स्पेन के रेसर ने खुद न जीत कर केन्या के रेसर को धक्का मार जितवाई थी रेस, देखें दिल छूने वाली VIDEO
साक्षी धोनी ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक दिल जीतने वाली तस्वीर शेयर की है। जो कि साल 2012 की है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए साक्षी धोनी ने दिल छूने वाली बात कही है। दरअसल जो तस्वीर साक्षी धोनी ने शेयर की है। वो स्पेनिश रेसर इवान फर्नांडिज और केन्या के अबेल म्यूताई की है। 2012 में एक क्रॉस कंट्री रेस के दौरान स्पेनिश रेसर इवान फर्नांडिज ने कुछ ऐसा कर दिखाया था। जिसने हर किसी का दिल जीत लिया था और खेल भावना का सबसे अच्छा उदाहरण दिया था।
साल 2012 में एक क्रॉस कंट्री रेस में इवान ने खुद को हराकर केन्या के अबेल म्यूताई को रेस जिताई थी। क्योंकि केन्या के अबेल म्यूताई इस रेस को जीतने के सही हकदार थे। दरअसल फिनिशिंग लाइन से कुछ मीटर पहले ही कुछ ऐसा हुआ था कि अबेल म्यूताई को लगा की वो रेस जीत गए हैं। उन्होंने अपनी दौड़ने की स्पीड भी कम कर दी। इनके पीछे ही इवान थे। जो कि आसानी से इनको पीछे छोड़ते हुए रेस को जीत सकते थे। लेकिन इवान को समझ आ गया कि अबेल म्यूताई को कई गलतफहमी हुई है। जिसके कारण वो भागते हुए रूक गए हैं। ऐसे में अपनी जीत को एक तरफ रखकर इन्होंने केन्या के खिलाड़ी को जीत दिलाई।
रेस में अबेल, इवान से आगे थे। फिनिशिंग लाइन से कुछ मीटर पहले ही अबेल साइन और स्टॉप के साथ उलझ गए। उन्हें लगा कि उन्होंने रेस खत्म कर ली है। स्पेन के इवान उनसे पीछे थे और उन्हें अंदाजा लग गया कि क्या चल रहा है। ऐसे में उन्होंने अबेल को चिल्लाते हुए कहा कि दौड़ना जारी रखें। मगर अबेल को स्पेनिश नहीं आती थी और वो इवान की बात को समझ नहीं सके। इसके बाद इवान ने धक्का देकर अबेल को फिनिशिंग लाइन तक पहुंचाया और जीत दिलाई।
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वहीं रेस हारने के बाद जब इवान से एक रिपोर्टर ने सवाल करते हुए पूछा, “आपने ऐसा क्यों किया?” इसपर इवान ने कहा “मेरा सपना है कि हमारी ज़िन्दगी में एक दिन ऐसी हो कि हम ख़ुद को नहीं बल्कि दूसरों को जीत की तरफ़ ले जाएं,” ये शब्द इवान के थे।
रिपोर्टर ने दोबारा सवाल किया, “लेकिन आपने केन्या के धावक को क्यों जीतने दिया?” इसपर इवान ने कहा कि “मैंने उसे जीतने नहीं दिया, वो जीतने ही वाला था। वो रेस उसी की थी…
” साक्षी धोनी ने खेल भावना की इस तस्वीर को शेयर किया है और लिखा है कि वो गोल्डन दिल वाले शख्स हैं। इस दुनिया की हलचल में उनके जैसे लोगों का मिलना दुर्लभ है।