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शहीद कमल देव वैद्य की थी आज सेहरा बांधने की तैयारी, लेकिन उठेगी अर्थी , हर आंखें हुई नम

देश सेवा का जुनून कहीं न कहीं हर भारतीय में होता है। देश के लिए कुछ कर गुजरने का यह जज़्बा ही है कि लोग हर क्षण अपना सबकुछ कुर्बान करने के लिए तत्पर रहते हैं। ऐसी ही एक कहानी है एक ऐसे शख़्स की। जिसके सिर पर शादी का सेहरा बांधने की तैयारियां हो रही थी, लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था। जिसकी वज़ह से अब उसकी पार्थिव देह कफन में लिपटी हुई शादी से पहले घर आई। जी हां रविवार को शहीद कमल देव वैद्य की अर्थी घर आई। 22 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व है। रक्षाबंधन से 28 दिन पूर्व भाई की मौत की खबर से बहनें गहरे सदमे में हैं।

Shahid Kamal vaidhya

बता दें कि 27 वर्षीय कमल देव वर्ष 2015 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और इसी साल अक्तूबर में उनकी शादी होनी थी। शुक्रवार को कमल की दोनों बहनें अपने मायके आई थी। वह भी इसलिए कि राखी का त्योहार आ रहा। भाई के हाथों पर राखी बांधेगी। रात को दोनों बहनों इंदु और शशि ने व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल के जरिये कमल के साथी लंबी बात भी की थी। लेकिन शनिवार सुबह सात बजे भाई की मौत की खबर पहुंच गई। जिसके बाद शहीद कमल देव अपने पीछे माता-पिता, बड़ा भाई और दो बहनें छोड़ गए हैं। शहीद के पिता मदन लाल कारपेंटर हैं। माता बनीता कुमारी गृहणी हैं जबकि बड़ा भाई देवेंद्र वैद्य गांव में ही सामान की डिलीवरी का निजी काम करता है।

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ऐसे में कहीं न कहीं परिवार पर मुसीबतों का दोहरा आघात हुआ है। एक तरफ़ परिवार का जवान बेटा शहीद हो गया। तो वहीं दूसरी ओर एक स्थाई कमाई करने वाला घर का सदस्य चला गया। मालूम हो कि कमल देव ने लुद्दर महादेव स्थित राजकीय उच्च पाठशाला से दसवीं और भोरंज स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला से बारहवीं कक्षा की पढ़ाई की थी। उन्होंने राजकीय महाविद्यालय कंज्याण भोरंज में बीएससी प्रथम वर्ष में दाखिला लिया था, लेकिन इसी बीच वह सेना में भर्ती हो गए।

इतना ही नहीं अक्तूबर माह में शादी की तैयारियों को देखते हुए कमल ने करीब चार कमरों का पक्का मकान बनवाने का काम भी शुरू करवा दिया था। इस मकान का निर्माण अंतिम चरण में है। शादी से पहले गृह प्रवेश की योजना थी। माता-पिता, भाई, दोनों बहनों ने शनिवार सुबह से जब सैनिक के शहीद होने की खबर पाई है तब से अन्न का एक दाना ग्रहण नहीं किया। बहनें पूछ रही हैं कि अब वह रक्षाबंधन पर किसकी कलाई पर राखी बांधेंगी।

Shahid Kamal vaidhya

ऐसे में शादी और मकान का गृह प्रवेश तो अब दूर की कौड़ी साबित हो रहा। उसके पहले ही पूरे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। वहीं बता दें कि एक साल के भीतर उपमंडल भोरंज में सैनिक के शहीद होने का यह दूसरा मामला है। पिछले साल सियाचिन के गलवां घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भोरंज उपमंडल के गांव कड़ोहता के सैनिक अंकुश ठाकुर शहीद हो गए थे और अब कमल देव वैद्य।


बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में बारूदी सुरंग फटने से हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के भोरंज उपमंडल के घुमारली गांव निवासी डोगरा रेजिमेंट के जवान कमलदेव वैद्य शहीद हो गए थे और आज उनका पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया है। कमलदेव के बलिदान पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं युवा सेवाएं खेलमंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में उपमुख्य सचेतक एवं विधायक कमलेश कुमारी, विधायक राजेंद्र राणा व इंद्रदत्त लखनपाल, पूर्व विधायक डा. अनिल धीमान, पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश कुमार, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल, प्रोमिला कुमारी, जिला परिषद पवन कुमार ने शोक व्यक्त किया है।

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