BJP सांसद बाबुल सुप्रियो ने राजनीति को कहा ‘अलविदा’, बोलें-अब मेरे पास कुछ नहीं
सांसद बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास ले लिया है। ये पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से सांसद थे और पूर्व केंद्रीय मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं। इन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया के जरिए राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया और कहा कि ये एक महीने के अंदर सांसद के पद से इस्तीफा देने वाले हैं। इनकी ओर से एक लंबी पोस्ट लिखकर राजनीति छोड़ने की घोषणा की गई।
वहीं इस पोस्ट के बाद इनसे राजनीति छोड़ने का कारण पूछा जाने लगा। हालांकि इस फैसले के बारे में पूछे जाने पर बाबुल ने कहा कि मेरे पास वाकई कहने के लिए कुछ नहीं है। कृपया मुझे अपनी गरिमा बनाए रखने दें। मैं एक भी शब्द नहीं कहना चाहता। मैं जो कहना चाहता था, मैंने लिख दिया है।
क्या लिखा था पोस्ट में
सांसद बाबुल सुप्रियो ने अपने पोस्ट में लिखा कि मैंने सब कुछ सुना- पिता, मां, पत्नी, बेटी, एक-दो प्यारे दोस्त.. सबकी राय के बाद ऐसा महसूस हुआ कि मुझे अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। हां, लेकिन ये भी साफ कर दूं कि मैं किसी और पार्टी में नहीं जा रहा हूं- #TMC, #कांग्रेस, #CPIM, कहीं नहीं। मुझे किसी दूसरी पार्टी के नेताओं ने फोन भी नहीं किया है। मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मैं एक टीम प्लेयर हूं! हमेशा एक टीम का साथ दिया है #MohunBagan (बंगाल की फुटबॉल टीम मोहन बगान) और राजनीति में सिर्फ भाजपा (पश्चिम बंगाल) का.. बस !!
कुछ देर रुके.. कुछ मन में रखा, कुछ तोड़ा.. कहीं अपने काम से तुम्हें खुश किया, कहीं निराश किया। आप आकलन नहीं करेंगे। मन में आने वाले तमाम सवालों के जवाब देने के बाद कहता हूं.. अपनी तरह कहता हूं.. अब चलता हूं
यदि आप सामाजिक कार्य करना चाहते हैं, तो आप इसे राजनीति में आए बिना कर सकते हैं। पिछले कुछ दिनों में मैंने बार-बार सोचा और राजनीति छोड़ने का मन बनाया। मैं अपना सरकारी घर एक महीने में छोड़ दूंगा और सांसद पद से भी इस्तीफा दे दूंगा।
पिछले कुछ दिनों में मैं अमित शाह और जेपी नड्डा जी के पास गया और उन्हें बताया कि मैं क्या महसूस कर रहा हूं। मैं उनका प्यार कभी नहीं भूल सकता। मेरी हिम्मत नहीं उनके पास जाकर ये कहूं। मैंने काफी पहले ही फैसला कर लिया था तो अब उनके पास जाऊंगा तो लगेगा कि मैं मोलभाव कर रहा हूं और जब ये ठीक नहीं है तो मैं नहीं चाहता उन्हें गलत संकेत मिले। मैं प्रार्थना करूंगा कि वो मुझे गलत न समझें।
लेकिन मुझे एक सवाल का जवाब देना है क्योंकि यह प्रासंगिक है! सवाल यह है कि मैंने राजनीति क्यों छोड़ी? क्या इसका मंत्रालय छोड़ने से कोई लेना-देना है? हां है- वहां कुछ होना चाहिए! मैं घबराना नहीं चाहता, इसलिए जैसे ही इस प्रश्न का उत्तर दूंगा, यह ठीक होगा। इससे मुझे भी शांति मिलेगी।
इस वजह से छोड़ी बीजेपी
गौरतलब है कि हाल ही में मोदी कैबिनेट से बाबुल सुप्रियो को बाहर कर दिया गया था और इनसे मंत्री पद वापस ले लिया गया था। इन्हें जब इस पद से हटाया गया था। तब इन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वो अपने लिए दुखी हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल बीजेपी से इनकी अनबन भी पार्टी छोड़ने की वजह मानी जा रही है। दरअसल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष से इनके रिश्ते अच्छे नहीं हैं।