Tokyo Olympics: अपने लाल के कमाल पर भावुक हुए नीरज के किसान पिता, बोले- बेटा खरा सोना है..
बेटे के गोल्ड मेडल जीतने पर भावुक हुए पिता। कही कुछ रोचक बातें...
कामयाबी की नई इबारत लिखने वाले भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा पर पूरे देश को गर्व है। इसी बीच उनका एक चार साल पुराना ट्वीट जमकर वायरल हो रहा है। जी हां उन्होंने उस ट्वीट में कुछ ऐसा लिखा था। जिसकी वज़ह से टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने के बाद कहीं न कहीं उनका यह ट्वीट वायरल होना लाजिमी है। बता दें कि उनका जो ट्वीट वायरल हो रहा है। उसमें वे लिखते हैं कि, “जब सफलता की ख्वाहिश आपको सोने ना दे… जब मेहनत के अलावा और कुछ अच्छा न लगे। जब लगातार काम करने के बाद थकावट न हो।
समझ लेना सफलता का नया इतिहास रचने वाला है। बता दें कि नीरज ने इस ट्वीट को आज तक पिन करके रखा है। वहीं अब बात पदक जीतने के बाद नीरज के पिता की करें। तो पेशे से किसान सतीश चोपड़ा बेटे के द्वारा पदक जीतने के बाद भावुक हो उठे और बोलें कि, ” बेटा खरा सोना है। जमा तौड़ पाड़ दिया। देश ने उम्मीद लगाई थी, 100 फीसद खरा उतरा।” इतना ही नहीं नीरज चोपड़ा के पिता सतीश चोपड़ा ने कहा कि बेटा योद्धा है। जब-जब संकट और चोट से घिरा है, तब-तब उठा खड़ा हुआ। पहले से बेहतर प्रदर्शन कर जीतता रहा है।
बता दें कि एक साक्षात्कार के दौरान सतीश चोपड़ा ने कहा, आत्मविश्वास से भरे बेटे ने सोना जीता है। जैसे स्टार क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर टेनिस एल्बो की चोट से जूझे थे, वैसे ही 3 मई 2019 को बेटे नीरज की दाई कोहनी का आपरेशन हुआ था। इसके बाद हाथ कमजोर हो गया था। नौ महीने अभ्यास से दूर रहा। तब बेटे को चिंता हो गई थी कि पहले की तरह भाला फेंक पाएगा या नहीं। लेकिन तब मनोस्थिति देख मैंने बेटे को समझाया था कि घबराने की जरूरत नहीं है। चोट ठीक होने में चाहे एक साल लग जाए, आराम करो।
पूरे परिवार व देश को विश्वास है कि स्वस्थ हो जाओगे तो देश के लिए पदक भी जीत लेंगे। इससे बेटे का मनोबल बढ़ा। बेटे ने धीरे-धीरे डाक्टरों की निगरानी में अभ्यास किया। हाथ मजबूत हुआ। अब चोट को मात देकर बेटे ने देश के लिए पदक दिला दिया है।
बास्केटबाल खेलते हुए टूट गई थी कलाई, चार महीने खेल से रहें दूर…
वहीं सीनियर जैवलिन थ्रोअर नरेंद्र सहरावत ने बताया कि 2013 में पंचकूला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में बास्केटबाल का मैच था। नीरज ने जोश में बास्केट में गेंद डाली और रिंग पर लटक गया। हाथ फिसलने से रिंग से नीचे गिरा और दाईं कलई में फ्रेक्चर हो गया। तीन प्लास्टर बदले गए। चार महीने तक जैवलिन के अभ्यास के दूर रहे। नीरज में गजब की इच्छा शक्ति है। स्वस्थ होते ही नेशनल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत लिया।
बड़े मुकाबले में शांतचित रहते हैं नीरज…
बता दें कि देश के स्टार जैवलिन थ्रोअर और 2015 से इंडिया कैंप में नीरज के साथ रह रहे जींद के सच्चा खेड़ा गांव के राजेंद्र नैन ने बताया कि नीरज की खूबी है कि वह बड़े मुकाबलों में दबाव में नहीं रहते हैं। अपना 100 फीसद देते हैं। इसी खूबी की वजह से वह जीत भी हासिल करते हैं। आज भी नीरज पहले ही थ्रो से आत्मविश्वास से भरे थे। शांत थे। उन्हें पता चल चुका था कि पदक पक्का हो गया है।
राजपूताना राइफल्स की शान बने नीरज चोपड़ा…
General MM Naravane #COAS and All Ranks of #IndianArmy congratulate Subedar Neeraj Chopra on winning Nation’s first ever #GoldMedal in #Javelin in Olympics with a throw of 87.58 meters at #TokyoOlympics.#MissionOlympics#Tokyo2020 pic.twitter.com/HUotK29P4K
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) August 7, 2021
नीरज चोपड़ा भारतीय सेना में 4 राजपूताना राइफल्स में सूबेदार हैं। 2016 में उन्हें नायब सूबेदार के पद पर जूनियर कमिशंड ऑफिसर के रूप में चुना गया था। अमूमन इंडियन आर्मी किसी खिलाड़ी को जवान या नॉन कमीशंड ऑफिसर के पद पर भर्ती करती है, लेकिन नीरज की काबिलियत के मद्दनेजर उन्हें सीधे नायब सूबेदार के पद पर नियुक्त किया गया था।
#WATCH | Delhi: Indian Army soldiers of Rajputana Rifles celebrate #Gold medal win by javelin thrower Neeraj Chopra, who is a subedar in the regiment#Tokyo2020 pic.twitter.com/jpuqBbmIDI
— ANI (@ANI) August 7, 2021
इससे पहले 5 बड़े इवेंट में जीता गोल्ड…
इंडियन आर्मी में काम करने वाले नीरज अपने करियर में टोक्यो ओलिंपिक से पहले 5 मेगा स्पोर्ट्स इवेंट में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन चैंपियनशिप, साउथ एशियन गेम्स और वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है।