मां- बेटी की जोड़ी भारत को दिलाएगी एक और पदक? सुपर सैटरडे’ पर सबकी टिकी है निगाहें।
'सुपर सैटरडे' को भारत करता है कमाल। तो टूट सकते हैं सारे रिकॉर्ड। जानिए क्या है सुपर सैटरडे को खास...
जापान की राजधानी टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक गेम्स अपने आखिरी दौर में पहुंच चुके हैं। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि भारत इस बार ओलंपिक इतिहास में बेहतर प्रदर्शन करेगा। कुछ हद तक भारत को सफ़लता मिली भी। जिसके बदौलत टोक्यो ओलंपिक में भारत के खाते में अभी तक 5 पदक आ चुके हैं लेकिन अभी स्वर्ण पदक का इंतजार अभी बाक़ी है। वहीं शनिवार का दिन भारत के लिहाज से काफी खास होने वाला है।
भारतीय गोल्फर अदिति अशोक ने भारत के लिए जहां गोल्ड की उम्मीदें जगा दी हैं तो वहीं भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा से भी पदक की आस है। बता दें कि शनिवार का दिन भारत के लिहाज से काफी खास होने वाला है। एक ओर जहां क्वालिफिकेशन राउंड में सबसे दूर 86.6 मीटर तक भाला फेंकने वाले नीरज चोपड़ा से फाइनल में स्वर्ण की आस है। दूसरी ओर भारतीय महिला गोल्फर अदिति अशोक एक बड़ा उलटफेर शनिवार को कर सकती हैं।
गौरतलब हो कि अदिति अशोक का ये दूसरा ओलंपिक है, इससे पहले रियो ओलंपिक में भी उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। रियो में अदिति के कैडी थे उनके पिता और इस बार टोक्यो ओलंपिक में उनकी कैडी हैं उनकी मां। इसलिए कहा जा रहा है कि मां-बेटी की ये जोड़ी शनिवार को इतिहास रच सकती है।
अदिति ने जगाई गोल्ड की उम्मीद…
आपको बता दें कि अदिति अशोक ने टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड की उम्मीदों को जगा दिया है। अदिति ने लगातार तीसरे दिन शानदार प्रदर्शन करके इतिहास रचने की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए हैं। भारतीय गोल्फर अदिति ने शुक्रवार को 3 अंडर 68 का कार्ड खेला और वह दूसरे स्थान पर बरकरार रहीं।
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शनिवार को आखिरी और चौथा राउंड खेला जाना है, मगर मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को तूफान आने की संभावना जताई जा रही है। अगर ऐसा होने पर खेल नहीं हो पाया तो तीसरे राउंड तक के स्कोर को ही गिना जाएगा और अदिति का मेडल पक्का हो सकता है।
‘सुपर सैटरडे’ पर सबकी नजर…
वहीं शनिवार का दिन यानी 7 अगस्त भारतीय दल के लिए टोक्यो ओलंपिक में खास हो सकता है। कल भारतीय रेसलर बजरंग पूनिया सेमीफाइनल में हारने के बाद ब्रॉन्ज मेडल मैच के लिए मैट पर उतरेंगे। वहीं भाला फेंक में भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा से भी फाइनल राउंड में स्वर्ण की उम्मीद है, तो अदिति अशोक ने भी सभी को अपने प्रदर्शन से चौंका दिया है।
अगर भारत को इन तीनों इवेंट में कोई ना कोई पदक मिलता है तो भारत के टोक्यो ओलंपिक में 8 पदक पक्के हो जाएंगे। इससे पहले भारत ने 2012 के लंदन ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 6 पदक हासिल किए थे। इस लिहाज से टोक्यो ओलंपिक भारत के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है। इसलिए सबकी नजरें टिकी हुई हैं सुपर सैटरडे पर।
9 साल की उम्र में अदिति ने जीता था पहला टूर्नामेंट…
बता दें कि 5 साल की उम्र में अदिति के पिता ने उनके गोल्फ के सपने को पूरा करने की ठान ली थी। 9 साल की उम्र में इस युवा गोल्फर ने अपना पहला टूर्नामेंट जीता और 12 साल की उम्र में तो नेशनल टीम का हिस्सा बन गईं। वह लेडिज यूरोपियन टूर टाइटल जीतने वाली पहली भारतीय हैं। 2016 में रियो ओलंपिक में उतरते ही अदिति ने सबसे कम उम्र की गोल्फर होने का गौरव हासिल किया था और अब 23 साल की यह गोल्फर एक और इतिहास रचने के करीब हैं।