आज से शुरू हुआ सावन का महिना, इस महीने भूलकर भी न करें ये 7 काम, इस विधि से करें शिव पूजा
आज यानि 25 जुलाई रविवार से सावन मास शुरू हो गया है। सावन हिंदू पंचांग का पांचवां महीना है। यह 25 जुलाई, रविवार से 22 अगस्त, रविवार तक चलेगा। इस माह के स्वामी वैकुंठनाथ हैं। श्रवण नक्षत्र में इसकी पूर्णिमा आती है जिसके चलते इसे श्रावण या सावन माह कहा जाता है। इस माह में भी पूजा के लिए सोमवार का विशेष महत्व माना जाता है। दरअसल श्रवण नक्षत्र के स्वामी चंद्रदेव हैं और चंद्र को सोम भी कहा जाता है। अर्थात चंद्रवार का एक नाम सोमवार भी है।
शिव भक्तों के लिए सावन का महिना बड़ा खास होता है। इस महीने में हर कोई भोलेनाथ को प्रसन्न करने की कोशिश करता है। कहते हैं कि सावन में जो शिवजी को प्रसन्न करने में कामयाब हो जाता है भोलेनाथ उसकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। इतना ही नहीं आपके जीवन से दुखों का भी खात्मा हो जाता है। सावन माह से जुड़े कुछ नियम होते हैं। जैसे इस माह में कुछ खास काम करने की मनाही होती है।
सावन मास में न करें ये काम
1. सावन के महीने में सुबह ज्यादा देर तक नहीं सोना चाहिए। इस माह में जितना जल्दी हो सके उठकर स्नान कर लेना चाहिए। सुबह सुबह की गई पूजा का ज्यादा महत्व होता है। इससे शिवजी भी प्रसन्न होते हैं।
2. सावन माह में जितना हो सके हरी सब्जियों को खाने से बचना चाहिए। दरअसल ये बारिश का मौसम भी होता है। इस मौसम में सब्जियों में कई प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस हो सकते हैं। ये आपको बीमार कर सकते हैं।
3. सावन माह में मूली और बैंगन खाने की मनाही होती है। इसे इस मास में खाने से सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही तेल में पकाई गई चीजों का सेवन भी कम करना चाहिए।
4. सावन मास में भूलकर भी तामसिक भोजन न करें। तामसिक भोजन में प्याज, लहसुन, मांस, मछली जैसी चीजें आती है।
5. सावन माह में नशा करना भी त्याग देना चाहिए। यदि आप नशा करते हैं तो शिवजी नाराज हो सकते हैं।
6. सावन माह में यदि कोई आपके द्वार पर कुछ मांगने आए तो उसे खाली हाथ न लौटाएं। उसे अपनी क्षमता के अनुसार कुछ न कुछ अवश्य दें। ऐसा करने से आपके घर धन और अन्न की कभी कोई कमी नहीं होगी।
7. सावन मास में जहां तक संभव हो ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस माह में मन में उत्तेजक विचार लाने से बचे।
ऐसे करें शिवजी की पूजा
सावन माह में शिवजी की पूजा करने से दुख दर्द दूर भागते हैं और खुशियां दस्तक देती है। इस माह में रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ सुथरे कपड़े पहन लें। इसके बाद पूजा घर में घी का दीपक प्रज्वलित करें। अब सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। वहीं शिवलिंग पर गंगा जल के साथ दूध भी चढ़ाएं। इसके बाद शिवजी को पुष्प और बेल पत्र अर्पित करें। अब शिवजी की आरती कर उन्हें भोग लगाएं। अंत में जितना हो सके आंख बंदकर सच्चे मन से शिवजी का ध्यान करें। आपकी सभी परेशानियाँ दूर हो जाएंगी। साथ ही मनोकामना भी पूर्ण होगी।
शिव पूजा की सामग्री: फूल, फल, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली, जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, आदि का इस्तेमाल शिव पूजा में किया जा सकता है।