किचन से इन चीजों को रखें दूर तो स्वास्थ्य के साथ सुधर जाएगी घर की स्थिति, तो देर किस बात की…
घर में किचन एक ऐसी जगह होती है। जहां कई चीज़ें ऐसी रखी होती है। जिनका रेगुलर उपयोग नहीं होता है। फ़िर भी वह किचन में ही पड़ी रहती है। वहीं किचन में कुछ ऐसी चीजें भी होती है। जिन्हें रोजाना इस्तेमाल की हमारी आदत होती है। उदाहरण के तौर पर रोज़ाना प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना, एल्युमिनियम की कढ़ाई में खाना बनाना, रिफाइंड तेल में तली हुई चीज़ें खाना आदि।
ये बातें हमें सामान्य भले लगती है, लेकिन अगर ध्यान दिया जाए तो ये आदतें स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बन सकती हैं। आपको शायद इसका अंदाज़ा भी नहीं होगा कि रोज़ाना इस्तेमाल करने वाली चीज़ें आपकी सेहत पर कितना खराब असर कर रही हैं। लेकिन कुछ चीज़ें किचन की ऐसी होती हैं जिन्हें कम करने पर ही घर-परिवार की भलाई हो सकती है। तो आइए जानते हैं। ऐसे ही पांच चीजों के बारे में जिन्हें किचन में कम कर देने से समस्याएं कम होने लगती हैं…
किचन से कम करें प्लास्टिक…
ऐसा कहते हैं कि प्लास्टिक का ज़्यादा उपयोग करना ठीक नहीं होता। ऐसे में प्लास्टिक का इस्तेमाल अपने किचन से कम कर देना चाहिए। प्लास्टिक की पानी की बोतल और कंटेनर आदि सेहत को जरूरत से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। किचन प्लास्टिक में बीपीए (BPA) होता है जिसे एक खतरनाक केमिकल माना जाता है। पानी और खाने में प्लास्टिक के टॉक्सिन्स आ जाते हैं जिससे धीरे-धीरे सेहत पर असर होने लगता है।
1) बता दें कि प्लास्टिक में मौजूद बीपीए (BPA) से दिल और दिमाग की परेशानी के साथ हार्मोनल समस्याओं की परेशानी बढ़ती है।
2) किसी भी तरह के खाने को प्लास्टिक में स्टोर करने से उसकी खुशबू में बदलाव आता है।
3) प्लास्टिक में ज्यादा खाना स्टोर करने से लोअर बेली फैट बढ़ता है।
4) बच्चों में ये केमिकल ज्यादा जाता है तो चाइल्डहुड ओबेसिटी होती है। वहीं पुरुषों में ये फर्टिलिटी की समस्या पैदा कर सकता है। इसलिए किचन में प्लास्टिक की अधिकता से बचना चाहिए।
एल्युमिनियम की अधिकता कम करें…
इस चीज़ के बारे में सुनकर शायद आपको थोड़ा सा अजीब लगे क्योंकि कढ़ाई से लेकर भगोने तक एल्युमीनियम का इस्तेमाल किचन में किया जाता है। ये सस्ता होता है इसलिए इसे चर्चित माना जाता है और अधिकतर घरों में ये होता है पर इसका होना शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
1) एल्युमीनियम में खाना पकाने पर एल्युमीनियम ऑक्साइड बनता है जिससे पेट की समस्याएं होती हैं।
2) एल्युमीनियम कुछ एसिडिक फूड्स के साथ रिएक्ट करता है जो एसिडिटी पैदा कर सकते हैं।
3) कई तरह के खाने के साथ इसका रिएक्शन टॉक्सिक होता है।
4) एल्युमीनियम की जगह कुकर, कढ़ाई, भगोनी आप स्टील या लोहे के इस्तेमाल कर सकते हैं।
5) वहीं आप किचन टॉवल, किचन टिशू आदि का इस्तेमाल करें। एल्युमिनियम फॉयल का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा खराब हो सकता है
खुले हुए पिसे मसालों को कहें बाय-बाय…
अगर आप चाहते हैं कि आपके शरीर में न्यूट्रिएंट्स ज्यादा जाएं और शरीर में बीमारी खत्म हो तो मसालों को ताज़ा ही रखें। ज्यादा दिनों तक खुले हुए मसाले फेंक दें।
1) 1 महीने से ऊपर खुले मसाले खराब होने लगते हैं।
2) आप छोटे-छोटे पैकेट्स में मसाले लाएं।
3) अगर आप घर में मसाले (खासतौर पर गरम मसाला) भूनकर उनका इस्तेमाल कर सकती हैं तो ये सबसे अच्छा होगा।
4) मसालों के खुले पैकेट बिल्कुल इस्तेमाल न करें।
5) घर में जीरा, धनिया, हल्दी आदि खुद भूनना काफी अच्छा साबित हो सकता है।
6) मसाले या तो स्टील या फिर बोन चाइना (सिरेमिक या चीनी मिट्टी) के बर्तनों में रखें।
माइक्रोवेव के इस्तेमाल हो कहें ना…
खाना गर्म करने के लिए भी आजकल हम माइक्रोवेव का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा कर रहे हैं। इसे जितना हो सके उतना कम कर दें क्योंकि इसे उतना साफ नहीं किया जा सकता है और साथ ही साथ इसमें जरूरत से ज्यादा हीट पैदा होती है जो अलग-अलग तरह के केमिकल्स पेट में जाने का कारण बन सकती है।
रिफाइंड ऑयल को कहें ना…
रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल आजकल जितना बढ़ गया है ये उतना ही खराब है हमारे शरीर के लिए। अगर आपको कोलेस्ट्रॉल आदि की समस्या है तो आप रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल न करें। रिफाइंड ऑयल में सिंगल बॉन्ड होता है जो हीट करने पर टूट जाता है और ये न्यूट्रिशन नहीं देता बल्कि शरीर को फैट देता है और कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का कारण हो सकता है।