कहानी एक ऐसे ब्रिटिश कर्नल की। जिसकी ‘भगवान शिव’ ने युद्ध मे बचाई जान। सच्चाई कर देगी हैरान…
भगवान शिव के इस चमत्कार को सुनकर आप भी रह जाएंगे हैरान। एक व्यक्ति को बचाने युद्ध के मैदान में गए थे भोलेनाथ...
सावन में भगवान शिव की उपासना का काफ़ी महत्व है और ऐसे में जब सावन का महीना लग चुका है। फ़िर हम आपको भगवान शिव से जुड़ी एक ऐसी ही कहानी के बारे में बताने जा रहें। जिसे सुनकर प्रथम दृष्टया तो आप चौंक जाएंगे, लेकिन यह घटना जिसके साथ घटित हुई वह इसे सत्य बताते है। बता दें कि भगवान शिव को ‘देवों का देव महादेव’ कहा जाता है। वे ज्ञान, वैराग्य के परम आदर्श है।
कहते है ईश्वर सत्य है, सत्य ही शिव है और शिव ही सुन्दर है। इसलिए भगवान शिव का एक रूप सत्यम, शिवम और सुंदरम है। शिव के बिना प्रकृति की कल्पना आधारहीन है और प्रकृति के बिना मनुष्य के जीवन का कोई आधार नही। तो आइए हम जानते है शिव से जुड़ी एक ऐसी ही कहानी। जिसके मुताबिक एक अंग्रेज था। जो कहीं न कहीं भगवान शिव के प्रति सच्ची श्रद्धा रखता था। उसका दावा था कि एक बार खुद भगवान शिव उसकी जान बचाने के लिए अफगानिस्तान चले गए थे। इस अंग्रेज की कहानी बेहद ही हैरान करने वाली है।
बता दें कि यह कहानी साल 1879 की है। एक अंग्रेज अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल सी. मार्टिन उस समय के मध्य भारत के आगर-मालवा ( जो आज के समय मध्य प्रदेश का एक ज़िला है) इलाके में तैनात थे। उस समय अंग्रेज और अफगानों के बीच लड़ाई चल रही थी। 1879 में ही लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन को सेना का नेतृत्व करने के लिए अफगानिस्तान भेजा गया। चूंकि उस समय पत्र के अलावा संदेश भेजने का दूसरा कोई साधन नहीं था, इसलिए कर्नल मार्टिन भी मालवा में मौजूद अपनी पत्नी को नियमित तौर पर पत्र लिखते थे और बताते थे कि वो ठीक हैं।
कई महीनों तक तो सबकुछ ठीक रहा। लेकिन इसके बाद कर्नल मार्टिन के पत्र आने बंद हो गए, जिसके बाद उनकी पत्नी भी परेशान हो गईं। कर्नल मार्टिन का कुछ पता नहीं चल रहा था कि आखिर वो सुरक्षित हैं या युद्ध में मारे गए। एक दिन उनकी पत्नी परेशान होकर कहीं जा रही थीं, तभी रास्ते में उन्हें भगवान शिव का एक मंदिर मिला। पता नहीं उनके मन में क्या आया, वो मंदिर के अंदर चली गईं। उस समय मंदिर में भगवान शिव की आरती चल रही थी। इस दौरान पूछने पर मंदिर के पुजारी ने बताया कि ये भगवान शिव हैं और इनके लिए कुछ भी असंभव नहीं है, वो जो चाहें वो कर सकते हैं।
वहीं भगवान शिव की महिमा जानने के बाद कर्नल मार्टिन की पत्नी ने भोलेनाथ से अपने पति की रक्षा करने की प्रार्थना की और 11 दिनों का एक अनुष्ठान भी करवाया। ठीक 11वें दिन एक चमत्कार हुआ और उनके पति यानी कर्नल मार्टिन का पत्र आया, जिसमें उन्होंने एक बेहद ही अजीबोगरीब और चमत्कारिक घटना के बारे में बताया। गौरतलब हो कि कर्नल मार्टिन ने पत्र के जरिए बताया कि हमारी सेना को अफगानों ने घेर लिया था, कई सैनिक शहीद हो गए थे और बचने के कोई आसार नहीं नजर आ रहे थे।
इसलिए मैंने आंखें बंद की और भगवान को याद किया। तभी युद्धभूमि में न जाने कहां से एक व्यक्ति आया। किसी योगी की तरह उसके लंबे-लंबे बाल थे, उसने अपने हाथ में एक त्रिशूल लिया हुआ था। उसे देखते ही अफगानी सैनिक तुरंत वहां से भाग खड़े हुए। इस तरह कर्नल मार्टिन की जान बची और उसके बाद वह अपने घर अपनी पत्नी के पास आए।
घर आने के बाद कर्नल मार्टिन की पत्नी ने बताया कि उसने भगवान शिव से उनकी रक्षा करने की प्रार्थना की थी। वो उन्हें भगवान शिव के उस मंदिर में ले गई, जहां भगवान शिव की प्रतिमा देखते ही कर्नल मार्टिन चौंक गए। उन्होंने कहा कि ये प्रतिमा उसी व्यक्ति की है, जिसने मुझे बचाने आया था। ऐसे में अब कर्नल मार्टिन का भगवान शिव पर विश्वास इतना दृढ़ हो गया कि उन्होंने साल 1883 में 15 हजार रुपये खर्च कर भगवान शिव के उस मंदिर का जीर्णोधार भी करवाया। इसके बाद दोनों पति-पत्नी एक वादे के साथ वापस इंग्लैंड चले गए कि वे इंग्लैंड में अपने घर में भगवान शिव की पूजा करेंगे। ऐसे में सावन के महीने में भगवान शिव से जुड़ी यह सत्य कहानी आपको कैसी लगी। हमें कमेंट कर अवश्य बताएं।