऑनलाइन सुनवाई दोबारा आरंभ हुई है। बता दें कि चारा घोटाला मामले में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी आरसी 47/96 मामले में लालू प्रसाद यादव सहित 110 आरोपित ट्राइल फेस कर रहे हैं। चारा घोटाला 139.35 करोड़ रुपये का है। सीबीआई की ओर से केस की पैरवी विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह कर रहे हैं। लालू प्रसाद अभी जमानत पर जेल से बाहर हैं।
लालू प्रसाद चारा घोटाला के अन्य मामलों की सजा काटते हुए रांची के बिरसा मुंडा जेल के कैदी रहे। इस दौरान उन्होंने अपनी कई गंभीर बीमारियों का इलाज रांची के रिम्स में कराया। इलाज के दौरान वे रिम्स के पेइंग वार्ड और रिम्स निदेशक के बंगले में भी रहे। बाद में उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो जाने पर उन्हें दिल्ली के एम्स ले जाया गया।