इस दिन आ रहा है भगवान श्रीकृष्ण का 5248वां जन्मोत्स्व, जानें तिथि, मुहूर्त व पूजा विधि
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर राहिणी नक्षत्र में हुआ था और हर साल इस तिथि को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है।
ग्रेगोरियन पंचांग के अनुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी अक्सर अगस्त और सितंबर के महीने में पड़ती है। वहीं हिंदू पंचांग में कई बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दो दिन पड़ती है। ये दो तिथियां स्मार्त संप्रदाय और वैष्णव संप्रदाय हैं। इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त 2021 को आ रहा है।
मान्यता है कि जो लोग इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा करते हैं, उनके घर में सुखी बनी रहती है। वहीं जिन लोगों को संतान नहीं है, उन्हें संतान की प्राप्ति होती है।
कृष्ण जन्माष्टमी 2021 का शुभ मुहूर्त
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तिथि इस बार 30 अगस्त 2021 को है। अष्टमी तिथि का प्रारम्भ अगस्त 29, 2021 रात 11:25 से हो जाएगा। जबकि इसका समापन अगस्त 31, 2021 सुबह 01:59 पर होगा। रोहिणी नक्षत्र का प्रारम्भ अगस्त 30, 2021 सुबह 06:39 से होगा औ समापन अगस्त 31, 2021 सुबह 09:44 पर होगा।
निशित काल 30 अगस्त रात 11:59 से लेकर सुबह 12:44 तक होगा। अभिजित मुहूर्त सुबह 11:56 से लेकर रात 12:47 तक है। गोधूलि मुहूर्त शाम 06:32 से लेकर शाम 06:56 तक है।
कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व-
1.मनोकामनाएं होती है पूर्ण
कई जगहों पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोगों द्वारा कृष्ण भगवान की पूजा करने के साथ-साथ इनका व्रत भी रखा जाता है। जो भक्त इस दिन श्रद्धा-भाव से भगवान श्री कृष्ण की पूजा-आराधना करते हैं। उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
2.चंद्रमा होता है मजबूत
कुंडली में चंद्रमा कमजोर होने पर जातक को शारीरिक कष्ट पहुंचते हैं और त्वचा से जुड़े रोग भी हो जाते हैं। हालांकि अगर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत रखा जाए और खीर का दान किया जाए तो कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत हो जाती है। दरअसल भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से कुंडली में चंद्र मजबूत होता है और आपके अनुकूल ही फल देता है। इसलिए कुंडली में ये ग्रह अगर कमजोर है तो श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत जरूर रखें।
3.होती है संतान की प्राप्ति
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने से संतान की प्राप्ति भी होती है। जिन लोगों को बच्चा नहीं है। वो लोग इस दिन श्रीकृष्ण के बाल रूप का पूजन करें और श्री कृष्ण को झूला झुलाएं। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण को झूला झुलाने से संतान की प्राप्ति जल्द ही हो जाती है और मन चाही चीज भी मिल जाती है।
इस तरह से करें पूजन
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन रात के समय पूजा की जाती है। रात को आप श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा करें और सबसे पहले पंचामृत से स्नान कराएं। उसके बाद इन्हें जल से साफ करें और नए वस्त्र पहनाएं। इसके बाद झूले पर बैठाकर इनकी पूजा करें और फल-फूल अर्पित करें। इसके बाद श्रीकृष्ण की आरती गाएं। आरती होने के बाद श्रीकृष्ण पर चढ़ाए गए पंचामृत को प्रसाद के रूप में बांट दें।