दुनिया की दुर्लभ मछली ‘मूनफिश’ की मौत से दंग रहे गए वैज्ञानिक, खतरे में आ सकता है इंसानों का भविष्य
दुनिया की दुर्लभ मछलियों में से एक ‘मून फिश’ की मौत हो गई है। अमेरिका के ओरेगन सीसाइट के एक समुद्र तट पर इस मछली ने दम तोड़ा है। मून फिश को ओपा के नाम से भी जाना जाता है। ये उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण पानी में पाई जाती है। कहा जा रहा है कि समुद्र का पानी गर्म होने के कारण ही इस मछली ने दमतोड़ा है और तड़प -तड़पकर इसकी मौत हुई है। मून फिश की मौत के बाद वैज्ञानिकों ने दुनिया के लिए चेतावनी भी जारी की है और ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चिंता जाहिर की है।
मून फिश करीब 6 फीट तक लंबी होती है। लेकिन जो मछली मरी है उसका आकार कम था। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के बॉयोलॉजिस्ट हेइडी देवर ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि ”इस मछली का इतना कम आकार होना अकल्पनीय है”। बॉयोलॉजिस्ट हेइडी देवर ने कहा कि ”मून फिश उबल गई थी और ये पानी में क्यों उबली है। इसको लेकर रिसर्च की जाने चाहिए।
इन्होंने कहा कि इस दुर्लभ मछली की मौत के बारे में गहन अध्ययन किया जाना चाहिए। उसने पिछले दिनों क्या खाया था और उसके पेट में क्या सब है। उसका अध्ययन करने के बाद ही मौत की वजह हाथ लग सकेगी। ये असाधारण मछली कहा रहती थी। इसका पता लगाना भी जरूरी है।
साल 2009 में भी ओपा मछली पाई गई थी। इसका वजन करीब 42 किलो था। ये कोलंबिया नदी में पकड़ी गई थी। लेकिन इस बार मून फिश मृत पाई गई है। इसी मछली के बारे में इसी साल अप्रैल में एक अध्ययन भी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि ”समुद्र में पानी लगातार गर्म हो रहा है, जिसकी वजह से मून फिश का गर्म समुद्र में रहना काफी मुश्किल होने वाला है और हो सकता है कि ये मून फिश गर्म पानी से जानबचाकर ठंडे पानी वाले हिस्सों की तरफ पलायन करे”।
वैज्ञानिकों के अनुसार समुद्र का औसतन तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। समुद्र में रहने वाली कई प्रजातियों के लिए ये अनुकूल नहीं है। ऐसे में ये प्रजातियां लुप्त हो सकती हैं। मून फिश का मरना इंसानों के लिए एक चेतावनी है। वैज्ञानिकों के अनुसार समुद्र के बढ़ते तापमान के कारण स्थानीय प्रजातियों का समुद्र में रहना मुश्किल बन रहा है। ध्रुव की तरफ वाले समुद्र में भी पानी धीरे धीरे गर्म होना शुरू हो चुका है। जिसकी वजह से इन दुर्लभ प्रजातियों पर लुप्त होने का खतरा मंडराने लगा है।
1500 प्रजातियां हो गई है लुप्त
आपको जानकर हैरानी होगी की ग्लोबल वार्मिंग की वजह से कम से कम 1500 प्रजातियां गायब हो चुकी हैं। ऑकलैंड विश्वविद्यालय में समुद्री जीव विज्ञान के प्रोफेसर और वरिष्ठ लेखक मार्क कॉस्टेलो ने इस बारे में जानकारी दी थी। न्यूज एजेंसी एएफपी से बात करते हुए इन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से कम से कम पिछले 60 सालों में समुद्री जीवन काफी बदल चुका है। रिसर्च में पता चला है कि कम से कम 1500 प्रजातियां अब गायब हो चुकी है। ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को वक्त रहते अगर रोका नहीं जाता है तो आने वाले समय में स्थिति और खतरनाक देखने को मिल सकती है।