अफगानिस्तान में इंडियन एम्बेसी के पास बड़ा धमाका, 80 लोगों की मौत, 300 से अधिक घायल!
बुधवार की सुबह करीब 8.30 बजे अफगानिस्तान की राजधानी काबुल का सबसे वीआईपी इलाका बम के धमाकों से गूंज उठा. धमाके इतने जोरदार थे कि उसका असर 100 मीटर दूरी पर स्थित इंडियन एम्बेसी की दीवारों और खिडकियों पर देखा जा सकता है. धमाके में 80 लोगों की मौत हो गई है और 300 से अधिक लोग घायल हैं. अधिकारियों ने बताया कि अभी मृतकों की संख्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है.
इंडियन एम्बेसी का कर्मचारी घायल नहीं :
आपको बता दें कि यह धमाका काबुल स्थित इंडियन एम्बेसी के बेहद नजदीक हुआ है, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट करके यह जानकारी दी कि काबुल में हुए हमले में कोई भी भारतीय अधिकारी या इंडियन एम्बेसी का कर्मचारी घायल नहीं है, उन्होंने ट्वीट के जरिये बताया कि सभी अधिकारी सुरक्षित हैं.
By God's grace, Indian Embassy staff are safe in the massive #Kabul blast.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) May 31, 2017
अफगानिस्तान के अधिकारियों ने धमाके में हुई मौतों की पुष्टि की है, धमाके से आसपास स्थित तमाम देशों की एम्बेसी और घरों को भी नुकसान पहुंचा है, बताया जा रहा है कि घटना की जानकारी मिलते ही सुरक्षा बल मौके पर पहुंच गए. पूरे इलाके को घेर लिया. वहां मौजूद लोगों ने घटना के बारे में बताते हुए कहा कि मौके पर तमाम शव बिखरे पड़े थे, पूरे क्षेत्र में घना धुंआ था और दर्जनों कारें सड़क पर फंसी हुई थीं, तम लोग बदहवास सड़क पर दौड़ रहे थे.
गौरतलब है कि अभी तक किसी आतंकी ग्रुप ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. मन जा रहा है कि इस तरह कि घटना के पीछे तालिबान हो सकता है, मगर तालिबान ने इस घटना की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है.
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में इस घटना की वजह से बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं, अफगान होम मिनिस्ट्री ने काबुल की जनता से अस्पताल पहुंच कर अधिक से अधिक ब्लड डोनेट करने की अपील की है. हमले में मारे गए और जख्मी लोगों की तलाश में तमाम लोग सिक्यूरिटी चेक पॉइंट पर पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस हमले में मारे गए लोगों में ज्यादातर अफगानी नागरिक शामिल हैं.
पीएम मोदी ने अफगानिस्तान में हुए इस हमले की निंदा की है, उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत हमेशा खड़ा है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अफगानिस्तान के साथ है. पीएम मोदी ने कहा कि आतंक का साथ देने वाली ताकतों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की जरूरत है.